हिमाचल प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

चिंता मत करिये हिमाचल में मतदान वाले दिन मौसम साफ ही रहेगा

Google Oneindia News

शिमला। हिमाचल प्रदेश के चुनावों में हमेशा ही मौसम भी एक मुद्दा रहा है। प्रदेश के चुनावों की तैयारियों के दौरान प्रदेश की राजनैतिक पार्टियों ने भी मौसम का हवाला देते हुये प्रदेश में चुनाव जल्द कराने की मांग की थी। चिंता यही थी कि मतदान वाले दिन मौसम साफ रहना चाहिए। इसी के मद्देनजर मतदान के लिये 9 नवंबर का दिन तय हुआ। अब जब मतदान का दिन नजदीक आ रहा है, तो एक बार फिर मौसम को लेकर हर कोई चिंतित है। लेकिन इस मामले में एक अच्छी खबर यह आई है कि इस दिन प्रदेश में मौसम साफ ही रहेगा। अब लिहाजा मौसम साफ होगा तो चुनाव से जुड़ी मशीनरी को भी राहत मिली है। मौसम विभाग ने इस बारे में जानकारी दी है कि 9 नवंबर को हिमाचल में मौसम साफ रहेगा।

SHIMLA
दरअसल पा्रदेश के किन्नौर, लाहौल-स्पीति, चम्बा, शिमला व कुल्लू जिला के कई जनजातीय व ऊंचे क्षेत्र 15 अक्तूबर के बाद कभी भी बर्फ की सफेद चादर ओढ़ लेते हैं। इसके बाद इन क्षेत्रों का समूचे प्रदेश से संपर्क कट जाता है और ये क्षेत्र 4 से 5 माह तक बर्फ की सफेद चादर ओढक़र रहते हैं। यही नहीं यदि ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी हो जाए तो समूचे प्रदेश में शीतलहर दौड़ती है। इसका भी चुनाव पर बुरा असर पड़ सकता था। जिससे चुनाव से जुड़े कर्मचारी समय पर मतदान केन्द्रों पर नहीं पहुंच पाते।

कब-कब हुआ अर्ली 'स्नो फॉल'
गौरतलब है कि प्रदेश की ऊंची चोटियां न केवल नवम्बर, बल्कि अक्तूबर में भी कई बार बर्फ की सफेद चादर ओढ़ चुकी हैं। प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र कल्पा में सबसे अर्ली स्नो-फॉल साल 2004 में 11 व 12 अक्तूबर को हुआ था। इसी तरह केलांग में 16 अक्तूबर, 2008, 17 व 18 अक्तूबर, 2009, 22 व 23 अक्तूबर, 2010 को हिमपात हो चुका है। नवंबर माह में भी कई बार ऊंची चोटियों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ी है। केलांग में साल 2013 में 1, 7 व 8 नवम्बर को हिमपात हुआ है। इसी तरहकेलांग में ही 2009 में 9, 10 व 11 नवम्बर और कल्पा भी 8 नवंबर , 2013 को बर्फ की सफेद चादर ओढ़ चुका है। शिमला जिला में भी 1992-93 में 22 व 23 नवंबर को हिमपात हुआ है, ऐसे में यदि इस बार के विधानसभा चुनाव में मौसम बिगड़ता है लेकिन इस बार ऐसा होने के आसार नहीं हैं।

himachal

लाहौल-स्पीति के डी.सी. देवा सिंह नेगी ने कहा कि घाटी में सर्दियों के मौसम में कभी भी बर्फबारी हो सकती है, ऐसे में पहले ही चुनाव से संबंधित तमाम प्रक्रिया निपटाने के लिए प्रबंध किए गए हैं। सभी पोलिंग बूथों पर जरूरत का हर सामान पहले ही इंस्टाल किया गया है। अन्य सामान भी पहले ही पहुंचाया गया और हर पोलिंग बूथ पर बाकी सामान भी पहुंचाया जा रहा है। बर्फबारी की स्थिति में सिर्फ बिजली न होने की स्थिति में कुछ मुश्किल हो सकती है। वैसे पावर बैकअप की भी व्यवस्था रहेगी। घाटी में कोई भी मतदान केंद्र अति संवेदनशील नहीं है।

चुनाव आयोग ने भरमौर जनजातीय विधानसभा क्षेत्र के दायरे में आने वाले उपमंडल पांगी में मतदान प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए निर्वाचन आयोग ने पुख्ता व्यवस्था की है। दो दिन पहले ही पांगी घाटी में ई.वी.एम. के साथ वी.वी.पी.ए.टी. मशीनों की खेप सडक़ मार्ग से सफलतापूर्वक पहुंचा दी है। जिला निर्वाचन अधिकारी सुदेश मोख्टा का कहना है कि मतदान के दिवस अगर मौसम का मिजाज खराब रहता है तो मतदान प्रतिशत को हरगिज प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए पांगी में पंचायत स्तर पर गठित आपदा प्रबंधन की कमेटियां अपनी सक्रियता भूमिका निभाते हुए लोगों को मतदान केंद्रों तक पहुंचने में किसी प्रकार की परेशानी का बाधा नहीं बनने देगी। इसके लिए सभी पोलिंग पार्टियों को भी जागरूक किया जा चुका है तो साथ ही पांगी उपमंडल प्रशासन के साथ-साथ पंचायत स्तर की आपदा प्रबंधन कमेटियों को भी सतर्क कर दिया गया है। 10 नवम्बर को पांगी घाटी की ई.वी.एम.व वी.वी.पी.ए.टी. मशीनों को जिला मुख्यालय हैलीकाप्टर के माध्यम से पहुंचाया जाएगा। इसकी व्यवस्था कर ली गई है।

Comments
English summary
Do not worry, weather will be clear on polling day in Himachal
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X