गुजरात में यहां 6 हजार हेक्टेयर भूमि पर होती है प्याज की खेती, रेलों से बिकने जाती है नेपाल-बांग्लादेश तक
भावनगर। भारत में प्याज की पैदावार गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों में सबसे ज्यादा होती है। गुजरात में भावनगर जिले की तलाजा तहसील में अधिकांश खेती प्याज की ही की जाती है। यहां लगभग 6 हजार हेक्टेयर भूमि में प्याज की खेती होती है। किसान औसतन 1400 मन प्याज की उपज करते हैं। मगर, ज्यादा उत्पादन होने के बावजूद खरीददार कम होने पर प्याज के पैदावारों को कई बार मोटा मुनाफा नहीं मिल पाता। यूं तो यहां की प्याज मंडियों व ट्रांसपोर्ट के माध्यम से बांग्लादेश और नेपाल तक बेची जाती है। हालांकि, प्याज की नीलामी नहीं होने के कारण यहां स्थानीय बाजार की अर्थव्यवस्था में 100 करोड़ रुपए या इससे भी ज्यादा का नुकसान होता है।

किसानों का कहना है कि, यदि यहां प्याज की नीलामी शुरू हो जाए तो स्थानीय श्रमिकों को मजदूरी, ट्रांसपोर्टर को फायदा और पैदावारों को भी खूब मुनाफा होगा। इलाके के किसानों की शिकायत रही हैं कि, उनकी फसल अच्छे दामों पर नहीं बिकती। कई बार ज्यादा उत्पादन होने पर घाटा होता है। चूंकि, यहां के अधिकांश लोग खेती-बाड़ी करके ही जीविकोपार्जन करते हैं। और, प्याज, मूंगफली, कपास जैसी फसलें ही उगाते हैं। जिनमें प्याज बोने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है। यदि 200 रुपए मन का भाव मिले तो करीब 200 करोड़ रुपए का प्याज यहां उपजता है। भावनगर जिले में सर्वाधिक प्याज तलाजा में होने के बावजूद यहां के यार्ड में व्यापक स्तर पर प्याज की नीलामी नहीं हो पा रही। यही बड़ी वजह है कि, सड़कों पर प्याज सड़ते दिख जाते हैं।

प्याज की खरीददारी के बारे में तलाजा यार्ड के सचिव अजितभाई परमार कहते हैं कि, प्याज की आवक आने से पहले अग्रिम आयोजन किया जाता है। व्यापारी पहले यहां पहुंचे, अब इसकी व्यवस्था की जा रही है। परमार ने कहा कि, अच्छे व्यापारियों के लिए यहां के किसान, बाजार सभी स्वागत को तैयार हैं। तलाजा तहसील के मार्केट यार्ड में प्याज की नीलामी फिर से शुरू हो, ये लोग चाहते हैं। यार्ड प्रशासन भी इस दिशा में सक्रिय है। मगर, यार्ड में नीलामी नहीं होने से किसानों को भावनगर और महुवा जाना पड़ जाता है।
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