पं. बंगाल के बाद गुजरात में BJP को बड़ा झटका, 10 पार्षद कांग्रेस में शामिल
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अहमदाबाद। गुजरात में भाजपा भले ही विधानसभा चुनाव जीत गई हो लेकिन उसे एक के बाद एक कई झटके लगे हैं। पिछली विधानसभा की अपेक्षा इस बार कई सीटें हाथ से निकल गई इसके बाद सीएम और डिप्टी सीएम के बीच मंत्रीमंडल को लेकर पार्टी के भीतर चले विवाद ने भाजपा की खूब किरकिरी करवाई। अब एक बार फिर से भाजपा को बड़ा झटका लगा है। एक साल पहले मेहसाणा नगर पालिक के 10 पार्षद भाजपा में शामिल हुए थे। लेकिन वह सोमवार को फिर से वापस कांग्रेस में चले गए हैं।
पश्चिम बंगाल में भी लगा भाजपा को झटका
भाजपा को ऐसा ही झटका पश्चिम बंगाल में इस सप्ताह लगा। जब तृणमूल कांग्रेस की पूर्व विधायक मंजू बसु नोआपाड़ा उपचुनाव में अपना उम्मीदवार घोषित किया तो पूर्व विधायक ने उम्मीदवारी का प्रस्ताव यह कहते हुए ठुकरा दिया कि वह अभी भी ममता बनर्जी की सिपाही हैं। कांग्रेस विधायक मधुसूदन घोष की कुछ महीनों पहले मौत होने के कारण नोआपाड़ा सीट खाली हुई थी। तृणमूल ने सुनील सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है
मेहसाणा कांग्रेस ने जीती थी लेकिन भाजपा ने बाद में कर लिया कब्जा
दरअसल, नवंबर, 2015 में नगरपालिका के लिए चुनाव हुए थे। मेहसाणा नगरपालिका में कांग्रेस 44 में से 29 सीटें जीतने में कामयाब रही थी, जबकि भाजपा ने 15 सीटें पर कब्जा किया था। कांग्रेस का एक साल तक मेहसाणा नगरपालिक पर कब्जा रहा। लेकिन पिछले साल कांग्रेस के 10 पार्षदों ने पाला बदला और भाजपा में शामिल हो गए। इनमें उनके नेता रायबेन पटेल भी शामिल थे। भाजपा ने उन्हें ही नगरपालिका का अध्यक्ष बना दिया था। भाजपा के कौशिक व्यास को नगरपालिका की स्थाई समिति का प्रमुख बनाया गया था। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक सभी 10 पार्षद कांग्रेस में सोमवार को फिर से शामिल हो गए हैं।
कांग्रेस के पार्षद भाजपा में कभी शामिल ही नहीं हुए थे
मेहसाणा से भाजपा विधायक और राज्य के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल पिछले महीने हुए विधानसभा चुनावों में यहां से भारी मतों से जीते थे। यह नगर नितिन पटेल का गढ़ माना जाता है। जब डिप्टी सीएम इस मामले में पूछा गया तो उन्होंने इस मामले को यह कहते हुए टाल दिया कि कांग्रेस के पार्षद भाजपा में कभी शामिल ही नहीं हुए थे।