National Cadet Corps: शांति काल हो या युद्ध, एनसीसी की गतिविधियां देश के लिए महत्त्वपूर्ण
एनसीसी का उद्देश्य मिलिट्री ट्रेनिंग, समाज सेवा, आउटडोर गतिविधियों के माध्यम से युवाओं में नेतृत्व, चरित्र, अनुशासन, जोश जैसे मूल्यों को विकसित करना है।
National Cadet Corps: 28 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के करिअप्पा ग्राउंड में नेशनल कैडेट कोर्प्स (NCC) की 'NCC PM' रैली को संबोधित किया। इस रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कैडेट्स का मार्गदर्शन करते हुए कई महत्वपूर्ण बातें कहीं और साथ ही साथ NCC के 75 वर्ष पूरे होने पर ₹75 का सिक्का भी रिलीज किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "मैं राष्ट्र निर्माण में एनसीसी के योगदान की सराहना करता हूं। भारत को एनसीसी कैडेट्स के दृढ़ संकल्प और सेवा की भावना पर गर्व है।"
स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थियों को कैंपिंग, ट्रेकिंग, शूटिंग और पैरा-सेलिंग जैसी कई आउटडोर एक्टिविटीज के माध्यम से एनसीसी आर्मी ट्रेनिंग जैसा अनुभव देता है। NCC केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के अधीन एक संगठन है और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। यह संगठन भारतीय सेना को सहायता देने के अलावा, देश में आपातकालीन स्थितियों जैसे बाढ़ और भूकंप सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता प्रदान करते हुए आपदा प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा हैं। NCC विभिन्न सामाजिक कल्याण गतिविधियों में भी शामिल रहा है, जैसे रक्तदान शिविर, पौधा रोपण अभियान और स्वच्छता अभियान।
एनसीसी का उदय
एनसीसी ने भारत में युवाओं के चरित्र और व्यक्तित्व को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। NCC की स्थापना 15 जुलाई 1948 को युवाओं में अनुशासन, देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव की भावना पैदा करने के उद्देश्य से की गई थी। 1950 से 1960 के दशक में NCC का तेजी से विकास हुआ। स्कूलों और कॉलेजों की बढ़ती संख्या के साथ एनसीसी को उनके पाठ्यक्रम में शामिल किया गया। एनसीसी ने 1980 से 1990 के दशक में विस्तार करना जारी रखा, उन्होंने अपने कैडेट्स को और अधिक आउटडोर एक्टिविटीज और प्रोग्राम्स के ऑफर्स दिए और देश भर में अधिक युवाओं तक अपनी पहुंच बनाई। NCC ने राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और यह भारत में एक सम्मानित संस्थान के रूप में जाना जाता है।
फिलहाल देश में NCC की क्या स्थिति?
2022 की रिपोर्ट के अनुसार देश में कुल 12,401 स्कूलों और 5,243 कॉलेजों में NCC ने अपनी उपस्थिति बना रखी है। देश के अलग-अलग कोनों से NCC में लगभग 15 लाख से भी ज्यादा छात्र जुड़े हुए हैं, और साल-दर-साल यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। 1948 में जब NCC की शुरुआत हुई थी तब सिर्फ 20,000 कैडेट्स थे। अगस्त 2020 में रक्षा मंत्रालय ने NCC को सीमावर्ती और समुद्र तटीय जिलों में विस्तार करने की मांग को भी मंजूरी दे दी थी।
एनसीसी और भारतीय सेना
एनसीसी और भारतीय सेना दोनों बहुत ही करीब से और हाथ से हाथ मिलाकर काम करते हैं। एनसीसी अपने कैडेट्स को मिलिट्री ट्रेनिंग देता है और उन्हें भारतीय सेना सहित अन्य सशस्त्र बलों में केरियर बनाने के लिए तैयार करता है। कई NCC कैडेट अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद भारतीय सेना में शामिल हो जाते हैं।
इसी प्रकार एनसीसी भी भारतीय सेना के लिए भली भांति प्रशिक्षित और उत्साही युवाओं को ढूंढने का एक सफल माध्यम है। एनसीसी और भारतीय सेना समय-समय पर तरह-तरह की एक्टिविटीज जैसे ट्रेनिंग कैंप, परेड और सामाजिक सेवा कार्य में सहयोग करते रहते हैं। 2021 के आंकड़ों के अनुसार एनसीसी की 100 से भी ज्यादा महिला अफसर भारतीय सेना में कमीशंड है। NCC में महिलाओं के लिए एक अलग रेजिमेंट है जिसका नाम 'होल टाइम लेडी ऑफिसर्स' है।
भारत के खिलाफ युद्धों में एनसीसी की भूमिका
एनसीसी ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। भारत-पाकिस्तान के इस युद्ध के दौरान NCC कैडेट्स को विभिन्न कार्य करने के लिए तैनात किया गया था, जैसे कम्युनिकेशन लाइन्स ऑपरेट करना, संदेश ले जाना और घायलों का प्राथमिक उपचार करना। युद्ध के दौरान NCC ने बड़ी संख्या में अपने कैडेट्स और युवाओं को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित करके और युद्ध में तैनात सैनिकों के परिवारों को सहायता प्रदान कर महत्वपूर्ण योगदान दिया।
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भी NCC कैडेट्स 'सेकंड लाइन ऑफ डिफेन्स' थे। युद्ध के दौरान, NCC ने भारतीय सेना का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। NCC कैडेट्स को भारतीय सेना के लिए एक सहायक बल के रूप में सेवा देने के लिए तैनात किया गया था। उन्होंने स्ट्रेचर-बेयरर के रूप में कार्य करने और घायलों को निकालने में सहायता करने जैसे विभिन्न कार्यों में सहयोग किया था।
दूसरे देशों में NCC जैसे संगठन
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अमेरिका में हाई स्कूल के छात्रों के बीच लीडरशिप स्किल्स और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जूनियर रिजर्व ऑफिसर ट्रेनिंग कोर (JROTC) का गठन किया गया था। यूनाइटेड किंगडम में भी कंबाइंड कैडेट फोर्स (CCF) नाम का एक सरकारी संगठन है, जिसका उद्देश्य माध्यमिक विद्यालयों में युवाओं को सैन्य, फिजिकल और आउटडोर एक्टिविटीज के साथ-साथ कैरेक्टर डेवलपमेंट में भी ट्रेनिंग प्रदान करना है। कनाडा में वहां की सरकार द्वारा 'सी (Sea) कैडेट' नाम से एक प्रोग्राम चलाया जाता है जिसका मकसद कनाडा के सशस्त्र बलों में युवाओं की भागीदारी बढ़ाना, उन युवाओं को ट्रेनिंग देना और भविष्य में उनको देश की सेवा करने के लिए अवसर देना है। ऑस्ट्रेलियन आर्मी कैडेट्स (AAC) का भी मकसद ऑस्ट्रेलिया के युवाओं में लीडरशिप स्किल्स डेवलप करना, फिजिकल एक्टिविटीज कराना और देश सेवा की भावना को जागृत करना है।
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