भारत में 4.6 करोड़ सिम कार्ड के उपभोक्ता हैं अज्ञात: कैग
किसी हमले के लिए आतंकवादी संगठन द्वारा सिम कार्ड का इस्तेमाल करना कोई नई बात नहीं है। वहीं, यही मोबाइल फोन और सिम कार्ड कई बार उनके पकड़े जाने का कारण भी बनती है। लिहाजा, सिम कार्ड के वितरण में खासी सावधानी बरतनी पड़ती है और खरीददार को अपने से संबंधित सारे विवरण देने पड़ते हैं।
लेकिन कैग के एक ताजा रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि सात टेलीकॉम कंपनियों के 4.59 करोड़ चालू सिम कार्ड किसी अज्ञात उभोक्ता के पास हैं, जिससे संबंधित कोई जानकारी नहीं है।
लिहाजा, इस गैर- जिम्मेदारी के लिए भारत की सात प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों पर 4,200 करोड़ रूपए का जुर्माना लगाया गया है।
सिम कार्ड वितरण के नियम का उल्लंघन करने में सबसे पहला नाम है रिलायंस कम्यूनिकेशन का। जिस पर 918 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। रिलांयस के बाद, एयरटेल, वोडाफोन, आडिया, बीएसएनएल, टाटा टेलीसर्विसेज और एयरसेल कंपनियां भी इस श्रेणी में खड़ी हैं।
भारत में जब आतंकवादियों ने फर्जी पहचान पत्र के जरीए सिम कार्ड लिया था और सिलसिलेवार ब्लास्ट में उसका इस्तेमाल किया, तब 2008 में सरकार ने सिम कार्ड वितरण के दिशा निर्देश में कड़ाई बरती थी। सुरक्षा पैमाने को देखते हुए सरकार ने सभी सिम कार्ड उपभोक्ताओं के लिए 100 प्रतिशत प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिया था।
कैग की रिपोर्ट पर बात करते हुए ऑडिटर ने कहा कि जबकि ये टेलीकॉम कंपनियां जानती हैं कि यह लापरवाही राष्ट्र सुरक्षा को संकट में डाल सकती है, इसके बावजूद टेलीकॉम डिपार्टमेंट इस दिशा में प्रभावहीन है। यहां तक की टेलीकॉम कंपनियों ने 400 करोड़ का जु्र्माना देने के बाद बाकी जु्र्माना भरने से भी मना कर दिया है। लेकिन उनके खिलाफ अभी तक किसी प्रकार का कोई कदम नहीं लिया गया है।