गुरुद्वारे के खौलते पानी में डूबने से हुई मासूम बच्चे की मौत, मां के हाथ से फिसलने के कारण हुई यह घटना
शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में सिखों के तीर्थस्थल मणिकर्ण साहिब से एक बच्चे की मौत की घटना सामने आई है। हरियाणा से दर्शनों को आई एक महिला के बेटे की गुरूद्वारे के पास बने गर्म पानी के कुंड में गिरकर डूबने से मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि हरियाणा के कैथल की श्रद्धालु महिला अपने छह साल के बेटे के साथ मणिकर्ण साहिब गुरूद्धारा में दर्शनों को आई थी, तभी अचानक उसके हाथ से उसका बेटा फिसल गया। इससे पहले की कोई कुछ समझ पाता मासूम वहां गर्म पानी से भरे कुंड में गिर कर डूब गया। बच्चे के पानी में गिरते ही महिला ने अपने बच्चे को बचाने के लिए आवाजें लगाईं। इससे पहले कि लोग उसको पानी से निकाल पाते तब तक छह साल का यह मासूम दम तोड़ चुका था। इसके बाद गुरुद्वारे का माहौल शोक में बदल गया।
मामले की सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा। घटना के बाद मृतक के परिजन गहरे सदमे में हैं। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि मामले में 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई अमल में लाई गई है।
कुल्लू के पास मणिकर्ण साहिब अपने खौलते पानी के चश्मों के लिए प्रसिद्ध है। माना जाता है कि गर्म पानी में कुछ दिन स्नान करने से कई असाध्य रोग ठीक हो जाते हैं। यह सिखों के धार्मिक स्थलों में भी विशेष पहचान रखता है। बताया जाता है कि गुरु नानकदेव ने यहां की यात्रा की थी व उसी की स्मृति में यहां गुरूद्वारा बनाया गया है। जनम सखी और ज्ञानी ज्ञान सिंह द्वारा लिखी तवारीख गुरु खालसा में इस बात का उल्लेख है कि गुरु नानक ने भाई मरदाना और पंच प्यारों के साथ यहां की यात्रा की थी। इसीलिए श्रद्धालु साल भर यहां बडी संख्या में आते हैं।