मां के बाद गाय का दूध ही अमृत है क्यों?
बैंगलुरू। हमारे यहां गाय को मां का दर्जा प्राप्त है क्योंकि मां के दूध के अलावा अगर बच्चे को कोई बचा सकता है तो वो है गाय का दूध। कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है और आखिर गाय के दूध को ही अमृत क्यों कहते हैं?
जानिए गाय के बारे में हैरान कर देने वाले रोचक तथ्य
तो चलिए आपको बताते हैं गौ-माता के दूध की खासियत
-
गाय
के
ही
दूध
में
विटामिन
'ए'
होता
है
जो
कि
विश्व
के
किसी
भी
और
पशु
के
दूध
में
नहीं
पाया
जाता।
-
पौष्टिक
होने
के
साथ-साथ
गाय
का
दूध
हल्का
होता
है
इसलिए
मां
के
दूध
की
जगह
नवजात
को
गाय
का
दूध
दिया
जाता
है।
- गाय के दूध में कैलिशयम 200 प्रतिशत, फास्फोरस 150 प्रतिशत, लौह 20 प्रतिशत, गंधक 50 प्रतिशत, पोटाशियम 50 प्रतिशत, सोडियम 10 प्रतिशत, खनिज पाए जाते है।
गाय के दूध के बारे में और बातें करते हैं नीचे की स्लाइडों में...
विटामिन A
गाय के दूध में विटामिन C 2 प्रतिशत, विटामिन A (आई.क्यू) 174 और विटामिन D 5 प्रतिशत पाए जाते है।
मानसिक विकार नहीं
गाय के दूध के घी का सेवन करने से शरीर में त्वचा संबधित और मानसिक विकार नहीं होते हैं।
वीर्य को बढ़ाता है
गाय का दूध हार्मोनल को बैलेंस करता है और वीर्य को बढ़ाता है इसलिए जिन दंपतियों को संतान प्राप्ति की इच्छा होती है उन्हें गाय के दूध का सेवन करने को कहा जाता है।
इथीलीन आक्साइड गैस
गाय के घी को चावल से साथ मिलाकर जलाने से अत्यंत महत्वपूर्ण गैस जैसे इथीलीन आक्साइड गैस जीवाणु रोधक होने के कारण आप्रेशन थियेटर से लेकर जीवन रक्षक औषधि बनाने के काम आती है।
स्मरण शक्ति को बढ़ाता है
गाय का दूध स्मरण शक्ति को बढ़ाता है, आंखों की रोशनी के लिए अच्छा होता है और शक्तिवर्धक होता है लेकिन यह मोटापा या वसा को नहीं बढ़ाता है।
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