Morbi bridge collapse: ओरेवा ग्रुप के जयसुख पटेल ने कोर्ट में किया आत्मसमर्पण, न्यायिक हिरासत में भेजा गया
इस हादसे में 134 लोगों की जान चली गई थी। चार्जशीट में आरोपी के तौर पर ओरेवा ग्रुप के जयसुख पटेल का नाम शामिल किया गया था।
Morbi bridge collapse Update: गुजरात के मोरबी ब्रिज हादसे के मामले में मंगलवार को बड़ा अपडेट सामने आया है। ओरेवा ग्रुप के जयसुख पटेल ने मोरबी में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आत्मसमर्पण किया। इसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया। इससे पहले मोरबी सस्पेंशन ब्रिज ढहने के मामले में 1,262 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई थी। इस हादसे में 134 लोगों की जान चली गई थी। चार्जशीट में आरोपी के तौर पर ओरेवा ग्रुप के जयसुख पटेल का नाम शामिल किया गया था।
बता दें कि गुजरात के मोरबी ब्रिज हादसे में शुक्रवार को अदालत में चार्जशीट दाखिल गई थी। चार्जशीट में जयसुख पटेल को आरोपी बनाया गया था। इससे पहले ओरेवा ग्रुप की ओर हादसे को लेकर मुआवजा देने की बात कही थी, जिस पर कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि मुआवजा देकर दण्ड से बचा नहीं जा सकता।
मोरबी ब्रिज हादसे में कोर्ट मे दाखिल चार्जशीट 1262 पेज की है। जिसमें ओरेवा ग्रुप के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल को भी आरोपी के तौर पर पेश किया गया है। मामले में इससे पहले 24 जनवरी को गुजरात की एक अदालत ने ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था।
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जयसुख पटेल (Jaysukh Patel) ने अपनी अग्रिम जमानत के लिए 20 जनवरी को मोरबी सेशन कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई 1 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। मामले में अब तक अजंता मैन्युफैक्चरिंग (Oreva group) के चार कर्मचारियों सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें ओरेवा समूह के दो प्रबंधक और इतनी ही संख्या में टिकट बुकिंग क्लर्क शामिल हैं जो ब्रिटिश युग के पुल का प्रबंधन कर रहे थे।
गुजरात के मच्छु नदी पर सस्पेंशन ब्रिज (Morbi suspension bridge) का निर्माण ब्रिटिश काल में हुआ था। जिसके नवीनीकरण, मरम्मत और संचालन का ठेका अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) को मिला था। पिछले साल 30 अक्टूबर को ये पुल टूट गया था। जिस वक्त हादसा हुआ पुल पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
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