पुलवामा हमले के बाद क्या वाकई 'मारे गए' 36 चरमपंथी: फ़ैक्ट चेक
दिलचस्प बात है कि यही तस्वीर फ़रवरी 2015 में मिस्र में भी वायरल रह चुकी है. मिस्र के लोगों ने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि उनकी फ़ौज ने लीबिया में आईएस के ठिकानों पर बम गिराकर अपना बदला लिया.
दरअसल, आईएस चरमपंथियों ने मिस्र के 21 इसाइयों के सिर धड़ से अलग कर दिये थे और उसका वीडियो जारी कर दिया था.
दावा: पुलवामा हमले के बाद शुरू हुई भारतीय सेना की ख़ुफ़िया स्ट्राइक में 36 कश्मीरी चरमपंथी मारे जा चुके हैं.
इस दावे के साथ एक वीभत्स तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है. तस्वीर में एक दीवार के पास दर्जनों शव ज़मीन पर पड़े दिखाई देते हैं.
कई दक्षिणपंथी रुझान वाले फ़ेसबुक ग्रुप्स में इस तस्वीर को भारतीय सेना के हवाले से शेयर किया गया है.
ये बात सही है कि भारत प्रशासित कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ़ के काफ़िले पर हुए आत्मघाती हमले में 45 से ज़्यादा भारतीय जवान मारे गए थे जिसके बाद सैन्य ऑपरेशन में भारतीय सेना ने कुछ चरमपंथियों को मार दिया था.
पुलवामा में हुई भारतीय सेना की कार्रवाई में ही तीन चरमपंथियों का एनकाउंटर किया गया था.
लेकिन '36 कश्मीरी चरमपंथियों' की तस्वीर बताते हुए जो तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है, उसका पुलवामा या भारत से कोई वास्ता नहीं है.
असल में ये तस्वीर पाकिस्तान की है और पहले भी बदले हुए संदर्भ के साथ सोशल मीडिया पर शेयर की जाती रही है.
वायरल तस्वीर की असलियत
रिवर्स इमेज सर्च में हमने पाया कि ये तस्वीर 19 दिसंबर 2014 की है. इस तस्वीर को फ़ोटो एजेंसी एएफ़पी के फ़ोटोग्राफ़र बासित शाह ने क्लिक किया था.
फ़ोटो एजेंसी के अनुसार तस्वीर में जो शव दिखाई पड़ रहे हैं वो तालिबान लड़ाकों के हैं जिन्हें पाकिस्तानी फ़ौज ने उत्तर-पश्चिमी हंगु प्रांत में मारा था.
पाकिस्तान फ़ौज ने ये कार्रवाई आर्मी द्वारा संचालित एक स्कूल पर हुए हमले के जवाब में की थी. पाकिस्तानी फ़ौज के अनुसार पेशावर स्थित एक स्कूल पर हुए हमले में 132 बच्चों समेत कुल 141 लोगों की जान गई थी.
सर्जिकल स्ट्राइक
यही तस्वीर साल 2016 में भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है.
उस समय दावा किया गया था कि भारतीय सेना ने लाइन ऑफ़ कंट्रोल के पास सर्जिकल स्ट्राइक कर कई चरमपंथियों का मार दिया है.
भारत सरकार ये दावा करती रही है कि भारत प्रशासित कश्मीर के उड़ी स्थित आर्मी बेस पर चरमपंथी हमले के बाद भारतीय फ़ौज ने पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में जाकर चरमपंथी ठिकानों को निशाना बनाया था.
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आईएस के लड़ाके
इंटरनेट पर कुछ ऐसे ब्लॉग भी मिलते हैं जिनमें इस तस्वीर को कुर्द पशमर्गा फ़ोर्स के हाथों मारे गए आईएस लड़ाकों की तस्वीर बताया गया है.
एक ब्लॉग में दावा किया गया है कि कुर्द पशमर्गा फ़ोर्स ने 6 घंटे चली मुठभेड़ में तथाकथित चरमपंथी संगठन के 120 लड़ाकों को मारा. कुर्द पशमर्गा फ़ोर्स उन लड़ाकों का बेड़ा है जिन्होंने उत्तरी इराक़ में आईएस को टक्कर दी थी.
दिलचस्प बात है कि यही तस्वीर फ़रवरी 2015 में मिस्र में भी वायरल रह चुकी है. मिस्र के लोगों ने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि उनकी फ़ौज ने लीबिया में आईएस के ठिकानों पर बम गिराकर अपना बदला लिया.
दरअसल, आईएस चरमपंथियों ने मिस्र के 21 इसाइयों के सिर धड़ से अलग कर दिये थे और उसका वीडियो जारी कर दिया था.
इसके जवाब में मिस्र ने लीबिया पर बम बरसाये थे. लेकिन पाकिस्तान की ये तस्वीर बमबारी में मारे गए आईएस लड़ाकों की बताकर शेयर की गई थी.
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