लॉकडाउन में फंसे मजदूर की दिल्ली में मौत, एक साल के बेटे ने गोरखपुर में पिता के पुतले का किया दाह संस्कार
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से दिल को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। लॉकडाउन में फंसे चौरीचौरा के रहने वाले एक मजदूर की दिल्ली में मौत हो गई है। दिल्ली प्रशासन ने मजदूर के परिवार तक खबर पहुंचाई, लेकिन आर्थिक हालात खराब होने और पैसे की कमी की वजह से गरीब परिवार ने शव का दाह संस्कार कर पाने में बेबसी जताई है। परिवार ने दिल्ली प्रशासन को मजदूर के शव का दाह संस्कार करने का संदेश भी भिजवा दिया, लेकिन बावजूद इस बेबस और गरीब परिवार की मदद के लिए कोई भी सामने नहीं आया। आखिरकार बेबस परिवार द्वारा एक साल के बेटे से उसके पिता के प्रतीकात्मक पुतले का दाह संस्कार करवाया गया।
दिल्ली में रहकर मजूदरी करने वाले सुनील गोरखपुर के चौरीचौरा जिले के डुमरी खुर्द गांव में रहते थे। सुनील दिल्ली में किराए के घर पर रहते थे, जबकि सुनील की पत्नी पूनम, चार बेटियां और एक साल के बेटे के साथ गांव में रहती हैं। दिल्ली में मजदूरी करके सुनील अपने परिवार का भरण पोषण् कर रहे थे। 11 अप्रैल को सुनील की तबीयत खराब हुई थी। स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस ने उन्हें हिंदू राव अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां तबीयत बिगड़ने पर उन्हें सफदरगंज अस्पताल रेफर कर दिया गया। सफदरजंग में इलाज के दौरान 14 अप्रैल को सुनील ने दम तोड़ दिया। अस्पताल प्रशासन ने एहतियातन मृतक सुनील की कोरोना जांच भी कराई लेकिन रिपोर्ट निगेटिव थी।
इस बीच परिवार के किसी सदस्य से सुनील की फोन पर भी बात नहीं हो पाई, क्योंकि उनका फोन घर पर ही छूट गया था। मौत के बाद जब पुलिस ने उनके कमरे से उनका फोन लेकर उसे चार्ज किया तो सुनील की पत्नी का फोन आने पर उनकी बात हो पाई। पति की मौत की खबर सुनकर पत्नी बेसुध हो गई और रोने लगी। दिल्ली पुलिस ने पत्नी से शव ले जाने की बात कही तो उसने बेबसी जाहिर की। इसके बाद मजदूर की पत्नी ने तहसीलदार के जरिए यह संदेश भिजवाया और अंतिम संस्कार के बाद पति की अस्थियां किसी तरह घर भेजे जाने का भी अनुरोध किया है। इस बीच बेबस और लाचार परिवार ने एक साल के बेटे से मजदूर के प्रतीकात्मक पुतले का दाह संस्कार करवा दिया।
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