स्कूल छूट जाने के 18 साल बाद महिला ने बेटे संग पास किया 10वीं का एग्जाम
भुवनेश्वर: स्कूल छोड़े हुए तकरीबन 18 साल बाद एक महिला ने अपने बेटे के साथ मैट्रिंक की परीक्षा पास कर सभी के लिए उदाहरण पेश किया है। ओडिशा के मलकानगिरी जिले में रहने वाली यह ट्राइबल महिला आंगनबाड़ी में मजूदर है। जिसमें नाम बसंती मुदुली है, जिसने आज लगभग 18 साल पहले पढ़ाई छोड़ दी थी। उसके बाद शादी हो गई और अब सी-कॉलोनी कर्लाकोटा ग्रामपंचायत मलकानगिरी कोरुकोंडा के अंतर्गत आंगनबाड़ी मजदूर के रूप में काम करती हैं।
लेकिन स्कूल छूट जाने के 18 साल बाद जब बसंती ने ओडिशा स्टेट ओपन स्कूल द्वारा आयोजित मैट्रिक या कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा पास की तो वो अपने आंसुओं को छिपा नहीं सकीं। परीक्षा पास करने के बाद बसंती ने क रहा कि पढाई में उनके पति लबा पटनायक और बड़े बेटे शिबानंदा ने मदद की। महिला ने बताया कि वो बोर्ड एग्जाम की तैयारी अपने बेटे की किताबों को पढ़ कर की। बसंती ने कहा कि बेटा स्कूल से जो भी पढ़कर आता था तो मुझे बताता था।
बसंती ने कहा कि मैट्रिक परीक्षा को क्लियर करने में मेरी विफलताओं ने मुझे हमेसा रैंक किया। मुझे यह भी एहसास हुआ कि मैट्रिक क्लियर किए बिना मुझे संभवत: कोई प्रमोशन नहीं मिल सकता है। बसंती ने कहा कि उसकी खुशी उस समय दोगुनी हो गई जब उसको पता चला कि उसके बड़े बेटे सिबानंद ने अपने पहले प्रयास में ही परीक्षा पास कर ली है।
बोर्ड परीक्षा में बसंती को 203 अंक मिले हैं और डी ग्रेड के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की है। जबकि उसके बेटे ने सी ग्रेड के साथ 340 अंक प्राप्त किए हैं। पत्नी और बेटे के एकसाथ पास होने पर पति लाबा पट्टनायक ने कहा कि वह चाहेंगी कि उनकी पत्नी आगे की भी पढ़ाई करे। वहीं नबरंगपुर से नवनियुक्त सांसद रमेश चंद्र माझी ने कहा कि मुदुली जैसे लोग मलकानगिरी और नबरंगपुर के लोगों के लिए प्रेरणा हैं।
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