क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

इराक में 39 की मौत: इराकी अधिकारी ने कहा एक वर्ष पहले ही मर गए थे भारतीय मजदूर, सिर में मारी गई गोली!

मंगलवार को संसद में विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने जानकारी दी कि साल 2014 में इराक के मोसुल शहर से जिन 39 भारतीयों को अगवा किया गया था, उनकी मौत हो चुकी है। सुषमा के इस दावे पर एक इराकी अधिकारी ने भी मोहर लगा दी है। इस इराकी अधिकारी की मानें तो ज्‍यादातर भारतीयों को सिर में गोली मारी गई थी।

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। मंगलवार को संसद में विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने जानकारी दी कि साल 2014 में इराक के मोसुल शहर से जिन 39 भारतीयों को अगवा किया गया था, उनकी मौत हो चुकी है। सुषमा के इस दावे पर एक इराकी अधिकारी ने भी मोहर लगा दी है। इस इराकी अधिकारी की मानें तो ज्‍यादातर भारतीयों को सिर में गोली मारी गई थी और फॉरेंसिट टेस्‍ट्स में भी इस बात की पुष्टि हुई है। साल 2014 में जब आईएसआईएस ने इराक के शहर मोसुल में अपने पैर पसारने शुरू किए थे तो उस समय आईएसआईएस ने 40 भारतीयों को बंधक बना लिया था। इन भारतीयों के शवों को भारत लाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। इन सभी भारतीयों के शव बदूश की पहाड़ी पर स्थित कब्रों में मिले हैं।

iraq-indians-mosul

सभी शव कंकाल में हो गए थे तब्‍दील

इराक के फॉरेसिंक मेडिसिन डिपार्टमेंट की ओर से इन शवों को डीएनए टेस्‍ट किया गया है। यह विभाग इराक के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के तहत आता है। विभाग के प्रमुख डॉक्‍टर जैदी अली अब्‍बास ने भारतीय मीडिया को फोन पर बताया कि ज्‍यादातर शवों के सिर में गोली लगने के निशान हैं। उन्‍होंने बताया कि जब उनके पास ये शव टेस्‍ट के लिए आए थे तो कंकाल में तब्‍दील हो चुके थे। उनमें न तो कोई कोशिका थी और न ही कोई मांसपेशी बची थी। उन्‍होंने कहा कि फॉरेसिंक साइंस पर भरोसा करें तो ये सभी लोग एक वर्ष पहले ही मर चुके थे। विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज से मीडिया कांफ्रेंस में पूछा गया था कि इन भारतीयों की मौत कैसे हुई, क्‍या उन्‍हें गोली मारी गई थी या फिर उन्‍हें किसी और तरीके से मारा गया था? इस पर उन्‍होंने जवाब दिया था, 'अब इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनकी हत्‍या छह माह पहले हुई या फिर दो वर्ष पहले हुई। इनके शवों की सर्च मोसुल के आजाद होने तक संभव नहीं थी।' सुषमा ने बताया कि नौ और 10 जुलाई को जब मोसुल आजाद हो गया था तो विदेश राज्‍य मंत्री वीके सिंह को मोसुल भेजा गया था।

विदेश मंत्रालय को नहीं मालूम कैसे हुई मौत

विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि अभी तक इस बात का पता नहीं लगाया जा सका है कि उन्‍हें कब मारा गया है। सुषमा ने यह भी कहा था कि जब मार्टयर्स फाउंडेशन की ओर से सर्टिफिकेट्स आएंगे तभी इस बात का पता लग सकेगा कि इनकी मौत आखिर कैसे हुई थी। इन्‍हें गोली मारी गई थी या फिर किसी और तरीके से इन्‍हें मारा गया था। साथ ही जब डीएनए प्रोफाइलिंग की जाएगी तभी मौत का समय पता लग सकेगा। सुषमा स्‍वराज ने जानकारी दी थी कि 39 भारतीयों में से एक भारतीय हरजीत मसीह अपनी जान बचाकर भाग गया था। इस भारतीय नागरिक का नाम हरजीत सिंह मसीह है और इसने खुद को बांग्‍लादेश का मुस‍लमान बताकर किसी तरह से अपनी जान बचाई थी। लेकिन 39 लोगों को बदूश में ले जाकर मार दिया गया। बदूश की पहाड़ी पर रडार की मदद से शवों को तलाशा जा सका था।

Comments
English summary
According to an Iraqi official 39 Indian workers kidnapped by ISIS in Mosul, Iraq were killed an year back.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X