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WPL Umpiring: महिला क्रिकेट लीग रही सफल, लेकिन टीवी अंपायरों के गलत निर्णयों से उठे विवाद

वीमेन प्रीमियर लीग का पहला सीजन तो मुंबई की टीम के नाम रहा। लेकिन कई महत्त्वपूर्ण मौकों पर टीवी अंपायरों द्वारा मुंबई टीम के पक्ष में गलत निर्णय देने से जीत पर लगे दाग।

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WPL Womens cricket league was successful, but wrong decisions of TV umpires raised controversy

वीमेन प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) का पहला सीजन 26 मार्च 2023 को मुंबई इंडियंस ने दिल्ली कैपिटल्स को सात विकेट से हराकर अपने नाम कर लिया। ब्रेबोर्न स्टेडियम में हुए इस फाइनल मैच में दिल्ली ने मुंबई को जीत के लिए 132 रनों का टारगेट दिया था। जिसे हरमप्रीत कौर की टीम ने तीन गेंद शेष रहते हासिल कर लिया। इस ट्रॉफी के साथ ही मुंबई की टीम को प्राइज मनी के तौर ₹6 करोड़ दिए गये, जबकि रनरअप टीम दिल्ली को ₹3 करोड़ मिले।
वहीं इस प्रीमियर में ऑरेंज कैप विनर (सबसे ज्यादा रन), पर्पल कैप विनर (सबसे ज्यादा विकेट), मोस्ट वैल्यूबल प्लेयर ऑफ दी सी जन, कैच ऑफ दी सीजन, इमर्जिंग प्लेयर ऑफ दी सीजन, पावरफुल स्ट्राइकर ऑफ दी सीजन चुने गये सभी खिलाड़ियों को ₹5-5 लाख दिए गये।

वीमेन प्रीमियर लीग की कमाई
वीमेन प्रीमियर लीग में सबसे ज्यादा कमाई सेंट्रल रेवेन्यू से हुई। दरअसल, क्रिकेट की कुल कमाई का करीब 60-70 प्रतिशत इसी के माध्यम से आता है। इसमें मीडिया ब्रॉडकास्टिंग राइट्स और टाइटल स्पांसरशिप शामिल होते हैं। जनवरी 2023 में वायकॉम18 ने टूर्नामेंट के लिए टीवी और डिजिटल प्रसारण के लिए वीमेन प्रीमियर लीग के वैश्विक मीडिया अधिकार हासिल कर किये थे। यह अनुबंध पांच साल तक होगा और इसके लिए बीबीसीआई को कुल ₹951 करोड़ मिले। वहीं टाइटल स्पांसरशिप टाटा को मिली लेकिन इसके पैसे का खुलासा नहीं किया गया।
क्रिकेट में विज्ञापन और प्रमोशनल रेवेन्यू से होने वाली कमाई का हिस्सा करीब 20-30 प्रतिशत होता है। जैसे मैच ग्राउंड में विज्ञापन से भी भारी कमाई होती है। वहीं टीमें भी किसी ब्रांड का प्रमोशन करती है। इसके अलावा इस्तेमाल किये गये जर्सी, ग्लव्स, और बैट बेचकर भी कमाई होती है। जबकि लोकल रेवेन्यू कुल कमाई का करीब 10 प्रतिशत होता है। इसमें टिकट बेचकर और ग्राउंड में छुटपुट चीजों को बेचकर होने वाली कमाई रखी जाती है। एक अनुमान के मुताबिक मैच की टिकट से करीब ₹4 करोड़ की कमाई हो जाती है। फिलहाल वीमेन प्रीमियर लीग में इन सभी से होने वाले रेवेन्यू का खुलासा नहीं किया गया है।

टीम ऑक्शन में कमायें हजारों करोड़
जनवरी 2023 में बीसीसीआई ने डब्ल्यूपीएल के लिए पांच टीमों की बिक्री कर कुल ₹4669.99 करोड़ की कमाई की। इसमें अडानी स्पोर्ट्सलाइन ने ₹1289 करोड़ में गुजरात टीम को खरीदा। इंडियाविन स्पोर्ट्स (रिलायंस ग्रुप) ने ₹912.99 करोड़ में मुंबई को खरीदा। रॉयल चैलेंजर्स स्पोर्ट्स ने बेंगलुरु को ₹901 करोड़ में खरीदा। जेएसडब्ल्यू जीएमआर क्रिकेट ने दिल्ली को ₹810 करोड़ में खरीदा। जबकि कैप्री ग्लोबल होल्डिंग्स ने लखनऊ को ₹757 करोड़ में बोली लगाकर फ्रेंचाइजी का अधिकार हासिल किया।

किस फ्रेंचाइजी ने कितने खर्च किए
डब्ल्यूपीएल में हर टीम के पास ₹12-12 करोड़ का ऑक्शन पर्स था यानी खिलाड़ियों को खरीदने के लिए कुल ₹60 करोड़ थे। नीलामी खत्म होने के बाद इसमें से कुल ₹59.50 करोड़ खर्च हुए। नीलामी में यूपी वॉरियर्ज और मुंबई इंडियंस ने अपने-अपने ₹12 करोड़ रुपये का ऑक्शन पर्स खाली कर दिया। जबकि दिल्ली ने सबसे ज्यादा ₹35 लाख, गुजरात ने ₹5 लाख और बैंगलोर ने ₹10 लाख बचाए।

डब्ल्यूपीएल में कुल खर्च हुई रकम का 58 प्रतिशत हिस्सा ऑलराउंडर्स को गया, जबकि गेंदबाजों पर फ्रेंचाइजियों ने महज 10 प्रतिशत पैसा खर्च किया। वहीं विकेटकीपर्स पर 13 प्रतिशत और सलामी बल्लेबाजों पर 19 प्रतिशत रकम खर्च की गयी।

पहले ही सीजन में विवाद
वैसे तो यह डब्ल्यूपीएल का पहला सीजन था लेकिन क्रिकेट और विवादों का नाता काफी पुराना रहा है। सबसे पहला विवाद गुजरात की टीम अडानी स्पोर्ट्सलाइन से जुड़ा हुआ है। सीजन का पहला मैच होने से पहले ही फ्रेंचाइजी ने मेडिकल क्लीयरेंस नहीं मिलने की बात बोलते हुए वेस्टइंडीज खिलाड़ी डियांड्रा डॉटिन की जगह ऑस्ट्रेलिया की किम गार्थ को टीम में शामिल किया। वहीं इस सीजन से डॉटिन को बाहर कर दिया। जबकि दूसरी ओर डॉटिन ने खुद इस मामले पर सफाई देते हुए एक लंबा-चौड़ा बयान जारी किया। जिसमें उन्होंने खुद को फिट बताया।

टीवी अंपायरों के गलत निर्णय
जब से फील्ड अंपायर के निर्णय टीवी अंपायर द्वारा जांचे परखे जाने शुरू हुए हैं तब से ही दर्शकों का टीवी अंपायरों पर बहुत विश्वास बढ़ा है। आधुनिक तकनीकी के सहारे टीवी अंपायर बहुत बारीकी से खेल को परख कर अपने निर्णय देते हैं।

लेकिन पहले डबल्यूपीएल में कई मैचों में टीवी अंपायरों ने टीवी स्क्रीन पर बहुत स्पष्ट दिखने वाले निर्णयों में भी गड़बड़ कर दी। और ये सभी गलत निर्णय मुंबई इंडियंस टीम के पक्ष में दिए गए, जिससे टूर्नामेंट की निष्पक्षता पर बड़े सवाल उठ रहे हैं।

यहां तक कि 26 मार्च को दिल्ली कैपिटल्स और मुंबई इंडियंस के बीच फाइनल मैच के दौरान भी टीवी अंपायर ने एक बेहद गलत निर्णय देकर दर्शकों में मन में शंका पैदा कर दी। दरअसल मुंबई की तेज गेंदबाज इस्सी वोंग की फुलटॉस गेंद पर शानदार बल्लेबाजी कर रही शेफाली वर्मा को गलत आउट करार दे दिया गया। यह फुलटॉस गेंद शेफाली की कमर से ऊंची थी, जिस पर उन्होंने शॉट खेला था। फिर भी फील्ड अंपायर ने उन्हें आउट करार दे दिया। जब बल्लेबाज शेफाली ने रिव्यू मांगा तो टीवी अंपायर ने स्पष्ट नो बॉल दिखने पर भी शेफाली को आउट घोषित कर दिया। जिसके बाद मैदान पर खूब शोर सुनाई दिया।

दरअसल शेफाली आक्रामक बल्लेबाजी करके गेंदबाजों पर दबाव डाल देती हैं और वोंग के जिस ओवर की तीसरी गेंद पर उन्हें गलत आउट दिया गया, उसकी पहली और दूसरी गेंद पर शेफाली एक छक्का और चौका जड़ चुकी थी। यदि शेफाली को गलत आउट नहीं दिया जाता तो मैच का परिणाम कुछ और ही होता, और शायद टूर्नामेंट की विजेता मुंबई इंडियंस न होकर दिल्ली कैपिटल्स होती।

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इससे पहले फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी टीम का निर्णय करने के लिए हुए महत्त्वपूर्ण एलिमिनेटर मैच में भी यूपी वॉरियर्स की अंजलि सरवानी ने मुंबई इंडियंस की प्रमुख बल्लेबाज हैली मैथ्यूज का शानदार कैच पकड़ा जिसे फील्ड अंपायर ने टीवी अंपायर को रिव्यू के लिए भेज दिया। स्क्रीन पर एकदम क्लीन कैच दिखने पर भी टीवी अंपायर ने मुंबई इंडियंस की बल्लेबाज के पक्ष में गलत निर्णय देकर उसे नॉट आउट घोषित करके जीवनदान दे दिया।

लीग मैचों में भी ऐसे कुछ निर्णय टीवी अंपायर द्वारा लिए गए जिन पर प्रश्न उठे। ऐसे ही एक मैच में जब मुंबई इंडियंस की ओपनर हैली मैथ्यूज को आउट देने की अपील पर टीवी अंपायर को रिव्यू के लिए कहा गया तो स्क्रीन पर दिखाए गए रिप्ले में मैथ्यूज स्पष्ट रूप से आउट दिखी और टीवी अंपायर ने उन्हें मैदान की स्क्रीन पर आउट घोषित कर दिया। इस पर मैथ्यूज ने अपनी नाराजगी दिखाई तो कुछ ही देर में टीवी पर एक अन्य रिप्ले दिखाई दिया जिसमें मैथ्यूज नॉट आउट दिख रही थी। इस पर टीवी अंपायर ने अपने ही निर्णय को बल्लेबाज के विरोध के बाद बदल दिया। इस पर भी टीवी अंपायर द्वारा मुंबई इंडियंस टीम के पक्ष में निर्णय देने का आरोप लगा था।

English summary
WPL Women's cricket league was successful, but wrong decisions of TV umpires raised controversy
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