Happy Teacher's Day: जब कलाम ने कहा- मुझे 'मिसाइलमैन' नहीं बल्कि 'शिक्षक' कहो
नई दिल्ली, 05 सितंबर। 'शिक्षक दिवस' का मौका हो और पू्र्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की बात ना हो, ऐसा कैसे संभव है, एपीजे अब्दुल कलाम अपने आप में एक ऐसी संपूर्ण किताब थे, जिसके हर पन्ने पर मेहनत, हिम्मत और लगन की कहानी लिखी थी। वो देश के उन महान हस्तियों में से एक थे,जिन्होंने साबित किया कि आपकी पहचान आपने काम से होती है, आपके कर्म ही आपको भला औैर बुरा बनाते हैं।
'ज्ञान ही हमारे चरित्र को खूबसूरत बनाता है'
'मिसाइल मैन' के नाम से मशहूर कलाम खुद को एक शिक्षक कहलाना पसंद करते थे। उनका मानना था कि बिना शिक्षक के इंसान कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता है। उनका एक किस्सा काफी मशहूर हुआ था, दरअसल एक बार कलाम बनारस विश्वविद्यालय में भाषण के लिए गए थे, वहां किसी ने उनसे सवाल किया कि आप किस रूप में याद किया जाना पसंद करेंगे, मिसाइलमैन या वैज्ञानिक?
'मैं शिक्षक के तौर पर याद किया जाना पसंद करूंगा'
तब डॉक्टर कलाम ने कहा- 'मैं शिक्षक के तौर पर याद किया जाना पसंद करूंगा, इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता, इसके बाद उन्होंने छात्रों को ज्ञान का मतलब समझाते हुए कहा था कि ज्ञान वह दीपक है, जो हमें अंधकार से दूर रखता है। यह हमें महान और हमारे चरित्र को खूबसूरत बनाता है।'
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कुरान और गीता दोनों पढ़ते थे कलाम
महात्मा गांधी के बाद लोगों के लिए पूज्यनीय बने कलाम के बारे में कहा जाता है कि वे कुरान और भगवद गीता दोनों का अध्ययन करते थे। यही वजह थी कि उनके व्यक्तित्व के अंदर जहां गीता का ठहराव था वहीं वाणी में कुरान की मिठास भी थी, जिसके चलते वो सबको अपना बना लेते थे। डॉक्टर कलाम अपने व्यक्तिगत जीवन में पूरी तरह अनुशासन, शाकाहार और ब्रह्मचर्य का पालन करते थे जिसकी वजह से ही वो सिर से पांव तक लोगों के लिए प्रेरणाश्रोत थे।
कलाम की लेखनी भी कमाल थी...
कलाम की लेखनी भी कमाल की थी, उन्होंने अपने शोध को चार उत्कृष्ट पुस्तकों में समाहित किया था, इन पुस्तकों के नाम है 'विंग्स ऑफ़ फायर', 'इण्डिया 2020- ए विज़न फॉर द न्यू मिलेनियम', 'माई जर्नी' तथा 'इग्नाटिड माइंड्स- अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया'।
गजब के थे कलाम
इन पुस्तकों का कई भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। कलाम भारत के ऐसे विशिष्ट वैज्ञानिक थे जिन्हें 30 विश्वविद्यालयों और संस्थानों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिल चुकी थी।
जानिए कुछ खास बातें
- एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम था।
- उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931, रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था।
- वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता के रूप में देश में जाने जाते थे।
- भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे।
- कलाम बच्चों से बहुत प्यार करते थे, वो कहते थे बच्चों के अंदर सीखने की काफी ललक होती है।
- जुलाई 1992 में वे भारतीय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त हुए।
- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक राष्ट्रपति थे।
- कलाम को 1989 में प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
- डाक्टर कलाम को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से 1997 में सम्मानित किया गया।