हरियाणा में बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर, मार्च में दर 28.1% थी, लेकिन इन राज्यों में लगातार सुधरे हालत
चंडीगढ़। भाजपा शासित राज्य हरियाणा में बेरोजगारी का स्तर काफी ज्यादा है। यहां बेरोजगारी लगातार कायम है। बीते मार्च महीने में ही यहां बेरोजगारी की दर 28.1% थी। जबकि, देश का औसत देखें तो बेरोजगारी दर घटकर 6.5% हुई है। ऐसे में यह साफ होता है कि, हरियाणा में नौकरियों की दरकार सबसे ज्यादा है। सरकार का मानना है कि रोजगार से संबधित जो आरक्षण वाला कानून लाया गया है, उससे प्रदेश में बेरोजगारी दूर होने में काफी मदद मिलेगी। क्योंकि, उक्त कानून के मुताबिक, प्राईवेट सेक्टर में हरियाणा के ही लोगों के लिए 70% से ज्यादा आरक्षण के आदेश हैं। यानी किसी भी बड़ी कंपनी या बिजनेस संस्था को यदि 100 लोगों की टीम रखनी है तो 75 लोग हरियाणा के होंगे। यह आदेश 25 हजार रुपए तक की सैलरी पर लागू होंगे।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष की पहली तिमाही के अंत में राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर 6.5% हो गई है। फरवरी माह के 6.9% की तुलना में इसमें 0.4% तक की कमी आई। इस दौरान शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर ज्यादा (7.2%) और ग्रामीण क्षेत्रों में कम (6.3%) दर्ज की गई। राज्यों के संदर्भ में देखा जाए तो हरियाणा समेत कई राज्यों में बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर है। हरियाणा में मार्च महीने में बेरोजगारी दर जहां 28.1% दर्ज की गई। वहीं, गोवा में यह 22.1%, राजस्थान में 19.7%, त्रिपुरा में 13.9%, हिमाचल में 14.3%, बिहार में 14.5% , झारखंड में 12.8% दर्ज की गई।
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देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां भी बेरोजगारी है। हालांकि, हरियाणा के मुकाबले यहां बेरोजगारी दर 9.4% ही रही है। उधर, बेरोजगारी के मामले में मध्यप्रदेश बड़ा राज्य होने के बाद भी सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में लिस्टेड है। मार्च महीने के आखिर में मप्र में बेरोजगारी दर महज 1.6% दर्ज की गई। गुजरात में यह 2.1%, कर्नाटक में 1.2%, असम में 1.1%, ओडिशा में 1.6% और छत्तीसगढ़ में 2.7% रिकॉर्ड की गई है।