हरियाणा सरकार के नए कानून की वजह से गुड़गांव से दूसरे शहरों में पलायन की तैयारी में 500 IT कंपनियां
गुड़गांव। हरियाणा सरकार का 75 फीसदी स्थानीय युवाओं को रोजगार देने वाला कानून कुछ सेक्टर की कंपनियों को बिल्कुल नहीं सुहा रहा। इन कंपनियों में खासतौर पर आईटी कंपनियां शामिल हैं। अपना कारोबार प्रभावित होने के डर से सैकड़ों कंपनियां अब हरियाणा से बाहर होने की राह देख रही हैं। नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर सर्विस कंपनी (नैसकॉम) के सर्वे में यह बात सामने आई है कि, 500 आईटी कंपनियां गुरुग्राम से दूसरे शहरों में पलायन की तैयारी में हैं।
नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर सर्विस कंपनी (नैसकॉम) के सर्वे के अनुसार, हरियाणा के युवाओं को प्राइवेट कंपनियों में 75 फीसदी आरक्षण का कानून सैकड़ों आईटी कंपनियों के सामने मुसीबत बन सकता है। ऐसे में ये कंपनियां नोएडा या फिर किसी अन्य शहर में शिफ्ट हो सकती हैं। नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर सर्विस कंपनी (नैसकॉम) के सर्वे के दौरान काफी कंपनियों ने स्पष्ट किया कि, हरियाणा सरकार का 75 फीसदी स्थानीय युवाओं को रोजगार देने वाला कानून व्यवहारिक नहीं हैं और इस कानून के बनने के बाद से यहां पर उन कंपनियों का भविष्य भी नहीं है। इसके लागू होने से विश्व स्तर पर गुड़गांव की जो छवि बनी हुई है, उस पर भी बुरा असर पड़ेगा।
प्राईवेट नौकरियों में हरियाणा के लोगों को 75% आरक्षण के सरकार के फैसले को अदालत में चुनौती
आईटी कंपनियों के मालिकों की मानें तो उन्हें आगे ऐसे राज्य और शहर का चयन करना है, जहां पर कंपनियों और उनमें काम करने वालों का भविष्य हो। उन्होंने यह भी कहा कि गुड़गांव आईटी उद्योग के अलावा बहुराष्ट्रीय कंपनियों, ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग और स्टार्टअप जैसी इंडस्ट्री का हब भी है। मगर, हरियाणा सरकार जो काूनन लाई है, वो उनके लिए चिंता का सबब बन गई है। नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर सर्विस कंपनी (नैसकॉम) के सर्वे के मुताबिक, हरियाणा में आईटी और आईटीईएस उद्योग में चार लाख लोग काम करते हैं। मगर, यह नया कानून लगभग डेढ़ लाख नौकरियों को प्रभावित करेगा।