Delhi-Meerut Expressway पर बाइक व स्कूटर से ना करें यात्रा, नहीं तो भरना पड़ सकता है 20 हजार रुपए तक का चालान
Delhi-Meerut Expressway: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर दो पहिया और तिपहिया पहिया वाहन निषेध हैं। एक्सप्रेस वे नो एंट्री की अवहेलना करने वालों का चालान गाजियाबाद पुलिस कर रहे हैं जिसकी राशि 20,000 रुपए है।
Delhi-Meerut Expressway: अगर आप भी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर बाइक या स्कूटर ये सफर करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है। क्योंकि दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर अगर आप बाइक या स्कूटर लेकर गए तो आपका भारी भरकम चालान कट सकता है। जी हां...गाजियाबाद यातायात पुलिस ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरीफेरल पर प्रतिबंधित वाहनों के खिलाफ एक विशेष अभियान छेड़ा हुआ है।
रामानंद कुशवाहा ADCP (यातायात) ने बताया, 'दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर 2 पहिया और 3 पहिया वाहन निषेध हैं। हमने लोगों को जागरुक किया था मगर लोग नहीं मानें। अब हम नो एंट्री की अवहेलना करने वालों का चालान कर रहे हैं जिसकी राशि 20,000 रुपए है।' बता दें कि बीते कुछ दिनों में 2600 वाहनों के चालान किए गए हैं। यह विशेष अभियान एक्सप्रेसवे पर लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों में कमी लाने के उद्देश्य से चलाया गया है।
आपको बता दें, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरीफेरल पर दोपहिया और तिपहिया वाहनों की नो एंट्री के साइन भी लगाए गए हैं। इसके बावजूद लोग दोपहिया और तिपहिया वाहनों से एक्सप्रेसवे पर सफर करते पाए जा रहे हैं। इसीलिए, अब प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए ऐसे वाहनों का अभियान चलाकर 3 जनवरी से चालान काटना शुरू कर दिया है। अभी तक इस अभियान के तहत गाजियाबाद पुलिस करीब 5 करोड़ रुपये से ज्यादा के चालान कर चुकी है।
आश्चर्य की बात ये है कि रोक के बावजूद भी प्रतिदिन इन एक्सप्रेसवे पर दो पहिया और तिपहिया वाहन अभी भी फर्राटा भरते नजर आ रहे हैं। दरअसल, दोपहिया और तिपहिया वाहनों के कारण एक्सप्रेस-वे पर ज्यादा हादसे हो रहे थे, जिनका संज्ञान लेते हुए एक्सप्रेस-वे पर दोपहिया और तिपहिया वाहनों की एंट्री को बैन किया गया है। साथ ही, नो एंट्री की अवहेलना करने वालों का चालान 20000 रुपये का है।
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ऐसे में तमाम पुरानी बाइक सवार 20000 रुपये चालान देने के बजाए वाहन छोड़ना उचित समझ रहे हैं। क्योंकि ये पुरानी बाइक 15 साल की समय सीमा पूरी करने वाली है, इसलिए वाहन मालिक रुपए जमा नहीं कर रहे हैं। उनका मानना है कि बाइक की इतनी कीमत भी नहीं है। इसलिए वो अपनी चालान भरने के बजाए अपनी बाइक को छोड़ना ही उचित समझ रहे हैं।