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Vehicle Recall: क्या होता है वाहनों को रिकॉल करना, जानें इसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में

कारों, मोटरसाइकिल, स्कूटी में डिफेक्ट और उनको रिकॉल करना आज के समय में बहुत कॉमन हो गया है। भारत में अब तक 50 लाख से अधिक वाहनों को रिकॉल किया जा चुका है।

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Vehicle Recall What is the recall of vehicles know about its process

Vehicle Recall: भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुज़ुकी ने अपनी 17,362 गाड़ियों को रिकॉल कर लिया है। इन गाड़ियों को रिकॉल करने का कारण उनके एयर बैग कंट्रोलर में डिफेक्ट है। जिन गाड़ियों के मॉडल्स डिफेक्टेड है उनमें आल्टो K10, S-प्रेसो, ईको, ब्रीजा, बलेनो और ग्रैंड विटारा शामिल हैं।

क्या आप जानते हैं, क्या होता है कार रिकॉल? पहली बार रिकॉल कब हुआ, और भारत में रिकॉल का क्या प्रोसेस है? साथ ही जानें भारत में कार रिकॉल से जुड़े कुछ रोचक आंकड़े और रिकॉल करने के कुछ नुकसान।

क्या होती है वाहनों की रिकॉलिंग

रिकॉलिंग किसी भी वाहन निर्माता कंपनी द्वारा किया जा सकता है। यह आमतौर पर तब किया जाता है जब किसी ऐसी समस्या का पता चलता है जो वाहन में सवार लोगों की सुरक्षा या वाहन की परफॉर्मेंस को प्रभावित कर सकती है। फिलहाल मोटर वाहन उद्योग में यह एक सामान्य प्रक्रिया बन गयी है।

रिकॉल के मुख्य कारण

रिकॉल कई कारणों से हो सकता है। इसमें सिक्योरिटी डिफेक्ट, एमिशन प्रॉब्लम और सड़क सुरक्षा के अधिकारिक नियमों का पालन न करना शामिल हैं। सिक्योरिटी प्रॉब्लम में ब्रेकिंग सिस्टम, स्टीयरिंग, एयरबैग और सीट बेल्ट में समस्या जैसे मुद्दे हैं। एमिशन प्रॉब्लम में वाहन के एग्जॉस्ट में दिक्कत शामिल हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप अत्यधिक एमिशन वायु प्रदूषण को बढ़ा सकता है। नियमों का पालन न करने में फ्यूल एफिशिएंसी, क्रैश टेस्ट रेटिंग और लेबलिंग के मुद्दे शामिल हो सकते हैं। कई बार इन कारणों के अलावा भी कई कारण हो सकते हैं जिनकी वजह से वाहनों को रिकॉल किया जाता है, जैसे किसी पार्ट में समस्या आना।

क्या है रिकॉलिंग का इतिहास

रिकॉल की प्रक्रिया आज से नहीं कई दशकों से चली आ रही है। दुनिया में सबसे पहला कार रिकॉल 1915 में हुआ था। तब फोर्ड मोटर कंपनी ने स्टीयरिंग व्हील में आई समस्या को लेकर रिकॉल जारी किया था। इसके बाद, 1960 के आसपास रिकॉलिंग सामान्य प्रक्रिया बन गयी। दरअसल इस दौरान अमेरिका में राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुरक्षा प्रशासन (NHTSA) की स्थापना की गई थी।

2000 के आसपास भारत में भी वाहनों को रिकॉल करने की शुरुआत हुई। जुलाई 2015 में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने इस सन्दर्भ में एक नयी रिकॉल पॉलिसी की घोषणा की, जिसने निर्माताओं के लिए एक समय सीमा के अंदर किसी भी रिकॉल के बारे में ग्राहकों को सूचित करना और रिपेयर या रिप्लेस को मुफ्त में करना अनिवार्य कर दिया था।

भारत में रिकॉल करने की प्रक्रिया

भारत में वाहनों को वापस बुलाने की प्रक्रिया केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के तहत सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा नियंत्रित की जाती है। किसी भी वाहन निर्माता को रिकॉल करने से पहले समस्या को परखना होता है जो वाहन की सुरक्षा अथवा प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है। इसके बाद कार निर्माता द्वारा MoRTH को सूचित करना अनिवार्य है। फिर कंपनी को वाहन की मरम्मत की एक व्यवस्थित योजना बनानी होती है। इस मरम्मत के लिए वाहन मालिक से कोई राशि नहीं ली जाती। भारत में वाहन निर्माताओं को डिफेक्टेड वाहनों को वापस बुलाने के कारण का खुलासा करना भी आवश्यक होता है।

कंपनियों द्वारा वाहन रिकॉल करने के कुछ नुकसान

वाहनों को रिकॉल करने से कंपनी की छवि और प्रतिष्ठा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। रिकॉल यह दर्शाता है कि उत्पाद के साथ कोई समस्या है, और इससे कंपनी के वाहनों की गुणवत्ता और सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है। इसके अलावा मरम्मत, रिप्लेसमेंट करने में रिकॉल कंपनी के लिए महंगा हो जाता है। नेगेटिव पब्लिसिटी और ग्राहकों के भरोसे का नुकसान भी रिकॉल के परिणाम हैं, जिससे कई बार तो कंपनी की स्टॉक वैल्यू भी गिर जाती है।

भारत में ऑटोमोबाइल रिकॉल के कुछ आंकड़े

नीचे दिए गए सभी आंकड़े वर्ष 2012 के बाद के हैं और सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) की रिपोर्ट्स पर आधारित है।

● 2012 के बाद से भारत में अब तक कुल 50,56,674 ऑटोमोबाइल को वॉलंटरी रिकॉल किया गया है और इस आंकड़े में 2-व्हीलर और 4-व्हीलर दोनों शामिल हैं।

● भारत में 2012 के बाद पहला ऑटोमोबाइल रिकॉल फोर्ड द्वारा 23 जुलाई को फोर्ड फिएस्टा क्लासिक और फोर्ड फिगो का किया गया था, तब उन्होंने 128,655 कारों को रिकॉल किया था।

● वर्ष 2022 में भारत में कुल 278,473 ऑटोमोबाइल को रिकॉल किया गया था जबकि यही आंकड़ा वर्ष 2021 में 13,32,309 था।

● भारत में अब तक सबसे ज्यादा ऑटोमोबाइल 'होंडा कार्स इंडिया' ने रिकॉल की हैं और उसका आंकड़ा 963,939 वाहनों का है।

● भारत में अब तक जिस कंपनी ने सबसे कम ऑटोमोबाइल रिकॉल किए है वह टाटा मोटर्स है। कंपनी ने जैगुआर की 517 कारों को वापस बुलाया था।

● अभी तक भारत में 2021 में सबसे ज्यादा 13,32,309 ऑटोमोबाइल रिकॉल किये गए।

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● अब तक भारत में 2017 में सबसे कम 80,531 ऑटोमोबाइल रिकॉल किये गए।

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English summary
Vehicle Recall What is the recall of vehicles know about its process
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