19 साल की बेटी ने स्टेडियम के अंदर जीता गोल्ड तो बाहर कपड़े बेच रहा था पिता
नई दिल्लीः फिल्म दंगल में अमीर खान का वो डायलॉग तो आपको याद ही होगा, जब वो कहते हैं 'म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं क्या'। ऐसा ही कुछ कहा है कि एक पिता ने जब उसकी 19 साल की लड़की ने सीनियर नेशनल रेसलिंग में 68 केजी में गोल्ड जीता। पिता स्टेडियम के बाहर रेसलर्स के लिए कपड़े बेच रहे थे तो वहीं बेटी स्टेडियम में गोल्ड के लिए कुश्ती लड़ रही थी।
दिव्या किडनी स्टोन के दर्द से पीड़ित थी
दिव्या काफी समय से रेसलिंग से दूर थी, दिव्या किडनी स्टोन के दर्द से पीड़ित थी, इसके कारण उन्हें काफी समय तक रेसलिंग से दूर रहना पड़ा था। दिव्या ने दिल्ली के एम्स में इसका इलाज भी कराया। फिर वो ठीक हो गई। अब दिव्या अंडर-23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेने पोलैंड जाएंगी।
10 साल की उम्र में लड़ी थी कुश्ती
19 साल की दिव्या काकरान ने 10 साल की उम्र में कुश्ती लड़ना शुरू किया था। उस समय वो लड़कों से मुकाबला करती थी। वो कहती हैं कि 10 साल की उम्र में उनसे कोई भी लड़का लड़ने को तैयार नहीं होता था।
पहली बार मिला 500 को नोट
उनके कुश्ती लड़ने के स्टाइल से हर कोई डरता था, एक दिन एक लड़का लड़ने को तैयार हुआ, लड़के के पिता ने घोषणा की कि अगर मेरे लड़के को हरा दिया तो मैं 500 रुपए दूंगा। लड़का हार गया और लड़के के पिता ने दिव्या को 500 रुपए का नोट दिया।
दिव्या ने ठाना कुश्ती में बनाना है कैरियर
ये पहली बार था जब दिव्या ने 500 रुपए का नोट छूआ था। दिव्या कहते हैं कि ये उसी समय तय हो गया था कि उसे अपना कैरियर रेसलिंग में ही बनाना है।
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