कैसे भड़का था गुजरात का दंगा, नानावती कमिशन ने सौंपी रिपोर्ट
नयी दिल्ली। 2002 के गुजरात दंगे के 12 साल बीत जाने के बाद अब इस बात से पर्दा उठ गया है कि आखिर दंगा कैसे भड़का था। 12 साल बीत जाने के बाद जस्टिस शाह नानावती कमिशन ने अपना रिपोर्ट सौंप दिया है। नानवती कमिशन ने अपनी रिपोर्ट गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को सौंप दी है।
अपनी रिपोर्ट में जस्टिस नानावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को क्लीन चिट दी है। जीटी नानावती कमिशन ने 2002 के गुजरात दंगों में तब के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की जांच की है। जस्टिस नानावती ने 2,000 पन्नों में रिपोर्ट मुख्यमंत्री आनंदी बेन को सौंप दी है। आयोग पैनल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दंगों में सहभागिता को लेकर क्लीनचिट दे दी है।
गौरतलब है कि 2008 में इन्क्वॉयरी पैनल ने गोधरा स्टेशन पर ट्रेन में लगी आग पर अपनी रिपोर्ट के एक हिस्से को सौंपा था। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में गोधरा रेलवे स्टेशन पर एक साजिश के तहत आग लगाई गई थी।
ये रिपोर्ट रिटायर जस्टिस जीटी नावावटी और अक्षय मेहता के नेतृत्व में तैयार किया गया। जस्टिस केजी शाह के नेतृत्व में इस कमिशन का गठन गुजरात सरकार ने 2 मार्च 2002 को किया था। गौरतलब है कि 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती ट्रेन के एस-6 कोच को आग के हवाले कर दिया गया था, जिसके बाद पूरे गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। जिसमें 1000 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इस दंगों के बाद उसे वक्त की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री रहे नरेन्द्र मोदी लोगों के निशाने पर आ गए थे।