पीएम नरेंद्र मोदी से मिले हिमाचल सीएम जयराम ठाकुर, मांगी प्रदेश के लिये मदद
शिमला। मुख्यमंत्री बनने के बाद जयराम ठाकुर दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिले। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का शपथ ग्रहण समारोह में शिमला पधारने पर आभार जताया। मोदी और जयराम ठाकुर के बीच प्रदेश के वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य पर भी चर्चा हुई। जयराम ठाकुर शुक्रवार को हेलीकॉप्टर के माध्यम से दिल्ली पहुंचे। हलांकि जयराम ठाकुर का हेलीकॉप्टर दिल्ली में लैंड नहीं हो सका था। लो विजिबिलिटी के कारण उनका हेलीकॉप्टर वापस चंडीगढ़ भेजा गया था। इसके बाद वह दिल्ली के लिए दोबारा रवाना हुए।
प्रदेश की कमान संभालने के बाद जय राम ठाकुर के सामने अनेक चुनौतियां हैं। नई सरकार को प्रदेश की वित्तीय व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये केन्द्र सरकार से मदद की दरकार है। चुनावी वायदों को पूरा करना भी प्रदेश की खराब माली हालत को देखते हुये भी आसान नहीं है। यही वजह है कि आज की यह मुलाकात खास अहमियत रखती है। सीमित साधनों से भाजपा के दृष्टिपत्र की तमाम घोषणाओं भी पूरा करना भी प्रमुख कार्य होगा। भाजपा सरकार को सत्ता में आने के लिए बनाए दृष्टिपत्र की तमाम घोषणाओं को पूरा करना होगा। इसमें एक वायदा हिमाचल को भ्रष्टाचारमुक्त करने का भी है।
इसके अलावा एक अन्य बड़ी चुनौती धड़ों में बंटी भाजपा का कुनबा एकजुट करने की भी होगी। नए मुख्यमंत्री के फैसलों को केंद्र सरकार और पार्टी के प्रदेश नेतृत्व की कसौटी पर खरा उतरने के लिए ठाकुर को हिमाचल के नेतृत्व से लेकर केंद्र तक के नेताओं में अपना विश्वास बनाए रखना बड़ी बात होगी। सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती राज्य की कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाना होगा। कोटखाई प्रकरण और होशियार सिंह मामलों ने प्रदेश को झकझोर कर रखा है।
भाजपा बीते पांच सालों से भाजपा ने कांग्रेस को कानून व्यवस्था पर घेरती रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिमाचल चुनावी रैली में भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था पर उंगलियां उठाई थीं। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान हिमाचल में दो बड़े कोटखाई और होशियार सिंह मामलों ने हिमाचल को हिलाकर रख दिया था, यह दोनों मामले हिमाचलवासियों के दिलो-दिमाग में हैं। भाजपा ने कोटखाई दुराचार और हत्या और हिमाचल होशियार सिंह के नाम पर हेल्पलाइन की स्थापना कर प्रदेश को भ्रष्टाचार से मुक्त करना अपने दृष्टि पत्र में प्रमुखता से जिक्र किया है। जिन्हें पूरा करने के लिये केन्द्र की ओर ही हिमाचल को देखना होगा।