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#friendshipday2017: जय और वीरू जैसी है मोदी-शाह की दोस्ती

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लखनऊ। आज पूरा विश्व दोस्ती का दिन यानी कि 'फ्रेंडशिप डे' को सेलिब्रेट कर रहा है, वैसे तो दोस्ती का कोई दिन नहीं होता क्योंकि ये तो ऐसी खुशी है जो हर दिन हर पल सेलिब्रेट होती है। लेकिन दुनिया है न ..हर दिन को किसी रंग या किसी रूप में रिश्तों से जोड़ देती है इसलिए उसने 'फ्रेंडशिप डे' को भी बना दिया। दोस्ती में बिना शब्दों के अभिव्यक्तियों से ही बहुत कुछ कहा जाता है।

Friendship Day: हर एक दोस्त कमीना होता है...Friendship Day: हर एक दोस्त कमीना होता है...

मोदी-शाह: यह दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे..

मोदी-शाह: यह दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे..

और शायद यही अभिव्यक्ति महसूस होती है राजनीति के जय और वीरू यानी की पीएम नरेन्द्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बीच। आज देश के 18 राज्यों में भगवा झंडा लहरा रहा है जिसके पीछे सिर्फ और सिर्फ मोदी और शाह का यराना है और इस दोस्ती के आगे पूरे भारत ने तब सिर झुका लिया जब यूपी में अंतिम सांसों में सिसक रही भाजपा ने प्रचंड जीत हासिल की, लोगों ने इस जीत को मोदी-शाह सूनामी नाम दिया।

मोदी-शाह: तेरी जीत ..मेरी जीत.. तेरी हार..मेरी हार..

मोदी-शाह: तेरी जीत ..मेरी जीत.. तेरी हार..मेरी हार..

यूं तो मोदी और शाह की उम्र में बहुत अंतर है लेकिन दोनों की दोस्ती पर उम्र का फासला भी मायने नहीं रखता है। मोदी के करीबी कहते हैं कि पीएम मोदी बहुत कम लोगों पर भरोसा करते हैं और बहुत कम लोग ही उनके निकट हैं लेकिन उन कम लोगों में सबसे ऊपर नाम अमित शाह का है जो उनके हमराज और राजनीति के हमसफर बन चुके हैं। मोदी और अमित शाह की दोस्ती केवल 35 साल पुरानी है।

मोदी-शाह: तू जहां-जहां रहेगा मेरा साया...

मोदी-शाह: तू जहां-जहां रहेगा मेरा साया...

इन 35 सालों में मोदी और अमित शाह ने देश की राजनीति को बेहद करीब से देखा है। अगर शाह के साथ मोदी ने गुजरात में हैट्रिक पूरी की थी तो वहीं साल 2002 के दंगो का गम और दंश भी झेला है। यही नहीं अमित शाह जब जेल में थे तो उनके परिवार को भी संभालने का काम मोदी ने ही किया है। यह आपस में दोनों की समझदारी और प्यार ही है जो मोदी ने सभी लोगों को दरकिनार करते हुए साल 2014 के आम चुनावों में यूपी का चुनाव प्रभारी अमित शाह को बनाया और अमित शाह ने मोदी को पार्टी की जीत का तोहफा दिया।

मोदी-शाह: यारा तेरी यारी को मैंने तो खुदा माना...

मोदी-शाह: यारा तेरी यारी को मैंने तो खुदा माना...

उत्तर प्रदेश में तीन चौथाई बहुमत, बीजेपी ही नहीं, संघ परिवार और उसकी विचारधारा से सहमति रखने वालों के लिए सपनों के सच होने जैसा है। इसके साथ ही मोदी और शाह की जोड़ी ने भारत की चुनावी सियासत में सबसे बड़ी लकीर भी खींच दी। अटल-आडवाणी के दौर में बनी ये जोड़ी राजनीति में तीसरा दशक पूरा करेगी।

मोदी-शाह: याद करेगी दुनिया तेरा-मेरा अफसाना

मोदी-शाह: याद करेगी दुनिया तेरा-मेरा अफसाना

कुल मिलाकर शाह और मोदी की जोड़ी रमेश सिप्पी की फिल्म 'शोले' के जय-वीरू से कम नहीं हैं। जिस तरह से वो दोनों फिल्मी कैनवस पर दोस्ती के मिसाल है, ठीक उसी तरह से राजनीति के कैनवस पर मोदी और शाह है। जिस तरह से जय के गम में वीरू रोता था और वीरू की खुशी में जय हंसता था, उसी तरह से मोदी के हर फैसले में शाह की सहमति होती है और शाह के हर कदम में मोदी साथ होते हैं।

मोदी-शाह: यारों ये दोस्ती काफी हसीन है...

मोदी-शाह: यारों ये दोस्ती काफी हसीन है...

कहते हैं राजनीति ही एक ऐसा पटल है जहां कोई किसी का सगा नहीं होता, जो आज दोस्त के रूप में दिखते हैं वो कल आपको दुश्मनी निभाते नजर आएं तो आपको आश्चर्य नहीं होगा। लेकिन जिस तरह से मोदी ने नियमों को तोड़ते हुए पीएम सीट को हासिल किया है, उसी तरह से राजनीति के इस तंश जुमले को भी बदल कर दोस्ती की एक नई और अटूट मिसाल पेश की है। 'फ्रेंडशिप डे' के इस पावन पर्व पर आम लोगों की बस एक यही दुआ है कि राजनीति कें मंच पर शाह-मंच की यह जोड़ी यूं ही जगमगाती रहे और गाती रहे बने चाहें दुश्मन जमाना हमारा..सलामत रहे ये दोस्ताना हमारा।

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English summary
Friendship Day is a day dedicated to honoring and strengthening the universal values of friendship. Pm Modi and Bjp President Amit Shah are best Friend just Like Jay and Veeru. They are best example of true Friends.
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