Holi 2021: होली पर निबंध या लेख हिंदी में कैसे लिखें जानिए
नई दिल्ली। रंगों का त्योहार होली हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। आपको बता दें कि हर साल होलाष्टक खत्म होने के साथ ही होलिका का दहन होता है और उसके अगले दिन रंगो का ये त्योहार मनाया जाता है। इस साल होलिका दहन 28 मार्च को और रंग वाली होली 29 मार्च को मनाई जाएगी। होली का त्योहार सभी गिले-शिकवों को मिटाकर सिर्फ खुशियां मनाने का त्योहार है।

होलिका दहन के पीछे है एक कथा
आपको बता दें कि जिस दिन होलिका दहन किया जाता है, उसे होली और अगले दिन जब रंग वाली होली होती है, उसे दुलहंडी कहा जाता है। होलिका दहन के पीछे एक कथा है। कथा कुछ इस प्रकार है कि प्राचीन समय में हिरण्यकश्यप नाम का एक असुर हुआ करता था। उसकी एक बहन थी होलिका। हिरण्यकश्यप खुद को भगवान मानता था, लेकिन उसका जो बेटा था प्रह्लाद वो विष्णु भगवान का बहुत बड़ा भक्त था। वहीं हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु को अपना दुश्मन मानता था। वो अक्सर प्रह्लाद को विष्णु की भक्ति करने से रोकता था, लेकिन प्रह्लाद ने एक भी बात नहीं सुनी। इसी से नाराज होकर एकबार हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद की हत्या करने का विचार किया और इसके लिए उसने अपनी बहन होलिका की मदद मांगी।
होलिका एकबार प्रह्लाद को लेकर जलती चिता पर बैठ गई। होलिका को एक वरदान मिला हुआ था कि उसे अग्नि जला नहीं पाएगी, लेकिन प्रह्लाद को लेकर जब होलिका आग में बैठी तो दैवयोग से होलिका जलकर राख हो गई और प्रह्लाद को कुछ भी नहीं हुआ। इस कथा से यही सीख मिलती है कि बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो, अच्छाई और भक्ति के आगे उसे जलना ही पड़ता है। इसी दिन से होलिका दहन किया जाने लगा।
आजकल हुड़दंग भी होता है होली पर
समय के साथ-साथ आजकल होली को और भी लाजवाब अंदाज में मनाया जाता है। होली वाले दिन लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर सभी पुरानी दुश्मनियां खत्म कर देते हैं और ऐसा होता भी है, होली वाले दिन चाहकर भी किसी से कोई मन-मुटाव नहीं रखा जाता। हालांकि आजकल होली पर हुड़दंग और त्योहार की आड़ में उत्पात मचाने वाले लोग महिलाओं के साथ छेड़छाड़ भी करते हैं। ऐसी घटनाओं से हमें बचना चाहिए और सिर्फ अपने जानकारों के साथ ही रंग लगाकर और अच्छे पकवान खाकर इस त्योहार को मनाना चाहिए।