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गुजरात चुनाव: BJP का पहला ईसाई उम्मीदवार व्यारा आदिवासी सीट से जीता, AAP को 22,120 वोट से हराया

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Gujarat Assembly Election 2022 Results (गुजरात विधानसभा चुनाव परिणाम) Hindi News: भारतीय जनता पार्टी ने इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव में जो जीत दर्ज की है, वह कई मायने में ऐतिहासिक है। परिणाम कुछ इस तरह के रहे हैं कि वह भाजपा के लिए पार्टी के बड़े नेताओं के दावे और एग्जिट पोल के अनुमानों से भी कहीं ज्यादा सफल हैं। इस कामयाबी में बीजेपी के नाम एक और सफलता ये जुड़ी है कि इसने बीते 20 साल में पहली बार किसी ईसाई प्रत्याशी को टिकट दिया है और वह भी अपने निकटम प्रतिद्वंद्वी से 22 हजार से भी ज्यादा वोटों से चुनाव जीत गया है। यही नहीं बीजेपी उम्मीदवार ने एक ईसाई प्रत्याशी को ही तीसरे नंबर पर पहुंचा दिया है, जो लगातार चार-चार चुनाव जीत चुका था।

व्यारा सीट से जीता भाजपा का पहला ईसाई उम्मीदवार

व्यारा सीट से जीता भाजपा का पहला ईसाई उम्मीदवार

बीजेपी ने इस बार अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित गुजरात की व्यारा विधानसभा सीट से मोहन कोंकणी को टिकट दिया था। तापी जिले की इस आदिवासी सीट से ईसाई उम्मीदवार कोंकणी ने शानदार सफलता हासिल की है और कांग्रेस के चार बार के एमएलए पुनाभाई गामित को ना सिर्फ हरा दिया है, बल्कि उन्हें तीसरे स्थान पर छोड़ दिया है। कोंकणी का मुकाबले इस सीट पर आम आदमी के प्रत्याशी बिपिनचंद्र कुशलभाई चौधरी से हुआ है, जिन्हें बीजेपी उम्मीदवार ने चुनाव आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 22,120 वोटों से हरा दिया है।

व्यारा सीट पर कुल सात प्रत्याशी मैदान में थे

व्यारा सीट पर कुल सात प्रत्याशी मैदान में थे

व्यारा विधानसभा सीट पर मोहन कोंकणी को कुल 69,633 या 40.67% वोट मिले हैं। जबकि, आम आदमी पार्टी के कुशलभाई को 47,513 या 27.75% वोट प्राप्त हुए हैं। जबकि, इस सीट से चार बार से जीत रहे कांग्रेस प्रत्याशी पुनाभाई गामित को 45,904 या 26.81% वोट मिले हैं। इन तीनों के अलावा इस सीट पर दो निर्दलीय प्रत्याशियों समेत बाकी चार और उम्मीदवार थे, लेकिन, कोई भी खास प्रभाव नहीं दिखा पाया है।

व्यारा से ही जीते थे गुजरात के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री

व्यारा से ही जीते थे गुजरात के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री

व्यारा सीट की पहचान इस बात से भी जुड़ी हुई है कि यहां से जीतने वाले अमरसिंह चौधरी गुजरात के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री हुए थे। इस बार पहली बार ऐसा हुआ है, जब बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ईसाई उम्मीदवारों को टिकट दिया था। लेकिन, कांग्रेस के सीटिंग विधायक अपनी सीट नहीं बचा सके हैं। वह 2004 के उपचुनाव से लगातार, 2007, 2012 और 2017 का विधानसभा चुनाव यहीं से जीते थे। माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी की वजह से कांग्रेस का गेम व्यारा में बिगड़ गया है।

कांग्रेस का अबतक का गेम बिगड़ गया

कांग्रेस का अबतक का गेम बिगड़ गया

दिलचस्प बात ये भी है कि यहां पर भारतीय ट्राइबल पार्टी ने भी सुनीलभाई नागाजीभाई गामित के तौर पर अपना उम्मीदवार उतारा था, लेकिन व्यारा के मतदाताओं ने उनपर 1136 वोटों से ज्यादा का भरोसा नहीं दिखाया है। कांग्रेस उम्मीदवार ने इस क्षेत्र में पार्टी को मिल रहे परंपरागत समर्थन पर उम्मीद लगाया था और अपनी ओर से कराए गए काम पर भी भरोसा दिखाया था। लेकिन बीजेपी ने गुजरात के पूर्वी क्षेत्र में सत्ताधारी दल की ओर से किए गए विकास कार्यों को प्रमुखता से पेश किया और वोटरों को समझाने में कामयाब हो गई।

व्यारा की जीत से राष्ट्रीय राजनीति को संदेश ?

व्यारा की जीत से राष्ट्रीय राजनीति को संदेश ?

गुजरात की व्यारा विधानसभा सीट पर कुल करीब 2.20 लाख वोटर हैं। इनमें से 40,000 के करीब ईसाई हैं। ऐसी सीट पर भाजपा की जीत राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी एक संकेत माना जा सकता है। क्योंकि, इस बार गुजरात के कई मुस्लिम बहुल सीटों पर भी भाजपा का भगवा लहराता नजर आया है।


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English summary
BJP's first Christian candidate Mohan Konkani has got a big victory from Gujarat's tribal seat Vyara, he defeated the Aam Aadmi Party candidate by more than 22 thousand votes
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