टिड्डियों के हमले से पूर्वी यूपी के किसान भी परेशान, कोई गा रहा गाना तो कोई निकाल रहा आवाजें
गोरखपुर। पाकिस्तान से आई टिड्डियों से पूर्वी यूपी के किसान भी परेशान हैं। पाकिस्तान से राजस्थान के रास्ते यूपी के झांसी और मध्य प्रदेश में किसानों की परेशानी का सबब बन रही है। टिड्डियां फसलों को नष्ट कर जा रही हैं। ऐसे में हवा के रुख को देखते हुए पूर्वी यूपी के किसान भी हैरान-परेशान हैं। वे खेतों में बैठकर रखवाली कर रहे हैं। टिड्डियों से खेतों को बचाने की मुहिम में लगे गोरखपुर के किसान सरकार से भी मदद की अपील कर रहे हैं। पाकिस्तान से राजस्थान के रास्ते भारत में प्रवेश करने वाली टिड्डियों का दल गोरखपुर में खेतों पर खड़ी फसल को नष्ट कर सकता है।
डीएम ने किया आपदा राहत दल का गठन
गोरखपुर के जिलाधिकारी के. विजयेन्द्र पाण्डियन ने इसे लेकर अलर्ट जारी किया है। उन्होंने आपदा राहत दल का गठन कर दिया गया है। प्रत्येक विकास खंड में कृषि विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों को सूचित किया गया है कि वे इसे लेकर किसानों को भी जागरुक कर दें और टिड्डियों के दिखने पर कृषि अधिकारियों को भी सूचित करें। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि किसी भी समय टिड्डियों के खेतों में हमले की सूचना पर किसी भी हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दे सकते हैं। ऐसे में आपदा राहत दल का गठन किया गया है। इसमें सीडीओ को अध्यक्ष और उप निदेशक कृषि के साथ जिला कृषि अधिकारी को सदस्य बनाया गया है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी को सचिव की जिम्मेदारी दी गई है।
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फसल बचाने के लिए तरह-तरह के उपाए कर रहे किसान
गोरखपुर जिले में किसानों द्वारा माना जा रहा है कि टिड्डियों का दल वहां से यहां आ सकता है। उसे प्रदेश के अन्य जिलों में आने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। किसान जहां हवा के रुख को भांपने की कोशिश कर रहे हैं। तो वहीं कुछ किसान तरह-तरह की आवाजें निकालकर अपने खेतों को बचाने में लगे हैं। वहीं, गोरखपुर जिले के शत्रुघ्नपुर के कोइरीटोला के रहने वाले किसान रूदल मौर्य ने बताया कि वे मचान पर दिन-रात रहकर पहरा देते हैं। मचान पर ही रात में सो जाते हैं। वे गाना गाकर खेतों को बचा रहे हैं। जरूरत होने पर वे जानवरों की आवाज भी निकालते हैं।
क्या कहते हैं किसान
किसान
हरिश्चन्द्र
कहते
हैं
कि
वे
टिड्डियों
को
लेकर
जिला
प्रशासन
की
ओर
से
हुए
अलर्ट
के
कारण
परेशान
हैं।
वे
चाहते
हैं
कि
सरकार
किसी
प्रकार
के
कीटनाशक
के
माध्यम
से
इन
टिड्डियों
से
निपटने
का
प्रबंध
करे।
किसान
रमेश
बताते
हैं
कि
कोरोना
की
बीमारी
के
बाद
कोई
घर
से
बाहर
नहीं
निकल
रहा
है।
ऐसे
में
टिड्डियों
के
खेतों
में
हमले
के
अलर्ट
से
दशहत
में
हैं।
मोहन
कहते
हैं
कि
उन्हें
टिड्डियों
के
बारे
में
पता
नहीं
है।
उन्हें
नहीं
मालूम
है
कि
इन
टिड्डियों
से
किस
तरह
से
खेतों
को
बचाना
है।
वे
कहते
हैं
कि
सरकार
ये
बताए
कि
किस
कीटनाशक
और
अन्य
उपाय
का
प्रयोग
करना
है।
विकास
कहते
हैं
कि
टिड्डियों
के
कारण
दशहत
है।
खेतों में मक्के और सब्जियां लगी हैं
यूपी के 22 जिलों में इसका प्रकोप हो गया है। वे कहते हैं कि वे लोग दिन-रात खेतों की रखवाली कर रहे हैं। ऐसे में रखवाली नहीं करेंगे, तो फसल नष्ट हो जाएगी। श्यामलाल भी इसके प्रकोप की आशंका से परेशान हैं। बता दें, इस सीजन में ज्यादातर खेतों में मक्के और सब्जियां ही लगी हैं। यही वजह है कि टिड्डियों के खौफ से पूर्वी यूपी के किसान भी परेशान हैं। ऐसे में वे अपने खेतों को उनके हमले से बचाने के लिए हर तरह के उपाय कर रहे हैं, जिससे उनकी फसल को कोई नुकसान न पहुंचे।
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