Milkha Singh Birthday: एक नहीं तीन बार हुई थी मिल्खा सिंह को मोहब्बत लेकिन शादी हुई इनसे
नई दिल्ली। एशियाई खेलों में 4 स्वर्ण पदक और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले मिल्खा सिंह का आज जन्मदिन है, वैसे तो पाकिस्तानी दस्तावेज कहता है कि फ्लाइंग सिख और देश के रीयल हीरो मिल्खा सिंह का जन्मदिन 20 नवंबर को हुआ था लेकिन भारत के ऑफिशियल रिकार्ड में मिल्खा सिंह का जन्मदिन 17 अक्टूबर 1935 बताया गया है।
फ्लाइंग सिख का जन्मदिन आज
भारत-पाकिस्तान बंटवारे ने बहुत सारे लोगों को अनाथ और बेघर किया था जिसमें से मिल्खा सिंह भी एक हैं। मिल्खा सिंह के दर्द और संघर्ष को लोगों ने फरहान अख्तर की सुपरहिट फिल्म 'भाग मिल्खा भाग' में बखूबी देखा है, हालांकि इस महान व्यक्ति की जिंदगी के गम, संघर्ष, प्यार और तरक्की को मात्र तीन घंटे में महसूस कर पाना बहुत मुश्किल हैं लेकिन फिर भी ओम प्रकाश मेहरा ने अपनी फिल्म के जरिये मिल्खा सिंह की हर खास बात लोगों को बताने की बखूबी कोशिश की थी।
जीवन में तीन बार मोहब्बत हुई मिल्खा सिंह को...
इस फिल्म के जरिए एक खास बात मिल्खा सिंह के बारे लोगों को पता चली थीं और वो यह है कि मिल्खा सिंह को जीवन में तीन बार मोहब्बत हुई और तीनों ही बार उनके इश्क ने उनके जीवन को गति और एक नई दिशा दी। मिल्खा सिंह के जीवन की तीन प्रेमिकाओं का रोल फिल्म में सोनम कपूर, आस्ट्रेलियन अभिनेत्री रेबेका और पाकिस्तानी तारिका मिशा शफ़ी ने निभाया था।
हर खिलाड़ी और एथलीट की जिंदगी में आता है ये मौका: मिल्खा सिंह
मालूम हो कि जब मिल्खा सिंह से फिल्म के बारे में सवाल करते हुए पूछा गया कि फिल्म में एक प्रेम-कहानी दिखायी गयी है तो इस बारे में आप क्या कहना चाहेंगे तो मिल्खा सिंह ने हंसते हुए उत्तर दिया था कि यह मौका हर खिलाड़ी और एथलीट की जिंदगी में आता है कि उसे हर स्टेशन पर एक प्रेमकहानी मिलती है। मेरे जीवन में ऐसे कई पल आये हैं, जिन्हें मैं आज भी याद करता हूं और काफी खुश होता हूं। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि मिल्खा सिंह की तीनों प्रेमिकाओं में से एक से भी मिल्खा सिंह की शादी नहीं हुई। हालांकि मिल्खा सिंह ने बाद में निर्मल कौर से 1962 में शादी की, यह भी प्रेमविवाह था। निर्मल भी बॉलीवाल खिलाड़ी थीं।
कुछ खास बातें
- मिल्खा सिंह ने 1960 और फिर 1964 में ओलंपिक में भाग लिया था, होनहार धावक के तौर पर ख्याति प्राप्त करने के बाद उन्होंने 200 मी और 400मी की दौड़ सफलतापूर्वक की और इस प्रकार भारत के अब तक के सफलतम धावक बने।
- कुछ समय के लिए वे 400मी के विश्व कीर्तिमान धारक भी रहे हैं। इन्होंने 1962 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता और 1958 में कामनवेल्थ में गोल्ड जीता।
- सेवानिवृत्ति के बाद मिल्खा सिंह खेल निर्देशक पंजाब के पद पर रहें। वे पद्म श्री की उपाधि से भी सम्मानित हुए। उनके पुत्र जीव मिल्खा सिंह गोल्फ़ के खिलाड़ी हैं।
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