तस्वीरों में देखिये संगम तट और गंगा सफाई अभियान की हकीकत
इलाहाबाद। केंद्र में सत्ता परिवर्तन को हुए डेढ़ साल होने जा रहे हैं। मोदी सरकार ने गंगा की सफाई के मुद्दे पर लोकसभा चुनाव के दौरान लोगों को जोड़ने की कोशिश की थी। सरकार बनने के बाद गंगा सफाई के लिए अलग से इसके लिए मंत्रालय भी बनाया गया, लेकिन नयी सरकार को सत्ता में आये इतने समय बाद भी गंगा की जमीनी हकीकत बदलने का नाम नहीं ले रही है।
दुनियाभर में इलाहाबाद को संगम के लिए जाना जाता है। करोड़ों श्रद्धालु यहां गंगा में पवित्र स्नान करने आते है। लेकिन जिस तरह से गंगा का जल आज भी सफाई की गुहार लगा रहा है वह इस सरकार के कार्यकलाप पर सवालिया निशान खड़ा करता है।
संगम तट की दुर्दशा सरकार की हकीकत को सबके सामने रखती है। यहां एक अदद लोग साफ-सफाई के लिए तरस रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार बदलने पर साफ-सफाई का काम कुछ दिन तो हुआ लेकिन अब हालत फिर जस की तस हो गयी है।
आज हम आपको संगट तट की हकीकत तस्वीरों के जरिए दिखाने की कोशिश करेंगी। टीवी डिबेट और मीडिया की शोरगुल में नेता गंगा की सफाई का दंभ तो भर रहे हैं और बड़े-बड़े दावे भी कर रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है।
संगम के करीब हर तरफ फैली है गंदगी
संगम तट के करीब हर तरफ फैली गंदगी गंगा के सफाई अभियान की हकीकत बयान करती है।
संगम तट का बुरा हाल
संगम तट पर फैलने वाली गंदी की सुध लेने वाला कोई नहीं
हर तरफ गंदगी और बजबजाता पानी
संगम के करीब फैली गंदगी पानी
भूल गये स्वच्छ भारत का संकल्प
पीएम की गुहार के बाद भी लोग गंगा में पूजन सामग्री फेंकने से बाज नहीं आते हैं।
गंगा में गंदगी फैलाने में श्रद्धालुओं का भी अहम योगदान
जिस तरह से गंगा सफाई अभियान में सरकार की अहम भूमिका है कुछ वैसी ही श्रद्धालुओं की भी होनी चाहिए।
बन सकता है बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस
गंगा की अविरल धारा को देखने के लिए दूर-दूर से लोग संगम तट आते हैं लेकिन यहां फैलाी गंदगी लोगों को निराश करती है।
नाव की सवारी भी यहां का मुख्य आकर्षण
संगम तट पर नाव की सवारी पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षक है। नाव पर बैठकर लोग गंगा-जमुना-सरस्वती के मिलन को देखते हैं।
गंदगी से निराश होते पर्यटक
इलाहाबाद में संगम एक प्रमुख पर्यटक स्थल है लेकिन यहां फैली गंदी पर्यटकों को यहां से दूर करती है।
जिधर देखो उधर गंदगी
संगम तट पर हर तरफ गंदगी देखकर इस पवित्र स्थल के प्रति सरकार की नीरसता साफ दिखती है।