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राहुल गांधी की ये 10 गलतियां कांग्रेस पर पड़ी भारी,चारों खाने हुए चित

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे सामने आ चुके हैं। जनादेश भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में आया है। बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। एनडीए ने 2014 के अपने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। एनडीए ने 350 के आंकड़े को पार कर लिया जबकि UPA 60 के आसपास सिमटती दिख रही है। कांग्रेस की एक बार फिर कांग्रेस की बड़ी पराजय हुई है। विपक्ष के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी ने कई ऐसी ग‍लतियां की, जिसे राजनीति विशेषज्ञ कांग्रेस की हार की सबसे बड़ी वजह बता रहे हैं।

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 चौकीदार चोर है का नारा

चौकीदार चोर है का नारा


कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने चुनावों के दौरान 'चौकीदार चोर है' का नारा दिया, जो उनपर ही भारी पड़ गया। सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें फटकार मिली। उन्हें सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगनी पड़ी। उनके इस नारे को भाजपा ने ही हथियार बना लिया और चौकादार बन गए।

 राफेल डील पर डटे रहना

राफेल डील पर डटे रहना


राहुल गांधी ने राफेल मामले को बेमतलब का तूल दिया। जिसमें जनता को दिलचस्पी नहीं ती राहुल उसे जबरदस्ती मुद्दा बनाना चाहते थे। हालांकि जनता ने उसने खास रूचि नहीं दिखाई और राहुल पर राफेल मामले का उठाना भी उनपर ही भारी पड़ रहा।

 मोदी पर आरोप

मोदी पर आरोप


राहुल गांधी ने चुनावी रैलियों के दौरान कई बार पीएम मोदी पर हमले किए, आरोप लगाए। राहुल ने पीएम मोदी की लोकप्रियता को नकारने की कोशिश की, जो उनपर ही भारी पड़ गई । उन्‍होंने बार-बार नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। लोगों को राहुल की ये राजनीति पसंद नहीं आई और राहुल की चाल उनपर ही भारी पड़ गई।

 मोदी की मॉफ्ड तस्वीर शेयर करना

मोदी की मॉफ्ड तस्वीर शेयर करना


चुनावों के दौरान राहुल गांधी ने कई बार पीएम मोदी पर व्यक्तिगत रूप से उनकी निजी जीवन पर निशाना साधा। मोदी पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट्स किए। राहुल ने अपने ट्विटर हैंडल पर मोदी की मॉर्फ्ड इमेज शेयर की। उन्होंने तस्वीर शेयर करते हुए नया शब्द मोदीलाइ (Modilie) दिया, जिसकी हवा ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने निकाल दी। ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी नेराहुल के दावे को फेक साबित कर दिया।

गठबंधन नहीं करना गलती

गठबंधन नहीं करना गलती


लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने भी कई राज्‍यों में गठबंधन नहीं किया। तमिलनाडु, झारखंड, बिहार, महाराष्‍ट्र, केरल और कर्नाटक में कांग्रेस ने गठबंधन किया, लेकिन दिल्‍ली, पश्चिम बंगाल, राजस्‍थान, हरियाणा जैसे राज्‍यों में समझौता नहीं होने पर वो गठबंधन से पीछे हट गई। कांग्रेस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।

 संगठन का अभाव, नए नेताओं की कमी

संगठन का अभाव, नए नेताओं की कमी


कांग्रेस सबसे पुरानी पार्टी है, लेकिन पार्टी संगठन को खड़ा करने में नाकाम रही। कांग्रेस पार्टी संगठन के बजाय एक परिवार के भरोसे है। कांग्रेस ने अभी भी अपने पुराने नेताओं के अनुभव को तव्वजो दिया और उनपर भरोसा जताया। जनता के बीच इसका संदेश ये गया कि कांग्रेस के पास नए नेता नहीं आ रहे हैं। यही कारण है कि 80 की उम्र पार करने के बावजूद पुराने नेताओं को लड़ाने के लिए मजबूर है।

 राहुल का दो जगहों से चुनाव लड़ना

राहुल का दो जगहों से चुनाव लड़ना


देस की सबसे पुरानी पार्टी के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी ने इस बार दो जगहों से चुनाव लड़ा। उत्‍तर प्रदेश के अमेठी और केरल के वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ा। राहुल के इस कदम का जनता में गलत संदेश गया। लोगों को लगा कि राहुल को अमेठी से हारने का डर है, इसलिए वह केरल के वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने इसे मुद्दा भी बनाया और कहा कि राहुल वायनाड गए क्योंकि वो अल्‍पसंख्‍यक बहुल है। राहुल के दो जगहों से चुनाव लड़ने पर लोगों में असमंजस की स्थिति बन गई।

 पार्टी के नेताओं के बिगड़े बोल

पार्टी के नेताओं के बिगड़े बोल


कांग्रेस के बड़े नेताओं के बिगड़े बोल ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया। सैम पित्रोदा , मणिशंकर अय्यर जैसे नेताओं को रोकने में कांग्रेस नेकाम रही। जिसका खामियाजा उसे चुनाव नतीजों में भुगतना पड़ा।

 कांग्रेस का एजेंटा पीछे छूटा

कांग्रेस का एजेंटा पीछे छूटा


लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस का एजेंडा पीछे छूट गया। कांग्रेस ने पुरजोर तरीके से लोगों के सामने लाने में नाकाम रही। पार्टी समझ नहीं सकी कि देश के गरीब लोगों, मध्‍यवर्ग को क्या चाहिएय़ कांग्रेस ने न्‍याय स्‍कीम का प्रचार तो बहुत किया, लेकिन उसका कोई सकारात्‍मक असर नहीं पड़ा। कांग्रेस गरीबों को समझाने में असफल रही। कांग्रेस मध्यवर्ग का विश्वास जीतने में असफल रही।

 प्रियंका ने देर से की इंट्री

प्रियंका ने देर से की इंट्री


राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी ने इस लोकसभा चुनाव में रायबरेली और अमेठी से खुद को बाहर निकाला और उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी संभाली, लेकिन प्रियंका की इस इंट्री में देर हो गई। प्रियंका की इंट्री ने राहुल की काबिलियत पर भी सवाल उठाया दिया कि राहुल मोदी का मुकाबला करने के लिए सक्षम नहीं हैं।
गठबंधन नहीं करना गलती

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English summary
10 Mistake Behind Congress President Rahul Gandhi Defeat in Lok Sabha Elections 2019.
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