क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

इस्‍लामिक देशों में रहने वाले मुसलमान भी चरमपंथ से परेशान

Google Oneindia News

वाशिंगटन। दुनिया में बढ़ते आतंकवाद के पीछे लोगों का तर्क है कि कुछ हद तक मुस्लिम संगठन और मुस्‍लिमों की एक बड़ी आबादी इसके लिए जिम्‍मेदार है लेकिन अगर अमेरिकी प्‍यू ग्‍लोबल एटीट्यूड्स प्रोजेक्‍ट की एक रिसर्च पर अगर यकीन करें तो यह मुसलमानों को इसके लिए दोष देना गलत है।

इस रिसर्च के मुताबिक अब दुनिया भर के मुसलमान भी आतंकवाद और ऐसी हरकतों से दूर होना चाहते हैं।

प्‍यू रिसर्च की ओर से की गई इस स्‍टडी में यह बात सामने आई है कि इस्‍लामिक चरमपंथ को लेकर उन देशों में न सिर्फ खासी चिंता है जहां पर मुसलमान अच्‍छी खासी संख्‍या में रहते हैं बल्कि वहां के लोगों के बीच डर बढ़ता जा रहा है।

मीडिल र्इस्‍ट देशों में जारी आंदोलन के बाद चरमपंथ ने मुसलमानों देशों को खासा डरा दिया है।

14 देश के 14,000 लोग बने स्‍टडी का हिस्‍सा

14 देश के 14,000 लोग बने स्‍टडी का हिस्‍सा

प्‍यू रिसर्च की ओर से इस स्‍टडी में 14 देश के 14,000 लोगों को शामिल किया गया था। उससे भी ज्‍यादा खास बात यह है कि इस स्‍टडी को अप्रैल-मई में अंजाम दिया गया था यानी उस समय तक ईराक के साथ ही पूरी दुनिया ने आईएसआईएस की आहट के बारे में सोचा भी नहीं था।

लोग हुए परेशान

लोग हुए परेशान

प्‍यू रिसर्च की ओर से हुई इस स्‍टडी के मुताबिक इराक के आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट ऑफ इराक एंड सीरिया यानी आईएसआईएस ने जब से खुद को इराक में खलीफा घोषित कर एक नए युद्ध का आगाज करने की अपील की है, तब से ही वहां लोग काफी परेशान हैं।

इराक और सीरिया पर आईएसआईएस का कब्‍जा

इराक और सीरिया पर आईएसआईएस का कब्‍जा

आईएसआईएस ने किया इराक और सीरिया पर कब्‍जा कर लिया है। इस बात से न सिर्फ लोगों में चिंता बढ़ गई है बल्कि वह काफी डरे हुए भी हैं।

 2013 में सिर्फ 81 प्रतिशत था आंकड़ा

2013 में सिर्फ 81 प्रतिशत था आंकड़ा

प्‍यू रिसर्च की ओर से हुई इस स्‍टडी में जो आंकड़े आए हैं, उनके मुताबिक लेबनान जो कि सीरिया से सटा है, वहां पर 92 प्रतिशत लोगों को इस्‍लामिक चरमपंथ ने परेशान कर दिया है। यहां पर यह बात गौर करने वाली है कि वर्ष 2013 में यही आंकड़ा सिर्फ 11 प्रतिशत था। यानी इस वर्ष इसमें 11 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। लेबनान में 95 प्रतिशत शिया मुसलमान और 86 प्रतिशत सुन्‍नी मुसलमान हैं।

 इजिप्‍ट भी परेशान

इजिप्‍ट भी परेशान

ट्यूनीशिया और इजिप्‍ट जैसे देश, जिन्‍होंने दुनिया को जैस्‍मीन रेवॉल्‍यूशन यानी अरब क्रांति से रूबरू करवाने वाले देश ट्यूनीशिया और इजिप्‍ट में भी इस्‍लामिक चरमपंथ एक बड़ी समस्‍या के तौर पर नजर आया। 10 में से आठ ट्यूनीशियन ने अपने देश में बढ़ते चरमपंथ पर चिंता जाहिर की। वर्ष 2013 में यह आंकड़ा 71 प्रतिशत और वर्ष 2012 में यह आंकड़ा 65 प्रतिशत था। वहीं तीन चौथाई इजिप्‍ट नागरिक भी इस समस्‍या को तुरंत रोकने के पक्ष में हैं।

65 प्रतिशत फिलीस्‍तीन परेशान

65 प्रतिशत फिलीस्‍तीन परेशान

प्‍यू रिसर्च के मुताबिक फिलीस्‍तीन सीमा में रहने वाले 65 प्रतिशत लोग इस बात से खासे परेशान हैं। वहीं गाजा पट्टी में 79 प्रतिशत और वेस्‍ट बैंक के 57 प्रतिशत लोग इस बात से परेशान नजर आए।

तालिबान के खिलाफ पाकिस्‍तान

तालिबान के खिलाफ पाकिस्‍तान

इस स्‍टडी में यह बात भी साफ हुई है कि भारत के पड़ोसी मुल्‍क पाकिस्‍तान के 59 प्रतिशत लोग तालिबान को समर्थन देने के सख्‍त खिलाफ हैं। सिर्फ आठ प्रतिशत लोगों ने ही इस संगठन को किसी तरह का समर्थन देने की बात कही।

तहरीक-ए-तालिबान के लिए भी बदला नजरिया

तहरीक-ए-तालिबान के लिए भी बदला नजरिया

वहीं पाक स्थित तहरीक-ए-तालिबान जो कि तालिबान की ही एक शाखा है, के लिए भी नकारात्‍मक राय देखने को मिली है।

Comments
English summary
Pew research says Islamic extremism is not only becoming a problem for Islamic nations but its like a growing fear among Islamic nations.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X