कौन हैं वो तीन सांसद जिन्होंने आरक्षण बिल के विरोध में डाले वोट
नई दिल्ली। लोकसभा में सवर्ण गरीबों को सरकारी नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो गया है। सवर्ण आरक्षण बिल लोकसभा में पास हो गया है। लोकसभा में आरक्षण के लिए लाए गए 124वें संविधान संशोधन विधेयक के पक्ष में 323 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में सिर्फ 3 वोट डाले गए। अब कल इस बिल को राज्य सभा में पेश किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने 124वां संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया , जिसके बाद इस बिल पर लगभग 5 घंटे लंबी चर्चा चली। सदन में मौजूद अधिकांश पार्टी ने इस बिल का खुलकर विरोध नहीं किया। कांग्रेस ने बिल का विरोध नहीं किया, लेकिन पार्टी ने मांग की थी कि बिल पहले संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा जाए।
सदन में चर्चा के दौरान अन्नाद्रमुक के एम थंबिदुरै, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया था। इस बिल पर चर्चा करते हुए एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस धोखा करार दिया और कहा कि मैं इस बिल का विरोध करता हूं, क्योंकि ये बिल एक धोखा है। उन्होंने कहा कि इस बिल के माध्यम से बाबा साहब आंबेडकर का अपमान किया गया है। बहस के दौरान कई विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार इस विधेयक को लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर लाई है, लेकिन आखिरकार वोटिंग के जरिए इस बिल को पास करवा लिया गया।
अब बुधवार को ये बिल राज्यसभा में पेश होगाष राज्यसभा में सांसदों की मौजूद संख्या 244 है। बिल पारित कराने के लिए वहां दो तिहाई सांसदों यानी 163 वोटों की जरूरत होगी। राज्यसभा में भाजपा के 73 समेत एनडीए के पास 88 सांसद हैं। जबकि कांग्रेस के 50, सपा के 13 और बसपा के 4 , राकांपा के 4 और आप के 3 सासंद है, जिन्होंने बिल का समर्थन किया है।