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अब ओलंपिक में कुश्‍ती लड़कर देश के लिए मेडल नहीं ला पाएगा हरियाणा का ये पहलवान, जानिए वजह

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रोहतक। इस महीने जापान में होने जा रहे ओलंपिक 2021 के गेम्‍स में भारत के 100 से ज्‍यादा खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। इन खिलाडियों में 125 किलो भारवर्ग के कोटे से रोहतक के पहलवान सुमित मलिक भी शामिल थे। मगर, सुमित अब ओलंपिक नहीं जा सकेंगे। सुमित का ओलंपिक में कुश्‍ती लड़कर मेडल लाने का सपना टूट गया है। इसकी वजह है पिछले महीने उनका क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के डोप टेस्ट में फेल हो जाना। दरअसल, सुमित सोफिया में हुए ओलिंपिक क्वालीफाइंग के दौरान डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए। जिसके बाद यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने उन्‍हें 2 साल के लिए बैन कर दिया।

डोप टेस्‍ट में फेल, बैन को दी सुमित ने चुनौती

डोप टेस्‍ट में फेल, बैन को दी सुमित ने चुनौती

सुमित मलिक ने बहरहाल, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के उस फैसले को चुनौती देने की ठानी है, जिसके तहत उन पर 2 साल का बैन लगाया गया। सुमित ने इसके लिए अपनी ओर से अपील दायर की, जिसके बारे में उन्‍होंने कहा कि, यह अपील मैंने यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का फैसला आने के एक-दो दिन बाद ही कर दी थी। सुमित का कहना है कि, मेरे साथ अन्‍याय हुआ है। मैंने तो घुटनों में दर्द होने पर डॉक्टरी सलाह से पेनकिलर ली थी। टूर्नामेंट से पहले व बाद में भी डोप टेस्ट के लिए मेरे सैंपल लिए गए थे, जो कि निगेटिव आए। केवल क्वालीफाइंग राउंड से पहले लिए सैंपल पॉजिटिव मिले हैं। मुझे बैन करना गलत है।

ओलंपिक में अब इन देशी पहलवानों से आस

ओलंपिक में अब इन देशी पहलवानों से आस

सुमित समेत हरियाणा के 31 खिलाड़ी ओलंपिक के लिए चुने गए थे। हालांकि, अब यह संख्‍या 30 रह गई है। अब जो पहलवान ओलंपिक में हिस्‍सा लेने वाले हैं... वे हैं बजरंग पूनिया, रवि कुमार, दीपक पूनिया, अंशू, सीमा, सोनम और विनेश फोगाट। इनमें बजरंग पूनिया 65 किलो भारवर्ग के कोटे से हिस्‍सा ले रहे हैं। बजरंग की उपलब्धि विश्व रैंकिंग में नंबर-1 होना है। वह कहते हैं, योगेश्वर दत्त ने उनके कैरियर में अहम योगदान दिया है।

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समापन समारोह के लिए ध्‍वजवाहक होंगे बजरंग

समापन समारोह के लिए ध्‍वजवाहक होंगे बजरंग

बजरंग पूनिया ऐसे पहलवान हैं, जिन्‍होंने 7 साल की उम्र से कुश्ती शुरू कर दी थी। वह स्कूल से भाग कर खेलने जाते थे। उन्‍हें एक बार छत्रसाल स्टेडियम में दाखिला नहीं मिला था, तो अगले साल जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड जीत डाला। बजरंग एक साधारण किसान के घर में जन्मे। अपनी मेहनत और लगन से अपनी वजह की कैटेगरी में विश्व के नंबर-1 पहलवान बन गए। इस बार ओलंपिक में पदक की आस बजरंग से ज्‍यादा है। वह 8 अगस्त को समापन समारोह के लिए भारतीय दल के ध्वजवाहक भी होंगे।

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English summary
haryanavi Wrestler Sumit Malik to challenge two-year ban, Now these players participate in tokyo olympics 2021
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