'सबका DNA एक', हिंदू-मुस्लिम को लेकर RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले- दोनों अलग नहीं
गाजियाबाद, जुलाई 04: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रविवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में हिंदू-मुसलमानों की एकता को लेकर बयान दिया। गाजियाबाद में 'दि मीटिंग्स ऑफ माइंड्स' बुक लॉन्च के मौके पर भागवत ने कहा कि अलग-अलग धर्म होने के बावजूद सभी भारतीयों का डीएनए एक जैसा है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने डॉ. ख्वाजा इफ्तिखार अहमद की लिखित पुस्तक 'द मीटिंग्स ऑफ माइंड्स: ए ब्रिजिंग इनिशिएटिव' के विमोचन के अवसर पर एक शायरी भी सुनाई। वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा कि यह सिद्ध हो चुका है कि हम पिछले 40,000 वर्षों से एक ही पूर्वजों के वंशज हैं। भारत के लोगों का डीएनए एक जैसा है। हिंदू और मुसलमान दो समूह नहीं हैं। एकजुट होने के लिए कुछ भी नहीं है, वे पहले से ही एक साथ हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है, क्योंकि वे अलग नहीं बल्कि एक हैं। पूजा के तरीके के आधार पर लोगों में अंतर नहीं किया जा सकता हैं।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर कोई हिंदू कहता है कि यहां कोई मुसलमान नहीं रहना चाहिए, तो वह व्यक्ति हिंदू नहीं है। गाय एक पवित्र जानवर है, लेकिन जो लोग दूसरों को मार (लिंचिंग) रहे हैं वे हिंदुत्व के खिलाफ जा रहे हैं। कानून को बिना किसी पक्षपात के उनके खिलाफ अपना काम करना चाहिए।
वहीं भागवत ने यह भी कहा कि वोट की राजनीति में हम नहीं पड़ते। राष्ट्र में क्या होना चाहिए, इस बारे में हमारे कुछ विचार हैं। अब एक ताकत बनी है तो वो ठीक हो जाए, इतनी ताकत हम चुनाव में भी लगाते हैं। हम राष्ट्रहित के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि कुछ काम ऐसे होते हैं जो राजनीति नहीं कर सकती। राजनीति कभी भी लोगों को एकजुट नहीं कर सकती। उन्होंने अपने संबोधन में साफ कहा कि राजनीति लोगों को जोड़ने का हथियार नहीं बल्कि एकता को बिगाड़ने का हथियार बन सकती है।