कांग्रेस-बीजेपी को मिला 5000 करोड़ का चंदा, देने वाले का पता नहीं
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 10 सालों में वर्ष 2005 से 2015 के मुताबिक कांग्रेस और बीजेपी को 5,450 करोड़ रुपए का चंदा अज्ञात लोगों ने दिया है।
नई दिल्ली। 500-1000 के नोट बंद होने के बाद ही भले कांग्रेस और भाजपा दोनों राजनीतिक पार्टियां राज्यसभा में एक-दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप कर रही हों। पर इन दोनों ही राजनीतिक पार्टियों को पिछले 10 सालों में अज्ञात लोगों ने 5000 करोड़ रुपए से ज्यादा का चंदा दिया है।
5000 करोड़ का चंदा किसने दिया पता नहीं
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 10 सालों में वर्ष 2005 से 2015 के मुताबिक कांग्रेस और बीजेपी को 5,450 करोड़ रुपए का चंदा अज्ञात लोगों ने दिया है। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक छह राजनीतिक में सबसे ज्यादा 3,323 करोड़ रुपए का चंदा कांग्रेस को मिला और इसके बाद बीजेपी का नंबर आता है। बीजेपी को अज्ञात लोगों ने 2,125 करोड़ रुपए का चंदा दिया है।
चंदे का खेल
कालेधन पर बुधवार को राज्यसभा में भाषण देने वाले सीताराम येचुरी की पार्टी सीपीएम को भी 478 करोड़ रुपए का चंदा मिला है और अज्ञात लोगों की तरफ से धन मिलने के मामले में यह तीसरे नंबर पर है। वहीं मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी को 471 करोड़ रुपए और शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 243 करोड़ रुपए का चंदा अज्ञात लोगों ने दिया है। राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव आयोग में जारी अपने हलफनामे में सिर्फ उन लोगों के बारे में जानकारी दी है जिन लोगों ने 20,000 रुपए से कम का चंदा दिया है।
इनकम टैक्स से बचने के लिए नए-नए खेल
आयकर कानून के मुताबिक 20,000 रुपए से ज्यादा के चंदे को बैंकिंग चैनल के जरिए ही लिया जा सकता है और वो ऑडिट के दायरे में आता है। इसलिए राजनीतिक पार्टियों ने 20,000 रुपए से कम का चंदा ज्यादा लिया और उसका ऑडिट नहीं किया जा सका। एडीआर के मुताबिक इन राजनीतिक पार्टियों को दिया गया चंदा कालाधन भी हो सकता है। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी का उदाहरण देते हुए बताया कि इस पार्टी को पिछले 11 सालों में 20,000 रुपए से ज्यादा का चंदा ही नहीं मिला है।
आरटीआई के जरिए नहीं जानकारी नहीं दे रही पार्टियां
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट बेंगलुरू के प्रोफेसर और एडीआर के संस्थापक सदस्य त्रिलोचन शास्त्री ने बताया कि राजनीतिक पार्टियां सूचना के अधिकार कानून के तहत कोई भी जानकारी नहीं दे रही हैं। जबकि केंद्रीय सूचना आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों को आरटीआई के तहत जानकारी देने के लिए कहा है। राजनीतिक पार्टियां यह नहीं बता रहीं हैं उन्हें यह रुपया किसने दिया। इन राजनीतिक पार्टियों को बताना चाहिए ये पैसा उन्हें कौन दे रहा है।
कांग्रेस ओर बीजेपी की आय सबसे ज्यादा
कांग्रेस और भाजपा अज्ञात स्रोतों से मिलने वाले पैसे के बारे में कुछ भी नहीं बोल रही हैं और इसके लिए उन्होंने अलग-अलग तरीके निकाल लिए हैं। कांग्रेस बताती है कि कूपंस की बिक्री करके उसने 2,941 करोड़ रुपए का फंड इकट्ठा किया है। वहीं बीजेपी ने वॉलिंटरी सहयोग के जरिए 1,947 करोड़ रुपए का फंड इकट्ठा किया है। वर्ष 2004-05 और वर्ष 2014-15 के बीच मिलने कांग्रेस की कुल आय 3,982 करोड़, बीजेपी की कुल आय 3,272 करोड़, सीपीआई एम की कुल आय 832.99 करोड़ रुपए थी।
वर्ष 2013-14 में भाजपा ने अपनी आय में कांग्रेस से भी ज्यादा तेजी के साथ बढ़ोतरी पाई। इस साल भाजपा को 673 करोड़ रुपए मिले और कांग्रेस को सिर्फ 598 करोड़ रुपए का चंदा मिला।