दार्जिलिंग भूस्खलन में 30 लोगों की मौत, सरकार देगी मुआवजा
सिलीगुड़ी/कोलकाता (पश्चिम बंगाल)| पश्चिम बंगाल में लगातार बारिश के कारण दार्जिलिंग पहाड़ियों में मंगलवार देर रात भूस्खलन की घटना में 30 लोगों की मौत हो गई। इस आपदा में आठ लोग अभी लापता हैं। भूस्खलन में राज्य को सिक्किम से जोड़ने वाला मार्ग बाधित हो गया है। भारी बारिश में मिट्टी के कटाव और मलबे के जमा होने से रोहिणी-गरिधुरा पुल और एवं राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 एवं 10 भी बाधित हो गए हैं।
मोंगपोंग और सीवोक कालीबाड़ी में विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन हुआ है, जिसके कारण लोग राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर फंसे हुए हैं।राज्य सरकार से इस आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को चार लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से प्रत्येक पीड़ित के परिवार को दो लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है।
आपदा
में
मारे
गए
लोगों
के
प्रति
संवेदना
व्यक्ति
करते
हुए
प्रधानमंत्री
ने
अपने
ट्विटर
अकाउंट
पर
लिखा,
"स्थिति
का
जायजा
लेने
के
लिए
केंद्रीय
गृहराज्य
मंत्री
किरण
रिरिजू
इलाके
के
लिए
रवाना
हो
गए
हैं।
राज्य
की
मुख्यमंत्री
ममता
बनर्जी
ने
कहा,
"भूस्खलन
में
30
लोगों
की
मौत
हो
गई,
जबकि
आठ
अन्य
अभी
लापता
हैं।"
बनर्जी
ने
कहा,
"बरामद
किए
गए
30
शवों
में
मिरिक
से
22,
कलिमपोंग
से
छह
और
सुखियापोखरी
एवं
गोरुबाथम
इलाकों
से
एक-एक
शव
बरामद
किए
गए
हैं।"
लापता
लोगों
में
छह
लोग
मिरिक
से
हैं
जबकि
दो
लोग
कलिमपोंग
से।
मुख्यमंत्री
ने
इस
आपदा
में
प्रभावित
लोगों
को
सभी
प्रकार
की
सहायता
प्रदान
करने
का
आश्वासन
दिया
है।
उन्होंने कहा, "धन से जीवन की भरपाई कभी नहीं हो सकती। राज्य सरकार ने हालांकि फैसला किया है कि इस आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को चार लाख रुपये और घायलों को 1.25 लाख रुपये की राशि मुआवजे के तौर पर दी जाएगी। इस आपदा में प्रभावित हुए लोगों के पुनस्र्थापन में राज्य सरकार सभी प्रकार की सहायता मुहैया कराएगी।"
जलपाईगुड़ी
जिले
में
भारी
बारिश
के
कारण
जल
जमाव
से
कम
से
कम
5,000
लोग
प्रभावित
हैं।
तीस्ता
बांध
से
5,000
क्यूसेक
पानी
छोड़े
जाने
के
बाद
यहां
भारी
जल
जमाव
की
स्थिति
उत्पन्न
हो
गई
है।
जिला
प्रशासन
ने
तीस्ता
और
तोरसा
नदी
में
जलस्तर
खतरे
के
निशान
को
छूने
के
बाद
यहां
रेड
अलर्ट
जारी
कर
दिया
है।प्रभावित
क्षेत्र
में
जहां
सशस्त्र
सीमा
बल
और
आपदा
प्रबंध
कर्मचारी
राहत
कार्यो
में
जुटे
हैं,
वहीं
उत्तरी
बंगाल
विकास
मंत्री
गौतम
देब
ने
कहा
कि
राहत
कार्यो
में
मदद
के
लिए
सेना
बुलाई
गई
है।राष्ट्रीय
आपदा
कार्रवाई
बल
के
दो
दलों
को
भी
प्रभावित
इलाके
के
लिए
रवाना
कर
दिया
गया
है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।