Gujarat Elections 2017: कांग्रेस की इस तरह मदद कर बीजेपी को झटका देगी AAP
गुजरात का संकल्प, आप ही खरा विकल्प' और 'एक मौका आप को फिर देखो गुजरात को' के नारे के साथ गुजरात विधानसभा में उतरने जा रही आम आदमी पार्टी ने चुनावों से पहले अपने प्लान में कुछ बदलाव किया है।
नई दिल्ली। गुजरात का संकल्प, आप ही खरा विकल्प' और 'एक मौका आप को फिर देखो गुजरात को' के नारे के साथ गुजरात विधानसभा में उतरने जा रही आम आदमी पार्टी ने चुनावों से पहले अपने प्लान में कुछ बदलाव किया है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक आम आदमा पार्टी गुजरात विधानसभा चुनाव जीतने के लिए नहीं बल्कि बीजेपी को हराने के लिए लड़ेगी जिसका सीधा फायदा कांग्रेस को मिलेगा मतलब साफ है कि आम आदमी पार्टी का इरादा हर हाल में बीजेपी की मिट्टी पलीत करने का है।
क्या AAP कांग्रेस को फायदा पहुंचाना चाहती है?
आम आदमी पार्टी के गुजरात प्रभारी गोपाल राय का वैसे तो कहना है कि पार्टी राज्य में वोट काटने के लिए नहीं बल्कि बदलाव के लिए चुनाव लड़ेगी लेकिन साथ ही वे कहते हैं कि जहां पार्टी के मजबूत उम्मीदवार नहीं होंगे वहां बीजेपी के खिलाफ सबसे सशक्त उम्मीदवार को जिताने के लिए जोर लगाया जाएगा। गोपाल राय ने ये भी साफ किया है कि कांग्रेस के स्वच्छ छवि वाले चेहरों को समर्थन देने से भी आम आदमी पार्टी परहेज नहीं करेगी।
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बीजेपी के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार को समर्थन
गोपाल राय ने कहा है कि वह गुजरात में बीजेपी के खिलाफ पड़ने वाले वोटों को काटने के लिए नहीं बल्कि बीजेपी को हराने के लिए चुनावी समर में उतरेंगे। गोपाल राय का कहना है कि जिन सीटों पर आम आदमी पार्टी की स्थिति बेहतर नहीं है और जहां पर उसे बूथ स्तर तक संगठन हासिल नहीं है वहां पर वह अपने उम्मीदवार उतार कर बीजेपी के खिलाफ पडने वाले वोटों का बंटवारा नहीं करना चाहती है। ऐसी सीटों पर AAP बीजेपी के खिलाफ जो भी मजबूत उम्मीदवार होगा उसका समर्थन और मदद करेगी। चाहे वो उम्मीदवार निर्दलीय हों या फिर किसी और पार्टी का हो।
गुजरात चुनाव लड़ना AAP की मजबूरी
आम आदमी पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ना पार्टी की मजबूरी भी है क्योंकि बिना चुनाव लड़े राज्य में संगठन का फैलाव होना मुश्किल है और चुनाव न लड़ने से पिछले 3 सालों में बनाए गए संगठन को नुकसान हो सकता है। इसलिए आम आदमी पार्टी गुजरात में एक तीर से दो निशाना साधने की कोशिश कर रही है। पहली कोशिश है कि चुनाव लड़ कर दूसरे राज्यों में उसका विस्तार बड़े और संगठन मजबूत हो साथ ही दूसरी कोशिश यह भी है कि बीजेपी के खिलाफ वोटों का बंटवारा करने की बजाए जीत की संभावना वाले दूसरे उम्मीदवारों की मदद की जाए। खबर ये भी है कि गुजरात चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी किसी पा्र्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी और दिवाली के बाद पार्टी अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान करेगी।
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