कोरोना के कोहराम के बीच गुजरात में ग्लैंडर वायरस से मरे 6 घोड़े, अब पशुओं पर भी 14 दिनों तक निगरानी
अहमदाबाद. गुजरात में महिसागर जिले की संतरामपुर तहसील के प्रतापपुरा में पिछले दिनों ग्लेण्डर वायरस का मामला सामने आया था। यहां इस रोग से एक घोड़े की कुछ ही देर में मौत हो गई। जबकि, उस घोड़े के संपर्क में आए 5 अन्य घोड़ों को जहरीले इंजेक्शन लगाकर मारना पड़ा। फिर, उन सभी घोड़ों को दूर दफनाया भी गया। राज्य में इस रोग को लेकर सरकार ने सतर्कता बरते जाने का निर्देश दिए हैं। ग्लेण्डर के लक्षण किसी घोड़े या अन्य जानवर में न दिखें, इसे लेकर तैयारी की जा रही हैं।
5 किलोमीटर इलाके में अगले दो सप्ताह निगरानी
प्रशासन ने निगरानी करने के लिए 5 किलोमीटर इलाके में अगले दो सप्ताह तक स्वास्थ्य कर्मचारियों की तैनाती कराई है। स्वास्थ्य कर्मचारियों का मानना है कि यह रोग घोड़ों व खच्चरों में तीव्रता से फैलता है। यह रोग मनुष्यों के लिए भी घातक है। इस रोग के प्रभाव भी घातक होते हैं। इसलिए स्वास्थ्य कर्मचारियों को यह निर्देश दिया गया है कि ग्लैण्डर रोग के लक्षण दिखने पर तुरंत उपयुक्त इलाज किया जाए।
10 दिनों तक बुखार रहने के लक्षण
ग्लैण्डर के लक्षणों में किसी भी व्यक्ति को 10 दिनों तक बुखार रहना, लगातार नाक बहते रहना व खांसी के साथ सांस लेने में परेशानी होना शामिल है। हालांकि, बताया जाता है कि जिस परिवार के छह घोड़े ग्लैण्डर के चपेट में आकर मरे, उनके परिवार के किसी भी व्यक्ति का परीक्षण नहीं किया गया।
यूं हुई थी हाल ही घोड़ों की मौत
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह वायरस घोड़ों में देखने को मिलता है। इसके बाद यह इंसानों को भी संक्रमित करता है। ग्लेंडर वायरस इतना तीक्ष्ण होता है कि सिर्फ हवा से फैलता है और जानवर या इंसान तेजी से चपेट में आ जाते हैं। इस वायरस का केस संतरामपुर के प्रतापपुरा इलाके में सामने आया। दरअसल, एक घोड़े की अचानक तबीयत बिगड़ी थी, जिस पर उसे अस्पताल ले जाया गया था। जहां जांच की गई तो घोड़े में ग्लेंडर नामक वायरस पाया गया। इलाज के दौरान ही उस घोड़े की मौत हो गई।
सभी चार घोड़ों का ग्लेंडर वायरस पॉजिटिव आया
इस तरह के वायरस की पुष्टि होने के बाद घोड़े के साथ रखे गए दूसरे घोड़ों की भी जांच की गई। जिसमें सभी चार घोड़ों का ग्लेंडर वायरस पॉजिटिव आया। जिसके बाद वन विभाग की ओर से इन घोड़ों को जहरीला इंजेक्शन देकर उन्हें मौत की नींद सुला दिया गया। घोड़ों की लाश को रिहाइशी इलाके से दूर दफनाया गया।