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रियल एस्‍टेट (नियामक एवं विकास) विधेयक 2015- पूर्ण विवरण

By Ajay Mohan
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नई दिल्‍ली। देश भर में मकान, फ्लैट, आदि के नाम पर ठगी को रोकने के लिये केंद्र सरकार ने जो रियल एस्‍टेट (नियामक एवं विकास) विधेयक 2015 उसे राज्‍य सभा ने गुरुवार को पारित कर दिया। इस विधेयक के अंतर्गत एक नियामक इकाई स्‍थापित की जायेगी जो उन बिल्‍डरों पर नकेल कसेगी जो इमारतें बनाने में नियमों का उल्‍लंघन करते हैं। खास बात यह है कि वर्तमान के अंडर-कंस्‍ट्रक्‍शन और आने वाले सभी प्रोजेक्‍ट इस नये कानून के अंतर्गत आयेंगे। चलिये पढ़ते हैं इस कानून से जुड़ी बातें विस्‍तार से।

About Real Estate (Regulation and Development) Bill 2015 in Hindi

रियल एस्‍टेट (नियामक और विकास) विधेयक- उपभोक्‍ताओं के हितों की रक्षा करने, रियल एस्‍टेट लेन-देन में निष्‍पक्षता लाने और समय पर परियोजनाओं के कार्यान्‍वयन में मार्ग प्रशस्‍त करने वाला कदम है।

यह विधेयक रियल एस्‍टेट नियामक प्राधिकरण के साथ रियल एस्‍टेट परियोजनाओं और रियल एस्‍टेट एजेंटों के पंजीकरण के जरिए उपभोक्‍ताओं के लिए प्रमोटर्स द्वारा आवश्‍यक खुलासा करना सुनिश्चित करता है। इस विधेयक का उद्देश्‍य रियल एस्‍टेट में संस्‍थागत पारदर्शिता और जिम्‍मेदारी द्वारा रियल एस्‍टेट क्षेत्र में उपभोक्‍ताओं का विश्‍वास बहाल करना तथा आवासीय लेन-देन, जिससे पूंजी और वित्‍तीय बाजार में इस क्षेत्र की पहुंच और बढ़े। इस विधेयक से परियोजना के प्रभावी कार्यान्‍वयन, पेशेवर तरीके और मानकीकरण के जरिए व्‍यवस्थित तरीके के इस क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।

विधेयक की प्रमुख विशेषताएं निम्‍नलिखित हैं -

1. यह सभी व्‍यावसायिक और आवासीय रियल एस्‍टेट परियोजनाओं पर लागू होगा। अंडरकंस्‍ट्रक्‍शन एवं 2016 में कंप्‍लीट प्रोजेक्‍ट पर लागू होगा।

2. रियल एस्‍टेट लेन-देन को नियमित करने के लिए राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों में 'रियल एस्‍टेट नियामक प्राधिकरण' की स्‍थापना करनी होगी।

3. रियल एस्‍टेट बिल्‍डरों और रियल एस्‍टेट एजेंटों को प्राधिकरण के साथ पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।

4. सभी पंजीकृत परियोजनाओं का पूर्ण विवरण प्राध‍िकरण को देना होगा। जिसमें प्रमोटर, परियोजना, ले आउट, योजना, भूमि की स्थिति, मंजूरियां, समझौते, रियल एस्‍टेट एजेंटों, ठेकेदारों, वास्‍तुकारों और इंजीनियरों आदि के बारे में विस्‍तृत जानकारी शामिल हैं।

5. परियोजना को समय पर पूरा करने में इसकी निर्माण लागत के लिए एक अलग बैंक खाते में विशेष राशि जमा करना होगा।

6. न्‍यायिक अधिकारियों और अपीलीय ट्राइब्‍यूनल के जरिए वाद-विवाद सुलझाने के लिए त्‍वरित विवाद 60 दिन के भीतर निपटाने होंगे।

7. न्‍यायालयों में विधेयक में परिभाषित मुद्दों को उठाने पर प्रतिबंध, हालांकि उपभोक्‍ता अदालतों में रियल एस्‍टेट के मामलों पर सुनवाई हो सकती है।

8. प्रमोटर, उपभोक्‍ता की सहमति के बिना योजना और डिजाइन में बदलाव नहीं कर सकेंगे।

9. नगर निकाय व अन्‍य प्रशासनिक कार्यालयों से मंजूरी लिये बगैर बिल्‍डर प्रीलॉन्‍च प्रोजेक्‍ट के विज्ञापन नहीं दे सकेंगे।

10. बिल्‍डर प्रोजेक्‍ट के बॉशर और विज्ञापन में जो वादे करता है, अगर उसे पूरा नहीं किया तो उसे 3 से 5 साल की जेल हो सकती है।

11. बिल्‍डर अगर कोई डेविएशन करता है, तो पांच साल के भीतर अगर कोई जुर्माना ठोका जाता है तो वह बिल्‍डर वहन करेगा, उपभोक्‍ता नहीं।

12. कंप्‍लीशन सर्टिफिकेट CC और ऑक्‍यूपेंसी सर्टिफिकेट OC देने की जिम्‍मेदारी बिल्‍डर की होगी।

13. वर्तमान में बिल्‍डर बिल्‍ट-अप एरिया बताते हैं कार्पेट एरिया नहीं। अब डीड में कार्पेट एरिया लिखना अनिवार्य होगा।

14. नगर निकाय से अप्रूव लेआउट के मुताबिक बिल्‍डंग नहीं बनने पर प्रीलॉन्‍च में बुकिंग करने वाले उपभोक्‍ता प्राध‍िकरण में श‍िकायत कर सकेंगे।

15. रीयल इस्‍टेट आवासीय परियोजना का पंजीकरण न करना- रीयल इस्‍टेट परियोजना की प्रस्‍तावित लागत का दस प्रतिशत तक जुर्माना जैसा प्राधिकरण द्वारा निर्धारित किया गया हो।

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English summary
The Rajya Sabha passed Real Estate (Regulation and Development) Bill 2015 on Thursday. Read about real estate bill in Hindi.
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