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मासिक धर्म कोई अपराध नहीं.. बदल रही है सोच

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नई दिल्ली। भले ही समाज अभी पूरी तरह से बदला ना हो लेकिन वो बदल रहा है, लोगों की सोच में परिवर्तन हो रहा है और इसी कारण आज की लड़कियां अब उन मुश्किल दिनों के बारे में खुलकर बातें करनी लगी हैं और महीने के वो पांच-छह दिन उनके लिए जी का जंजाल नहीं बल्कि नार्मल दिन की तरह है।

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हाल ही में आयी बहुत सारी खबरें इस बात को पूरी तरह से सत्यापित भी करती हैं।वेबसाइट-इंस्टाग्राम और रूपी गौर इस बदलाव का ज्वलंत उदाहरण है। विशेषज्ञों की राय में यह एक खूबसूरत और सराहनीय कदम है क्योंकि अब वक्त आ गया है कि इन बातों को लेकर इंसान अपनी चुप्पी तोड़े। आज के बदले परिवेश में लड़कियां बाहर निकल रही हैं, कभी पढ़ने के लिए तो कभी नौकरी के लिए, ऐसे में अगर वो मासिक धर्म को लेकर सकुचायी रहेंगी तो वक्त के साथ चल कैसे पायेंगी।

मासिक धर्म कोई अपराध नहीं.. बदल रही है सोच

हालांकि यह बदलाव अभी सतही है और आज भी बहुत जगह मासिक धर्म को लेकर महिलाओं और लड़कियों को ऐसे ट्रीट किया जाता है जैसे कि उन्होंने कोई अपराध कर दिया है। इस मुद्दे पर हम और बातें करेंगे.. इसलिए आप नीचे की स्लाइडों पर क्लिक कीजिये।

मासिक-धर्म को लेकर गलत सोच

मासिक-धर्म को लेकर गलत सोच

आज भी देश के कई परिवारों में लड़कियों को मासिक धर्म के दौरान परिवार से अलग थलग कर दिया जाता है, मंदिर जाने या पूजा करने की मनाही होती है, रसोई में प्रवेश वर्जित होता है। यहां तक कि उनका बिस्तर अलग कर दिया जाता है और परिवार के किसी भी पुरुष सदस्य से इस विषय में बातचीत न करने की हिदायत दी जाती है।

मासिक धर्म को लेकर फैले जागरूकता

मासिक धर्म को लेकर फैले जागरूकता

महिलाओं के लिए काम करने वाली संस्था आकार इनोवेशंस के संस्थापक जयदीप मंडल ने मीडिया से कहा कि, "दुनिया भर में मासिक धर्म वर्जित विषय है। इससे जुड़े मिथक और गलत मान्यताएं विशेषकर विकासशील देशों और गांवों में देखने को मिलती हैं। कई युवक/पुरुष मासिक धर्म से जुड़े मूलभूत जैव विज्ञान से अंजान हैं। जब तक हम युवतियों, महिलाओं, युवकों और पुरुषों के बीच मासिक धर्म और स्वच्छता के बारे में जागरूकता नहीं फैलाएंगे, स्थिति में सुधार नहीं होगा।"

मासिक धर्म को लेकर फैले जागरूकता

मासिक धर्म को लेकर फैले जागरूकता

डाक्टरों का मानना है कि मासिक धर्म के बारे में बताने वाली सबसे अच्छी जगहें स्कूल हैं, जहां इस विषय को यौन शिक्षा और स्वच्छता से जोड़कर चर्चा की जा सकती है। इसके लिए जागरूक और उत्साही शिक्षकों की जरूरत है, जो विद्यार्थियों को मासिक धर्म से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के विषय में जानकारी दे सकें।

बदलनी है सोच

बदलनी है सोच

लड़कियों का मानना है कि पहले घर में बच्चियों की माएं ही इस बारे में अपनी सोच बदलें और इस बारे में अपनी बेटियों को ठीक से बतायें ताकि उनकी बेटी को किसी के सामने शर्मिंदा ना होना पड़े और वो हर बात से जागरूक रहे।

काफी लोग इस बारे में खुलकर बातें नहीं कर रहे

काफी लोग इस बारे में खुलकर बातें नहीं कर रहे

टीवी, इंटरनेट पर आज हर तरह की सामग्री मौजूद है जिसने लोगों की सोच मासिक धर्म के बारे में बदली है लेकिन अभी भी काफी लोग इस बारे में खुलकर बातें नहीं कर रहे हैं। लोगों को समझना होगा कि मासिक धर्म कोई अपराध नहीं है बल्कि प्रकृति की ओर से दिया गया महिलाओं को एक तोहफा है।

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English summary
Menstruation has always been a taboo subject resulting in a conspicuous silence surrounding this natural body function in women. But Now Time is Changed and this is good sign.
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