Video: जब शिकागो के बराक ओबामा को भारत में याद आए स्वामी विवेकानंद
वर्ष 2010 में जब पहली बार भारत दौरे पर आए थे राष्ट्रपति बराक ओबामा तो उन्होंने अपने गृहनगर शिकागो में स्वामी विवेकानंद के धर्म सम्मेलन के दौरान कहीं बातों को किया था याद।
शिकागो। शिकागो, अमेरिका का वह शहर जो एक महान आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद और दुनिया के महान नेताओं में से एक अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को एक साथ जोड़ता है। यह भी काफी दिलचस्प है कि स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को युवा दिवस के तौर पर मनाते हैं तो आज ओबामा आज करोड़ों युवाओं के आदर्श हैं।
वर्ष 2010 में संसद में किया विवेकानंद का जिक्र
वर्ष 2010 में राष्ट्रपति ओबामा पहली बार भारत दौरे पर आए थे। यहां पर उन्होंने आठ नवंबर 2010 को देश की संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ओबामा ने स्वामी विवेकानंद का जिक्र किया। ओबामा ने कहा, 'भारत की संसद में आज इस देश की विविधता के दर्शन हो रहे हैं। इस देश के विश्वासों की शोभा को एक सदी से भी पहीले मेरे गृहनगर शिकागो पहुंचे एक आंगतुक ने भी दुनिया को बताया था, उनका नाम था स्वामी विवेकानंद। उन्होंने कहा था, पवित्रता, शुद्धता और उदारता पर दुनिया के सिर्फ किसी एक चर्च का अधिकार नहीं है और हर देश का तंत्र ने सर्वोच्च चरित्र वाले पुरुष और महिलाओं को तैयार किया है।' इसके बाद जब ओबामा वर्ष 2015 में दूसरी बार भारत आए तो उन्होंने एक टाउन हॉल मीटिंग में अपने संबोधन बिल्कुल उसी तरह से शुरू किया जिस तरह से शिकागो की धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद ने अपने संबोधन की शुरुआत की। ओबामा ने कहा, 'सिस्टर्स एंड ब्रदर्स ऑफ इंडिया।'
क्या हुआ था 11 सितंबर को
स्वामी विवेकानंद ने 11 सितंबर 1893 आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो में आयोजित धर्म संसद में वह भाषण दिया था जिसे आज तक दुनिया भर में लोग सुनते हैं। इस कार्यक्रम में सात हजार लोग मौजूद थे। स्वामी विवेकानंद को दोपहर में बोलने का अवसर दिया। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत, 'सिस्टर्स एंड ब्रदर्स ऑफ अमेरिका,' के साथ की थी। इसके साथ ही लोगों ने खड़े होकर उनका अभिनंदन किया था। करीब दो मिनट तक स्वामी विवेकानंद के लिए तालियां बजी थीं।