गुजरात की जहाजरानी कंपनी का भगोड़ा डायरेक्टर CBI के हत्थे चढ़ा, अफ्रीकी देश में रह रहा था
जामनगर। गुजरात की जहाजरानी कंपनी के भगोड़े निदेशक संजय गुप्ता को धर लिया गया है। उसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तब गिरफ्तार किया, जब वह अफ्रीकी देश केन्या की राजधानी नैरोबी से भारत लौटा। सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि, संजय गुप्ता केनरा बैंक से धोखाधड़ी समेत कई मामलों में आरोपी है। संजय गुप्ता उन 8 लोगों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ 27 जून, 2012 को बैंक की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, संजय हाथ नहीं आया। वह विदेश भाग गया था। जिसके चलते उसे भगोड़ा करार दे दिया गया।
अहमदाबाद
पहुंचने
पर
गिरफ्तार
किया
गया
केंद्रीय
जांच
ब्यूरो
(सीबीआई)
के
अधिकारियों
ने
बताया
कि,
गिरफ्त
में
लिया
गया
संजय
गुप्ता
कई
सालों
से
फरार
था।
वह
लौटा
तब
पता
चला
कि
केन्या
की
राजधानी
नैरोबी
से
आया
है।
उसके
बारे
में
सूचना
मिलने
पर
उसे
अहमदाबाद
पहुंचने
पर
गिरफ्तार
किया
गया।
उसके
बाद
सीबीआई
की
ओर
से
जारी
बयान
में
कहा
गया
कि
गुप्ता
शहर
में
केनरा
बैंक
की
ओर
से
दर्ज
शिकायत
में
नामित
आठ
लोगों
में
से
एक
है।
बैंक
की
ओर
से
यह
शिकायत
27
जून
2012
को
दर्ज
कराई
गई
थी।
अधिकारी
ने
कहा
कि,
हमने
उसकी
गिरफ्तारी
केनरा
बैंक
के
साथ
20.68
करोड़
रुपये
की
धोखाधड़ी
में
संलिप्तता
को
लेकर
की
है।
आरोपी
का
नाम
संजय
गुप्ता
है,
जो
कि
केन्या
की
राजधानी
नैरोबी
लौटा
था।
यह
है
धोखाधड़ी
का
मामला
संजय
गुप्ता
नोवा
शिपिंग
कंपनी
के
निदेशकों
में
से
एक
है।
जांच
अधिकारियों
के
मुताबिक,
नोवा
शिपिंग
के
निदेशकों,
मालिकों,
बैंक
अधिकारियों
सहित
अन्य
के
खिलाफ
केनरा
बैंक
से
धोखाधड़ी
किए
जाने
पर
मामले
दर्ज
किए
गए
थे।
केनरा
बैंक
से
20.68
करोड़
की
धोखाधड़ी
की
गई
थी।
केनरा
बैंक
की
वह
ब्रांच
जामनगर
की
थी,
जहां
से
उक्त
राशि
की
धोखाधड़ी
में
आरोपियों
के
खिलाफ
केस
किया
गया।
उस
मामले
में
संजय
के
खिलाफ
रेड
कॉर्नर
नोटिस
जारी
किया
गया
था।
इस
बात
की
पुष्टि
एक
अधिकारी
ने
की
है।
अधिकारी
ने
कहा
है
कि,
संजय
के
खिलाफ
एक
लुकआउट
नोटिस
और
एक
रेड
कॉर्नर
नोटिस
भी
जारी
किया
गया
था।
अधिकारी
ने
बताया
कि
गुप्ता
को
अहमदाबाद
में
एक
सक्षम
अदालत
के
सामने
पेश
किया
जाएगा।
उन्होंने
बताया
कि
गुप्ता
लंबे
समय
से
फरार
चल
रहा
था।