लॉकडाउन में नहीं मिली कोई वैन तो ठेले पर पति को बिठाकर 64 Km दूर हॉस्पिटल लाई पत्नी
मोरबी। पति-पत्नी का संबंध ऐसा होता है कि, वे एकदूजे के लिए कुछ भी कर सकते हैं। कोरोना लॉकडाउन की अवधि में यहां एक महिला ने अपने पति को बचाने के लिए जीतोड़ कोशिश की। वाहन या एंबुलेंस नहीं मिलने पर महिला अपने पति को ठेले पर बिठाकर 28 घंटे पैदल चली। करीब 64 किलोमीटर की दूरी नापकर वह अस्पताल पहुंची। जहां उसके पति के इलाज की प्रक्रिया शुरू हुई।
संवाददाता ने बताया कि, घटना गुजरात के मोरबी शहर की है, जहां पुराने पॉवर हाउस के करीब पेपर मिल के पास रहने वाले सुरेश कुमार के पैर में 3 महीने पहले कांच घुस गया था। उस समय सर्जरी होने के बाद उसके पांव पर प्लास्टर चढ़ाया गया था। डॉक्टरों ने उसे कहा था कि, महीने में दो बार उसे राजकोट के सरकारी अस्पताल आना पड़ेगा। मगर, इन दिनों लागू लॉकडाउन के कारण उसे राजकोट जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिला।
सुरेश की पत्नी ने वाहन खोजे, तो कुछ रिक्शे वाले उसे वहां पहुंचाने के लिए तैयार तो हुए, लेकिन वे दो-तीन हजार रुपए मांगने लगे। जहां एक समय के खाने के भी लाले हों, वहां इतने रुपए कैसे दिए जा सकते हैं? यही सोच-विचार कर पत्नी मुन्नी ने पेपर मिल के पास खड़े रहने वाले एक सब्जी वाले से ठेला मांगा। उसके बाद उसमें पति को लिटाकर वह सुबह 8 बजे राजकोट की तरफ निकल पड़ी। दूसरे दिन दोपहर 12.30 बजे वह सरकारी अस्पताल भी पहुंच गई। जहां पति का इलाज शुरू हुआ। इस घटना की अब सोशल साइट्स पर चर्चा हो रही है। यह पति-पत्नी के रिश्ते की अहमियत भी साबित करती है।
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