ग्वालियर न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

ग्वालियर: तीन वर्ष बाद भी नहीं बन पाया फूड लैब, 2019 में सिंधिया ने किया था शिलान्यास

Google Oneindia News

ग्वालियर, 29 अगस्त। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अक्टूबर 2019 में फूड लैब का ग्वालियर में शिलान्यास किया था। इस मौके पर उन्होंने कहा था कि जब तक रहेंगे सिलावट, नहीं होगी मिलावट। उन्होंने ऐसा इसलिए कहा था कि क्योंकि ग्वालियर चंबल अंचल मिलावट के लिए पूरे देश में कुख्यात है। हालांकि, शिलान्यास के तीन साल बाद भी फूड लैब का काम अभी तक पूरा नहीं हो सका है। इसके न बनने के पीछे राजनीतिक कारण बताया जा रहा है।

schindhia

लैब नहीं बनने से भोपाल पर रहना पड़ता है निर्भर
आंकड़ों के मुताबिक ग्वालियर में हर महीने सौ से डेढ़ सौ तक सैंपल होते हैं। ऐसे में लैब के निर्माण नहीं होने की वजह से सैंपल्स को भोपाल लैब में भेजा जाता है। भोपाल में ज्यादा सैंपल्स जाने की वजह ग्वालियर में त्योहारों में जो खाद्य पदार्थ जनता सेवन कर लेती है उनकी रिपोर्ट छह-छह महीने तक नहीं आ पाती है। इसी तरह इस बार रक्षा बंधन पर भेजी गई सैंपलिंग की भी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है।

रिपोर्ट में देरी के चलते नहीं चल पाता मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान
भोपाल से फूड सैंपल की रिपोर्ट समय से नहीं मिल पाने की वजह से मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान भी नहीं चल पाता है। लैब नहीं बन पाने की सबसे बड़ी वजह नेताओं और अधिकारियों की तरफ से पहल न करना है।

जिस वक्त हुआ शिलान्यास उस वक्त थी कांग्रेस सरकार
जानकारी के मुताबिक तीन साल पहले जब फूड लैब का उद्घाटन किया गया था, उस वक्त कांग्रेस की सरकार थी। एमपी हाउसिंग बोर्ड इस प्रोजेक्ट को देख रहा है। शिलान्यास जरूर कर दिया गया लेकिन इसके बाद किसी ने लैब के शुभारंभ को लेकर चिंता नहीं की। लैब का लगभग 40 प्रतिशत काम ही अभी तक पूरा हो सका है। वहीं, जब विभाग से काम पूरा करने को लेकर सवाल किया जाता है, तो विभाग की तरफ से यह कहकर टाल दिया जाता है कि ठेकेदार ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।

इसलिए जरूरी है फूड लैब
पूरे देश में ग्वालियर और चंबल अंचल मिलावट को लेकर कुख्यात है। यहां मिलावट करने के नाम पर मिलावट माफिया किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। ग्वालियर में त्यौहारों और सामान्य तौर पर होने वाले सैंपलों को भोपाल लैब भेजा जाता है। वहीं, भोपाल में पूरे प्रदेश के सैंपल्स का लोड रहता है इसलिए वहां से रिपोर्ट आने मे एक माह से लेकर छह माह तक लग जाते हैं। इसके चलते यहां सैंपलिंग की कार्रवाई जिन लोगों पर होती है, वे रिपोर्ट आने तक अपना कारोबार जारी रखते हैं। ऐसे में उनके अंदर कोई खौफ भी नहीं होता है। वहीं, अगर रिपोर्ट जल्द आ जाए तो मिलावटखोरों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो जाए।

ये भी पढ़ें- ग्वालियर में सिंधिया ने साधा कांग्रेस पर निशाना, कहा-'कांग्रेस की हालत जर्जर हो गई है'

Comments
English summary
Gwalior Food lab not built even three years after inauguration of sindhia
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X