गुजरात में कांग्रेस डरी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर को राज्यसभा भेजने के लिए भाजपा ने बनाए प्लान-A और B
Gujarat News, गांधीनगर। मोदी सरकार-2 में विदेश मंत्री बनने के बाद एस जयशंकर को भाजपा गुजरात से राज्यसभा सदस्य बनाने में जुट गई है। जयशंकर फिलहाल न तो लोकसभा सांसद हैं और न ही राज्यसभा सांसद हैं। नियम के मुताबिक, मंत्री पद की शपथ लेने के छह महीने के भीतर उन्हें लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य बनना होगा। इसलिए, भाजपा ने उन्हें अमित शाह औऱ स्मृति ईरानी की खाली हुई दो राज्यसभा सीटों में से किसी एक से संसद भेजना चाहती है। इसके लिए भाजपा ने दो प्लान बनाए हैं। पहले प्लान A में भाजपा एक सीट के लिये उपचुनाव करवा सकती है, दूसरे प्लान B में भाजपा कांग्रेस के विधायकों का क्रॉस वोटिंग करवा सकती है।
छह महीने के भीतर जयशंकर को राज्यसभा या लोकसभा का चुनाव जीतना होगा
बता दें कि, गुजरात राज्यसभा के दो सदस्य केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय महिला बाल कल्याण मंत्री स्मृति इरानी ने राज्यसभा सीटें खाली कर दी हैं। चुनाव आयोग इन दो सीटों के लिये जुलाई महिने में उपचुनाव करा सकता है। भाजपा का प्लान है कि, जुलाई में जब चुनाव होगा तब वह केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को मैदान में उतार सकती है, क्योंकि उनको छह महिने में राज्यसभा या लोकसभा का चुनाव जीतना होगा।
दो सीटों पर जीतना चाहती है भाजपा
गुजरात की एक सीट से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल के सदस्य और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को खड़ा करना चाहते हैं। दूसरी सीट के लिये भाजपा चाहती है कि, उनका उपचुनाव अक्तूबर में हो, ताकि भाजपा को दूसरी सीट भी मिलें। हालांकि, भाजपा का गणित बदल सकता है क्योंकि चुनाव आयोग अलग-अलग चुनाव के आदेश नहीं दे सकता है।
गुजरात में राज्यसभा की एक सीट भाजपा राष्ट्रीय नेता के लिए रिजर्व
गुजरात में राज्यसभा की एक सीट भाजपा के राष्ट्रीय नेता के लिए आरक्षित है। हर चुनाव में भाजपा गुजरात में एक सीट स्थानीय नेता के लिये और एक सीट राष्ट्रीय नेता के लिये रखती है। अरुण जेटली और स्मृति ईरानी पिछली सरकार में गुजरात से राज्यसभा गए थे। इससे पहले गुजरात ने लालकृष्ण आडवाणी और लक्ष्मण बंगारू को भी राज्यसभा भेजा है।
गुजरात कांग्रेस के पास अभी 71 विधायक
चुनाव आयोग गुजरात में दोनों खाली सीटों पर एकसाथ चुनाव करने का एलान करता है तो, विधान सभा में भाजपा राज्यसभा में दोनों सीटों को बनाए रखने की स्थिति में नहीं है। क्योंकि, गुजरात कांग्रेस के पास अभी 71 विधायक हैं। इतनी संख्या में कांग्रेस को एक सीट मिल सकती है। भाजपा दूसरी सीट के लिए ओबीसी उम्मीदवार को खडा कर सकती है। भाजपा के नेता कांग्रेस विधायकों के क्रॉस वोटिंग के माध्यम से दूसरी सीट जीतने की कोशिश करेंगे ऐसा उनका एकशन प्लान है।