Dog bite cases: क्यों बढ़ रही हैं कुत्तों द्वारा काटने की घटनाएं?
पालतू कुत्तों के काटने की घटनाओं की वजह से नोएडा-गाजियाबाद की कई सोसायटी में कुत्ता पालने पर ही प्रतिबंध लगा दिया गया है।
कुत्ते को सबसे वफादार जानवर और इंसान का सबसे अच्छा दोस्त माना जाता है। कुत्तों के मिलनसार स्वभाव के बावजूद कुछ कुत्ते कई बार आक्रामक हो जाते हैं और इंसान को काट लेते हैं।
12 अक्टूबर को सर्वोच्च न्यायालय ने पशु कल्याण बोर्ड से पिछले सात वर्षों में कुत्तों के आतंक से परेशान राज्य और प्रमुख शहरों के आंकड़े मांगे थे और पूछा था कि इन घटनाओं पर रोक लगाने के लिए क्या उपाय किए गए हैं? जारी किए गए आकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में प्रतिदिन कुत्तों के अलावा अन्य दूसरे जानवरों ने 19,938 लोगों को काटा था।
रेबीज के बढ़ते मामलों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में कहा गया है कि 99 प्रतिशत लोग कुत्तों के काटने से रेबीज के संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की भारत के बारे में रिपोर्ट कहती है कि प्रत्येक वर्ष 20 हजार लोगों की मौत रेबीज के संक्रमण की वजह से हो जाती हैं।
पालतू कुत्तों के काटने की घटनाओं की वजह से नोएडा-गाजियाबाद की कई सोसायटी में कुत्ता पालने पर ही प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा, नगर निकायों की ओर से भी काफी प्रयास किए जा रहे हैं।
नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रितु माहेश्वरी ने कहा है कि अगर पालतू पशु किसी भी व्यक्ति पर हमला करता है तो उसके मालिकों पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और मालिक अपने पालतू जानवर के काटने से हुई चोट के इलाज के लिए सभी चिकित्सा खर्चों का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा।
इसके अतिरिक्त 31 जनवरी, 2023 तक अपने पालतू जानवरों का पंजीकरण कराना होगा। अगर पालतू पशु मालिक अपने पालतू जानवरों का पंजीकरण नहीं कराते हैं तो उन्हें 10,000 रुपया जुर्माना देना होगा।
कुत्तों
के
काटने
की
हाल
की
घटनाएं
15
नवंबर,
2022
को
ग्रेटर
नोएडा
वेस्ट
की
लॉ
रेजिडेंसिया
सोसायटी
में
पालतू
कुत्ते
ने
एक
बच्चे
पर
हमला
कर
दिया।
कुत्ते
के
हमले
में
बच्चे
का
हाथ
गंभीर
रूप
से
घायल
हो
गया।
हालांकि
प्राथमिक
उपचार
के
बाद
बच्चे
को
छुट्टी
मिल
गई
है।
इस
घटना
के
बाद
नोएडा
प्राधिकरण
ने
कुत्ते
के
मालिक
पर
10
हजार
रुपये
का
जुर्माना
लगाया
है।
9 नवंबर, 2022 को नोएडा के सेक्टर पीआई 2 के यूनिटेक होराइजन सोसायटी में एक पालतू कुत्ते ने हाउसिंग सोसायटी के सिक्योरिटी गार्ड को काट लिया। कुत्ते के काटने की पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है। इस घटना के बाद सोसायटी के लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किया।
18 अक्टूबर, 2022 को नोएडा के सेक्टर 100 में कुत्ते के काटने से एक बच्चे की मौत हो गई। लोटस बुलेवार्ड सोसायटी में एक कुत्ते ने 7 माह के बच्चे को काट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। बच्चे की रोने की आवाज सुनकर जब लोग वहां पहुंचे, तब तक बच्चा बुरी तरह से घायल हो गया था। इसके बाद बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
12 अक्टूबर, 2022 को नोएडा के सेक्टर 23 में 11 वर्ष के मासूम बच्चे को विदेशी नस्ल के कुत्ते ने काट कर बुरी तरह जख्मी कर दिया।
14 अक्टूबर, 2022 को ओडिशा के बलांगीर जिले में एक आवारा कुत्ते के हमले में तीन वर्ष की बच्ची की मौत हो गई। कुत्ते ने हमला तब किया जब बच्ची अपने घर के पास खेल रही थी।
26 सितंबर, 2022 को नोएडा के सेक्टर 19 में कुत्तों के काटने से दो महिलाएं बेहोश हो गईं। घायलावस्था में महिलाओं को सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
19 सितंबर, 2022 को नोएडा के सेक्टर 73 स्थित सर्फाबाद में 60 वर्षीय बुजुर्ग पर कुत्ते ने हमला कर दिया। इस हमले में वे बुरी तरह से घायल हो गए। उनके हाथ और पैर पर कुत्ते के काटने से गहरे घाव होने के कारण 20 टांके लगाने पड़े।
13 सितंबर, 2022 को केरल के कोझिकोड जिले में एक 12 वर्षीय लड़के पर उसके घर के सामने एक आवारा कुत्ते ने हमला कर दिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
6 सितंबर, 2022 को गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन स्थित चार्म्स कैसल सोसायटी की लिफ्ट में एक महिला के सामने उसके कुत्ते ने एक बच्चे को काट लिया। इस प्रकरण में महिला के खिलाफ नंदग्राम थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई और नगर निगम ने इस महिला पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया।
29 अगस्त, 2022 को महाराष्ट्र के पनवेल में जोमाटो के एक डिलिवरी ब्वाय पर पालतू विदेशी कुत्ते ने हमला कर दिया। इस हमले में यह व्यक्ति पूरी तरह से घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
14 अगस्त, 2022 को केरल में एक बच्ची को आवारा कुत्ते ने काट लिया। रेबीज रोधी टीके की तीन खुराक देने के बाद भी बच्ची को बचाया नहीं जा सका और अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई।
11 अगस्त, 2022 को गुरुग्राम के सिविल लाइंस क्षेत्र में एक घरेलू सहायिका को एक विदेशी कुत्ते ने काट लिया। घरेलू सहायिका की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया।
1 जून, 2022 को बेंगलुरु के हेसरघट्टा रोड पर खेलते समय 7 से 8 कुत्तों के एक झुंड ने दो बच्चों का पीछा किया और दोनों को काट लिया।
30 अप्रैल, 2022 को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आवारा कुत्तों के हमले में 17 पर्यटकों और 22 स्थानीय लोगों सहित 39 लोग घायल हो गए। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
6 अप्रैल, 2022 को लखनऊ के मुसाहबगंज इलाके में आवारा कुत्तों के झुंड ने दो बच्चों पर हमला कर दिया। इनमें से एक की मौत हो गई और दूसरा बुरी तरह घायल हो गया।
देश भर में वर्ष 2019 में 72,77,523 लोगों को कुत्तों ने काटा। 2020 में 46,33,493, 2021 में 17,01,133 और इस वर्ष अभी तक 14,50,666 लोगों को कुत्तों ने काट लिया है।
क्यों
बढ़
रहे
कुत्ते
काटने
के
मामले?
कहा
जाता
है
कि
आजकल
लोग
अपने
घरों
में
बड़े
ही
शौक
से
कुत्ते
पाल
रहे
हैं।
साथ
ही
जो
व्यक्ति
जानवरों
से
प्यार
करते
है,
वे
भी
आवारा
जानवरों
को
खाने-पीने
की
चीजें
उपलब्ध
कराते
है।
लेकिन
अब
आवारा
कुत्तों
की
संख्या
काफी
अधिक
हो
गई
है,
जिससे
कुत्ते
लोगों
पर
हमले
भी
कर
रहे
हैं।
अब
तो
स्थिति
यह
हो
गई
है
कि
कुत्तों
के
मालिकों
पर
ही
उनके
पालतू
कुत्ते
हमला
कर
रहे
हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि जब कुत्ते को पालने के लिए घर लाते है, तो उसे ठीक से ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। लेकिन लोग अक्सर ऐसा नहीं करते। अनेक कारणों से कुत्ते आक्रामक हो जाते हैं। इसके अलावा मौसम भी कुत्तों के हमलावर होने का कारण बन जाता है। जैसे कुछ विदेशी नस्ल के कुत्तों को ठंड का मौसम पसंद है और वे इस मौसम में शांतिपूर्वक रहते हैं। लेकिन आजकल लोग दिल्ली-एनसीआर में इन कुत्तों को पाल रहे हैं, जहां का मौसम उनके अनुकूल नहीं है। गर्मी सहन नहीं होने के कारण कुत्तों में आक्रमकता बढ़ रही है।
डॉक्टरों का कहना है कि बहुत से लोग कुत्ता लेकर आते हैं और उसे घर के एक कोने में बांध देते हैं। ऐसे कुत्ते लोगों के साथ बेहद कम घुल-मिल पाते हैं और बंधे होने के कारण वे आक्रामक हो जाते हैं। कुत्तों के आक्रामक होने का एक कारण खान-पान का असंतुलित होना भी है। कई बार घरों में कुत्तों को उनकी खुराक से अधिक खाना दे दिया जाता है, या फिर उनका वर्क-आउट उस अनुपात में नहीं होता है। ऐसे में शारीरिक ऊर्जा का पूरा इस्तेमाल नहीं हो पाता और यह भी उन्हें आक्रामक बना देता है।
कुत्तों
के
काटने
से
बीमारी
का
खतरा
डॉक्टरों
का
कहना
है
कि
कुत्तों
के
काटने
से
लोगों
को
रेबीज
के
अलावा
जूनोटिक
बीमारी
होने
का
खतरा
भी
होता
है।
रेबीज
का
लासा
वायरस
कुत्ता,
बिल्ली
व
बंदरों
में
पाया
जाता
है।
इन
जानवरों
के
काटने
से
इंसानों
के
शरीर
में
लार
पहुंचने
से
रेबीज
का
संक्रमण
हो
जाता
है।
लोग
मानते
है
कि
अगर
पालतू
जानवर
काट
ले
तो
उससे
खतरा
नहीं
होता
है।
जबकि
यह
भ्रम
है।
कुत्ते
के
काटने
पर
लापरवाही
नहीं
करनी
चाहिए
और
उसका
उचित
इलाज
करवाना
चाहिए।
आवारा
कुत्तों
की
संख्या
कितनी
है?
लोकसभा
में
2
अगस्त
को
मत्स्यपालन,
पशुपालन
एवं
डेयरी
मंत्री
पुरुषोत्तम
रुपाला
ने
अपने
बयान
में
बताया
कि
वर्ष
2019
में
भारत
में
आवारा
कुत्तों
की
संख्या
1.53
करोड़
थी,
जबकि
वर्ष
2012
में
कुत्तों
की
संख्या
1.71
करोड़
थी।
गौरतलब
है
कि
एक
तरफ
तो
कुत्तों
के
हमले
लोगों
पर
बढ़
रहे
है,
वहीं
दूसरी
तरफ
सरकारी
आंकड़ों
में
उनकी
संख्या
में
लगातार
गिरावट
बताई
जा
रही
है।
उत्तर
प्रदेश
में
सबसे
ज्यादा
कुत्ते
आंकड़ों
के
अनुसार,
उत्तर
प्रदेश
में
वर्ष
2012
में
कुत्तों
की
कुल
संख्या
41.79
लाख
थी
जो
2019
में
घटकर
20.59
लाख
रह
गई
थी।
देश
के
17
राज्यों
में
एक
लाख
से
ज्यादा
कुत्ते
हैं।
इनमें
सबसे
अधिक
कुत्ते
उत्तर
प्रदेश
में
हैं।
इसके
बाद
राजस्थान,
महाराष्ट्र
व
मध्य
प्रदेश
का
नंबर
आता
है।
वहीं
मणिपुर,
दादर
व
नगर
हवेली
और
लक्षद्वीप
में
एक
भी
कुत्ता
नहीं
है।
इन
राज्यों
में
बढ़ी
कुत्तों
की
संख्या
पूरे
देश
के
आंकड़े
मिलाकर
भले
ही
कुत्तों
की
संख्या
गिर
रही
हो,
लेकिन
पिछले
कुछ
सालों
में
कुछ
राज्यों
में
कुत्तों
की
संख्या
में
बढ़ोत्तरी
भी
हुई
है।
कर्नाटक
में
आवारा
कुत्तों
की
आबादी
2.6
लाख
बढ़
गई
है।
राजस्थान
में
1.25
लाख
कुत्ते
बढ़
गए
है।
इसके
अलावा
ओडिशा
में
87
हजार,
गुजरात
में
85
हजार,
महाराष्ट्र
में
60
हजार,
छत्तीसगढ़
में
51
हजार,
हरियाणा
में
42
हजार
और
केरल
में
कुत्तों
की
संख्या
में
21
हजार
की
बढ़ोत्तरी
हुई
है,
जबकि
जम्मू-कश्मीर
में
38
हजार
कुत्तों
की
वृद्धि
हुई
है।
इन
राज्यों
में
घटी
कुत्तों
की
संख्या
वर्ष
2012
के
आंकड़ों
के
अनुसार,
आंध्र
प्रदेश
और
तेलंगाना
में
12.3
लाख
आवारा
कुत्ते
थे,
जो
2019
में
कम
होकर
8.6
लाख
रह
गए।
इसी
तरह
बिहार
में
भी
आवारा
कुत्तों
की
संख्या
में
कमी
आई
है।
बिहार
में
वर्ष
2019
में
3.4
लाख
आवारा
कुत्ते
बचे
थे।
वहीं,
असम
में
3
लाख,
तमिलनाडु
और
मध्य
प्रदेश
में
2-2
लाख,
झारखंड
में
98
हजार
और
पश्चिम
बंगाल
में
1.7
लाख
कुत्ते
कम
हुए
हैं।
कुत्ते
के
काटने
पर
क्या
करें?
डॉक्टरों
के
अनुसार,
जब
किसी
मनुष्य
को
कुत्ता
काट
लेता
है
तो
पीड़ित
को
तुरंत
साफ
पानी
और
साबुन
से
उस
जगह
को
अच्छे
से
धो
लेना
चाहिए।
क्योंकि
कुत्तों
के
लार
में
रेबीज
नामक
कीटाणु
होते
हैं,
जो
जानलेवा
होते
हैं।
इसलिए
कुत्ते
के
काटने
के
बाद
इंजेक्शन
लगवाना
बहुत
ही
जरूरी
होता
है
और
वैक्सीन
की
पूरी
प्रक्रिया
का
पालन
करना
चाहिए।
कुत्ते
के
काटने
के
बाद
इंजेक्शन
नहीं
लगाने
से
मौत
हो
सकती
है।
पशु
चिकित्सकों
की
मानें
तो
पालतू
कुत्तों
की
अपेक्षा
स्ट्रीट
डॉग
को
रेबीज
होने
का
खतरा
ज्यादा
रहता
है,
क्योंकि
इनका
टीकाकरण
नहीं
किया
जाता।