Gujarat Election 2022: बीजेपी के 45 नए चेहरों में 43 जीते, हारे कौन ? जानिए
गुजरात चुनाव में इस बार भाजपा ने 99 विधायकों में से 45 की जगह नए चेहरों को मैदान में उतारा था। उनमें से 43 को सफलता मिली है। सिर्फ दो सीटों पर पार्टी हारी है और उनकी कहानी भी दिलचस्प है।
भारतीय जनता पार्टी ने इस बार के गुजरात चुनाव में बहुत बड़ा दांव खेला था। पार्टी ने अपने लगभग आधे उम्मीदवारों को चुनाव नहीं लड़ाने का फैसला किया। उनकी जगह नए चेहरों को लाई। उनमें से दो को छोड़कर बाकी सारे जीतने में सफल रहे। पार्टी को जिन दो सीटों पर हार मिली उसकी भी कहानी काफी दिलचस्प है। एक पर जो निर्दलीय उम्मीदवार जीता है, वह भाजपा के पास टिकट भी मांगने आया था। लेकिन, पार्टी ने उसे लौटा दिया। दूसरी सीट पर आम आदमी पार्टी को बहुत ही मामूली अंतर से जीत मिली है। गुजरात में भाजपा इस बार उन इलाकों में भी भारी मतों से जीती है, जहां आजतक उसका खाता भी नहीं खुला था। इस प्रचंड जीत में उसकी सीटिंग विधायकों का टिकट काटने की रणनीति ने भी बड़ी भूमिका निभाई है।
45 नए चेहरों को दिया टिकट, 43 को जीत मिली
गुजरात में भारतीय जनता पार्टी ने अपने 99 सीटिंग एमएलए में से 45 नए चेहरों को टिकट दिया था। उनमें से दो उम्मीदवारों को छोड़कर सभी चुनाव जीत गए। बीजेपी ने एंटी-इंकंबेंसी को कम करने के लिए यह कदम उठाया था और उसकी यह रणनीति कामयाब रही है। इस बार पार्टी के जो नेता चुनाव नहीं लड़े उनमें पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल हैं। भाजपा 1995 से राज्य में सत्ता में है और इसलिए उसने बहुत सोच-समझकर यह कदम उठाया था, जिसके नतीजे सफल रहे हैं।
बोटाद और वाघोडिया में चेहरा बदला काम न आया
भाजपा की उम्मीदवारों का चेहरा बदलने वाली यह रणनीति जिन दो विधासभा क्षेत्रों में नाकाम रही है, वे हैं- बोटाद और वाघोडिया। यहां पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को क्रमश: आम आदमी पार्टी और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने हराया है। बोटाद में भाजपा ने सीटिंग विधायक और पूर्व ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल का टिकट काटा था। उनकी जगह घनश्याम विरानी को चांस दिया। जबकि, सौरभ पटेल यहां से 1998, 2002, 2007 और 2017 में जीते थे। 2012 में बीजेपी के ही टीडी मानिया को यहां से कामयाबी मिली थी।
मधु श्रीवास्तव वाली सीट पर AAP जीती
बोटाद में भाजपा के विरानी को आम आदमी पार्टी के उमेश मकवाना से महज 2,779 वोटों से हार मिली है। वाघोडिया में बीजेपी की हार थोड़ी ज्यादा दिलचस्प रही है। यहां पर पार्टी ने 6 बार के सीटिंग और चर्चित विधायक मधु श्रीवास्तव का पत्ता काटा था। उनकी जगह इस बार अश्विन पटेल पर दांव लगाया गया। लेकिन, यहां से करीब 14,000 वोटों से जीत मिली निर्दलीय उम्मीदवार धर्मेंद्रसिंह वाघेला को। वह भी भाजपा से टिकट चाहते थे, लेकिन जब सफलता नहीं मिली तो वैसे ही मैदान में उतर गए। मधु श्रीवास्तव सिर्फ 14,645 वोट लेकर चौथे स्थान पर रहे। कांग्रेस का उम्मीदवार यहां सिर्फ 18,870 वोट ले सका।
भाजपा के ये दिग्गज भी चुनाव नहीं लड़े
भाजपा ने हालिया चुनाव में जिन प्रमुख चेहरों को टिकट नहीं दिया या कुछ लोग खुद ही उम्र और बाकी चीजों की वजह से कथित तौर पर किनारे हो गए, उनमें पूर्व सीएम विजय रूपाणी के अलावा पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, पूर्व गृहमंत्री प्रदीपसिंह जडेजा, पूर्व राजस्व मंत्री कौशिकभाई पटेल, निवर्तमान विधानसभा की स्पीकर निमाबेन आचार्य और गुजरात के पूर्व भाजपा अध्यक्ष आरसी फल्दू भी शामिल हैं।
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गुजरात में रिकॉर्ड सीटों से जीती है बीजेपी
जब चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने अपने 45 चेहरों को चुनाव में उम्मीदवारी से दूर रखने का बड़ा कदम उठाया था तो प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने अपने फैसले का बचाव करते हुए दलील दी थी कि चुनावी लोकतंत्र में बदलाव आवश्यक है। उनके हिसाब से चुनावी सियासत में ठहराव नहीं आनी चाहिए। गुजरात की 182 विधानसभा सीटों में भाजपा को 156 सीटें मिली हैं, जो कि राज्य के लिए अबतक का रिकॉर्ड है। (इनपुट-पीटीआई)