संत परमहंस दास ने राष्ट्रपति से शबनम को माफी देने की अपील की, कहा- महिला को फांसी उचित नहीं
अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव में अपने परिवार के सात लोगों के कत्ल की दोषी शबनम को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने सजा को बरकरार रखा और राष्ट्रपति भी उसकी दया याचिका ठुकरा चुके हैं। शबनम के बेटे ने भी राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मां को फांसी नहीं देने की गुहार लगाई है। शबनम ने प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भी पार्थना पत्र भेजा है जिसमें उसने माफी की मांग की है। शबनम के पक्ष में अब अयोध्या के संत परमहंस दास ने भी अपील की है। उन्होंने कहा कि उसका अपराध बड़ा जरूर है लेकिन फांसी नहीं दी जानी चाहिए।
संत परमहंस दास ने कहा कि शास्त्रों में स्त्रियों का स्थान पुरुषों से कहीं ऊंचा बताया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अपील है कि शबनम को मिली फांसी की सजा माफ कर दी जाय। उसने जितने दिनों की सजा काटी है, वह उसके लिए काफी है। शबनम को जीवनदान दी जाय। वह महिला है और उसका अपराध भले बड़ा हो, उसको फांसी देना उचित नहीं है। महिला होने के नाते उसको माफी मिलनी चाहिए। शबनम फिलहाल रामपुर जेल में बंद है। शबनम ने वकील के माध्यम से रामपुर जेल प्रशासन को प्रार्थना पत्र दिया है जिसमें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से माफी की गुहार लगाई है। इससे पहले राज्यपाल उसकी दया याचिका ठुकरा चुकी हैं।
14-15 अप्रैल 2008 के बीच की रात को अमरोहा के बावनखेड़ी गांव में शबनम ने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने परिवार के सात लोगों को निर्ममता से मार डाला था। इस जुर्म में शबनम और सलीम को फांसी की सजा कभी भी दी जा सकती है। अभी डेथ वारंट जारी नहीं हुआ है। रामपुर जेल के जेलर आरके वर्मा ने बताया है कि डेथ वारंट जारी होने के बाद शबनम को मथुरा जेल ले जाया जाएगा। उत्तर प्रदेश में महिला को फांसी देने की व्यवस्था मथुरा जेल में है। उन्होंने कहा कि जेल में शबनम सामान्य व्यवहार कर रही है और उसको महिला बैरक में रखा गया है।
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