आरोन एनकाउंटर मामले में जिला न्यायालय में दायर की गई याचिका
गुना पुलिस द्वारा आरोन मे किए गए एनकाउंटर पर सवाल खड़े करते हुए कृष्ण कुमार नाम के किसान ने जिला कोर्ट मे दायर की याचिका।
गुना, 16 मई। आरोन में हुए 2 एनकाउंटर पर अब सवाल उठने लगे हैं। गुना के एक किसान कृष्ण कुमार रघुवंशी ने आरोन एनकाउंटर को लेकर जिला न्यायालय में एक याचिका दायर की है। याचिका में पुलिस द्वारा किए गए एनकाउंटर पर सवाल उठाए गए हैं। याचिका में उल्लेख किया गया है कि वन्यजीवों के शिकार और तस्करी की बात को दबाने के लिए यह एनकाउंटर किए गए हैं। इसके साथ ही याचिका में धारा 157 के तहत पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने के साथ पूरे मामले की सीआईडी से करवाने की मांग भी की गई है।
दरअसल गुना के आरोन इलाके में शिकारियों और पुलिस से हुई मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो जाने के बाद इस मामले में फरार आरोपियों को पकड़ने के दौरान दो आरोपी पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए। इस पूरे मामले को लेकर गुना के एक किसान कृष्ण कुमार रघुवंशी ने जिला न्यायालय में एक याचिका दायर की है। याचिका में उल्लेख किया गया है कि पुलिस ने रसूखदार लोगों को बचाने और साक्ष्यों को मिटाने के उद्देश्य से फर्जी एनकाउंटर कर 3 लोगों की हत्या कर दी है।
ग्वालियर
से
प्रकाशित
एक
अखबार
में
छपी
खबर
का
दिया
हवाला
दायर
की
गई
याचिका
में
ग्वालियर
से
प्रकाशित
एक
अखबार
में
छपी
खबर
का
हवाला
दिया
गया
है।
अखबार
मे
खबर
छापी
गई
है
कि
गुना
पुलिस
शक
के
दायरे
में
आए
हुए
लोगों
का
एनकाउंटर
करने
की
तैयारी
कर
रही
है।
इसी
खबर
को
याचिका
में
आधार
बनाया
गया
है।
रसूखदार
लोगों
को
बचाने
का
लगाया
गया
है
पुलिस
पर
आरोप
दायर
की
गई
याचिका
में
पुलिस
पर
यह
आरोप
लगाया
गया
है
कि
पुलिस
ने
रसूखदार
लोगों
को
बचाने
और
साक्ष्य
मिटाने
के
उद्देश्य
यह
एनकाउंटर
किए
हैं।
इसलिए
इसकी
निष्पक्ष
जांच
होनी
चाहिए।
पूरे
मामले
की
सीआईडी
जांच
कराने
की
मांग
की
गई
दायर
की
गई
याचिका
में
इस
पूरे
मामले
की
जांच
सीआईडी
से
कराने
की
मांग
की
गई
है
अथवा
किसी
दूसरे
पुलिस
स्टेशन
की
टीम
से
करवाने
की
मांग
की
गई
है
साथ
ही
धारा
176
का
हवाला
देते
हुए
पुलिस
फायरिंग
में
हुई
हर
एक
मौत
की
मजिस्ट्रियल
जांच
की
मांग
भी
की
गई
है।
रविवार
के
दिन
दायर
की
गई
याचिका
कृष्ण
कुमार
रघुवंशी
द्वारा
रविवार
के
दिन
यह
याचिका
जिला
न्यायालय
में
सीजेएम
के
समक्ष
दायर
की
गई
है।
याचिका
पर
विचार
हेतु
17
मई
की
तारीख
कोर्ट
द्वारा
तय
की
गई
है।