कोटाखाई गैंगरेप: सूरज नेपाली की मौत बनी रहस्य, क्या पुलिस ने पैसे दिए थे?
कोटाखाई गैंगरेप में आरोपी सूरज सिंह की पोस्टमार्टम रिर्पोट में खुलासा हुआ है कि उसकी मौत सिंर पटकने से हुई और उसके शरीर पर चोट के निशान भी हैं।
शिमला। शिमला जिले के कोटखाई में स्कूली छात्रा से गैंगरेप मर्डर केस में सीबीआई जांच शुरू होने से पहले आज उस समय एक नया मोड़ आ गया जब इसी मामले में एक आरोपी सूरज सिंह की पोस्टमार्टम रिर्पोट में खुलासा हुआ है कि उसकी मौत सिंर पटकने से हुई और उसके शरीर पर चोट के निशान भी हैं। हालांकि इससे पहले सीएम ने बताया था कि सूरज की मौत प्राईवेट पार्ट प्रेस करने हुई थी। सच्चाई क्या है इसपर पर्दा तो सीबीआई जांच के बाद ही उठेगा। हालांकि हत्या से जुड़े कई अहम सबूत कोटखाई थाना में आग लगने के दौरान राख में बदल चुके हैं।
पत्नी के बयान से मचा हड़कंप
इसी बीच पुलिस हिरासत में मारे गये नेपाली मूल के सूरज सिंह की पत्नी भी सामने आ गई है। उसने कहा है कि पहले उसके पति सूरज ने उसे कुछ बोलने को मना किया था लेकिन अब वह नहीं रहा तो वह सीबीआई को सबकुछ बतायेगी। 22 वर्षीय ममता सिंह का बयान सामने आते ही हड़कंप मच गया है। शिमला पुलिस ने उसकी सुरक्षा बढ़ा दी साथ ही शिमला के डीसी रोहन चंद ठाकुर और एसपी सौमया संबाशिवन उससे मिलने के लिए रवाना हो चुके हैं। माना जा रहा है कि उसकी ओर से मीडिया को दिये बयान की सच्चाई जानने के लिये सरकार ने दोनों अधिकारियों को रवाना किया है।
गैंगरेप के दिन हम दोनों साथ थे
ममता बताती हैं कि उन्हें आज भी याद है कि चार जुलाई को जिस दिन स्कूली छात्रा का अपहरण हुआ था उस दिन तो वह अपने पति सूरज के साथ बगीचे में सुबह से ही काम कर रही थी। शाम तक दोनों साथ साथ रहे। सुबह बगीचे में झाडियां काटीं तो शाम को सेब की फसल पर स्प्रे किया। उसने बताया कि रात को साथ ही घर आये। उसके अगले दिन पांच जुलाई को राजू और उसके साथ दो और लोग आये। मुझे पता नहीं कि उन्होंने मेरे पति सूरज के साथ क्या बोला। उसके बाद वह चले गये। फिर 7 तारीख को कोटखाई पुलिस मेरे पति व हमारी बिरादरी के कुछ लोागें को ले गई। तब तक मुझे पता था कि स्कूली छात्रा की हत्या हो चुकी है।
पुलिस सूरज को पकड़कर ले गई
वह बताती हैं कि एक बागवान जिसके लड़का को पुलिस ने पकड़ा है के घरवालों ने बताया कि हत्या हुई है और शव भी मिल चुका है इसलिये पुलिस उनको लेकर गई है। रात को सूरज घर आ गये। उन्होंने मुझे बताया कि किसी लडक़ी की लाश मिली है। पुलिस पूछताछ के लिये ले गई थी लेकिन राजू को छोडक़र हम सबको घर भेज दिया। उसके बाद पुलिस कभी नहीं आई। 9 तारीख को राजू और छोटू घर पर आये व उन्होंने बुलाया और लंबी देर तक बात की। उसी दौरान दो लोग वहां और आये। उनकी उम्र तीस साल के आसपास होगी। मैंने उन दोनों को पहले नहीं देखा था। फिर सब लोग चले गये। अगले दिन राजू, सुभाष व छोटू तीनों आये और सूरज को ले गये।
पुलिस ने पैसे का लालच देकर फंसाया
ममता ने आगे बताया, सूरज ने जाने से पहले आधा घंटा तक मुझसे बात की और रोए और बच्चों को गले लगाया तो कहा कि अच्छी जिंदगी बिताने के लिये थोड़े कष्ट झेलने ही पड़ेंगे। हम सभी नेपाल में अपने घर पर मिलेंगे। पुलिस केस में छह महीने लगेंगे। सर लोग खुद यहां आयेंगे और सबको नेपाल भेज देंगे। मैं आपको सीधे नेपाल में आकर ही मिलूंगा। हमारी जमीन जो भाईयों के पास है उसे भी छुड़ा लेंगे। मैंने उनसे काफी पूछा लेकिन बताया नहीं कि पैसे कहां से आयेंगे। उसके बाद पुलिस के पकड़ने की खबर आई। अब मुझे समझ आ रहा है कि मेरे पति को लालच देकर फंसाया गया है। इसमें बड़े साहब लोग शामिल हैं। मैं अब तक चुप थी अब चुप नहीं रहुंगी। मैं फोटो देखकर सबको पहचान सकती हूं। वह मेरी जान भी लें ले तो लें उसने बताया कि सूरज सरकारी गवाह बनने को राजी हो गया था।