डबल इंजन की सरकार ने हरियाणा में विकास की रफ्तार को किया दोगुना
2014 के बाद से निश्चित तौर पर डबल इंजन की सरकार ने हरियाणा में विकास की रफ्तार को दोगुना कर दिया है। इन आठ वर्षों में प्रदेश ने न केवल अपनी तरह के कई विकास सुधारों पर अमल करने में एक रिकॉर्ड कायम किया है, बल्कि बुनियादी ढांचे के विकास के मामले में हरियाणा को देश के प्रमुख राज्यों में स्थापित किया है। इस सफलता का श्रेय निश्चित तौर पर माननीय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी की दूरदर्शी सोच को जाता है। मुख्यमंत्री ने ना सिर्फ बुनियादी ढांचे के विकास के लिए फंड का आवंटन बढ़ाया है, बल्कि विभिन्न नई विकास परियोजनाओं की इस तरह से स्थापना की है, जिससे हरियाणा का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया सके।
माननीय मुख्यमंत्री हरियाणा के वित्त मंत्री भी हैं। उन्होंने एक नीतिगत बदलाव लाते हुए 8,700 करोड़ रुपए का एक मध्यम अवधि का व्यय आरक्षित कोष बनाया था, ताकि दीर्घकालिक परियोजनाओं को सुचारू तरीके से पूरा किया जा सके। बजट आवंटन वार्षिक आधार पर किया जाता है और कई परियोजनाएं लंबे समय की होती हैं, जिन्हें पूरा होने में एक साल से अधिक का समय लगता है। हरियाणा सरकार ने इस तथ्य को स्वीकार किया कि कई परियोजना, खासकर जो बुनियादी ढांचे से जुड़ी है, उसे लगातार बजट सहायता की जरूरत पड़ेगी। इसलिए, वार्षिक आधार पर बजट आवंटन के कारण परियोजनाओं को पूरा करने में होने वाली देरी से बचने के लिए मध्य-अवधि व्यय संरचना की व्यवस्था करके ऐसी परियोजनाओं के लिए एक आरक्षित निधि बनाई गई है।
59
रेलवे
ओवर
ब्रिज
और
रेलवे
अंडर
ब्रिज
का
काम
पूरा,
40
प्रगति
पर
समय-समय
पर
मनोहल
लाल
की
अगुवाई
वाली
सरकार
रेलवे
ओवर
ब्रिज
और
रेलवे
अंडर
ब्रिज
का
निर्माण
सुनिश्चित
कर
रही
है।
पिछले
8
साल
में
रेलवे
की
मैपिंग
की
गई
है
और
ऐसे
जगहों
की
पहचान
की
गई
है
जहां
आरओबी
या
आरयूबी
की
आवश्यकता
है।
प्रदेश
की
मौजूदा
सरकार
के
कार्यकाल
में
59
रेलवे
ओवर
ब्रिज
और
रेलवे
अंडर
ब्रिज
के
निर्माण
का
काम
पूरा
हुआ
है
और
40
आरओबी
एवं
आरयूबी
के
निर्माण
का
काम
प्रगति
पर
है।
सड़क
से
समृद्धि
मुख्यमंत्री
का
यह
दृढ़
विश्वास
है
कि
किसी
भी
राज्य
का
आर्थिक
विकास
पूरी
तरह
उसके
क्षेत्रों
की
कनेक्टिविटी
पर
निर्भर
करता
है।
इसी
को
साकार
करते
हुए
राज्य
सरकार
ने
पूरे
प्रदेश
में
रोड
नेटवर्क
को
मजबूत
करने
के
लिए
ठोस
कदम
उठाए
हैं।
हरियाणा
से
केंद्र
सरकार
को
जो
भी
परियोजनाएं
प्रस्तावित
की
गई
हैं,
केंद्र
ने
उसे
तत्काल
हरी
झंडी
दिखाई
है।
हरियाणा
में
अब
तक
17
नए
नेशनल
हाइवे
घोषित
किए
जा
चुके
हैं,
जिनमें
से
7
पर
काम
पूरा
हो
चुका
है
और
10
पर
काम
चल
रहा
है।
इतना
ही
नहीं,
7,717
करोड़
रुपए
के
निवेश
से
18,470
किलोमीटर
सड़कों
को
बेहतर
किया
गया
है।
5,618
करोड़
रुपए
की
लागत
से
बनेगा
हरियाणा
ऑर्बिटल
रेल
कॉरिडोर
सराय
काले
खां-करनाल
और
सराय-काले
खां
से
राजस्थान
के
अलवर
की
सीमा
तक
रीजनल
रैपिड
ट्रांजिट
सिस्टम
कनेक्टिविटी
प्रोजेक्ट
लगभग
70,000
करोड़
रुपए
की
लागत
से
शुरू
की
गई
थी।
5,618
करोड़
रुपए
की
लागत
से
पलवल-सोनीपत
और
सोहना-मानेसर
के
लिए
हरियाणा
ऑर्बिटल
रेल
कॉरिडोर
की
आधारशिला
भी
रखी
गई
है।
कुरुक्षेत्र में भी एलिवेटेड रेलवे लाइन का काम शुरू हो गया है, जबकि देश की पहली एलिवेटेड रेलवे लाइन रोहतक में बन चुकी है। दिल्ली के आसपास ट्रैफिक कम करने के लिए कुंडली-मानेसर-पलवल और कुंडली-गाजियाबाद-पलवल एक्सप्रेसवे बनाई गई थी, जिसपर यातायात शुरू हो चुकी है। इसके अलावा सोनीपत-जींद रेलवे लाइन पर भी ट्रैफिक की आवाजाही शुरू हो गई है और रोहतक-महम-हांसी और करनाल यमुनानगर रेलवे लाइन पर भी काम शुरू किया जा चुका है।
नरेला से कुंडली, सोनीपत हुडा सिटी सेंटर रेलवे स्टेशन सेक्टर-22, साइबर सिटी फरीदाबाद और गुरुग्राम एवं रेजांगला चौक से सेक्टर-21 द्वारका तक दिल्ली मेट्रो के विस्तार को भी मंजूरी दी गई है। पिछले 8 वर्षों में अंबाला और भिवानी की रिंग रोड और हिसार, करनाल, कुरुक्षेत्र, पिंजौर और जींद शहरों में बाईपास का निर्माण राज्य सरकार द्वारा किया गया है।
हरियाणा
विकसित
राज्य
बनने
की
ओर
अग्रसर
है
मनोहर
लाल
सरकार
के
कार्यकाल
में
हरियाणा
जिस
रफ्तार
से
विकास
की
ओर
अग्रसर
हो
रहा
है,
उसे
देखते
हुए
यह
कहना
गलत
नहीं
होगा
कि
यह
21वीं
सदी
का
एक
विकसित
और
समृद्ध
राज्य
बनने
जा
रहा
है।
राज्य
सरकार
का
लक्ष्य
'सबका
साथ,
सबका
विकास,
सबका
विश्वास'
के
आदर्श
वाक्य
पर
काम
करते
हुए
सर्वांगीण
विकास
सुनिश्चित
करना
है।
(लेखक हरियाणा सरकार के सूचना, जन संपर्क एवं भाषा निदेशालय में डिजिटल मीडिया के हेड हैं )