Vijay divas के हीरो भैरो सिंह राठौड़ को फिल्म 'बार्डर' में दिखाया गया था शहीद,सुनील शेट्टी ने प्ले किया था रोल
वीर भैरों सिंह राठौड़ ने साल 1963 में बीएसएफ ज्वाइन की थी और साल 1987 में वे रिटायर्ड हुए थे।साल 1972 में उन्हें 'सेना पदक' से सम्मानित किया गया था।
Border(भैरो सिंह राठौड़) : 16 दिसंबर को ही भारत ने 'विजय दिवस' का जश्न मनाया है क्योंकि ये ही वो तारीख है, जिस दिन पाकिस्तानी सेना ने भारत के शौर्यवीरों के आगे घुटने टेके थे। इस जीत के रीयल हीरो में से एक भैरो सिंह राठौड़ अब हमारे बीच नहीं रहे, उन्होंने सोमवार को जोधपुर एम्स में लंबी बीमारी के बाद दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन पर पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत कई गणमान्य नेताओं ने शोक प्रकट किया है।
1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध
आपको बता दें कि 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध पर ही फिल्म 'बार्डर' बनी थी। जेपी दत्ता की इस मेगाहिट फिल्म में नायक भैरो सिंह राठौड़ का रोल मशहूर एक्टर सुनील शेट्टी ने निभाया था। इस फिल्म के जरिए सुनील शेट्टी ने साबित किया था कि वो एक्शन की तरह संजिदा रोल भी बड़े ही सुंदर अंदाज में निभा सकते हैं।
मां भारती की रक्षा के लिए पत्नी को छोड़कर चला जाता है
फिल्म में उन्होंने एक ऐसे नायक का रोल प्ले किया था जो कि अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए एक दिन पहले शादी करके आई नई-नवेली दुल्हन को छोड़कर चला जाता है और फिर देश की सेवा करते हुए शहीद हो जाता है।
भैरो सिंह राठौड़ शहीद नहीं हुए थे
हालांकि रीयल जिंदगी में भैरो सिंह राठौड़ उस युद्ध में शहीद नहीं हुए थे, इस फिल्म के हिट होने के कुछ वक्त बाद भैरो सिंह राठौड़ ने एक मीडिया चैनल से बात करते हुए फिल्म 'बार्डर' के लिए निर्माता-निर्देशकों की तारीफ की थी लेकिन उन्होंने कहा था कि 'मेरे किरदार का शहीद होना दिखाना गलत है। हालांकि मैं सच में अगर मां भारती के लिए शहीद होता तो खुद को धन्य मानता। मुझे खुशी है कि इस युद्ध पर फिल्म बनी, जिसे देखने के बाद हमारी नौजवान पीढ़ी को इसके बारे में पता चलेगा और वो देश की सेना के बारे में जान पाएंगे।'
'सैनिकों पर फिल्म जरूर बननी चाहिए'
उन्होंने आगे कहा था कि 'जैसे देश का हर बच्चा भारत की गुलामी की कहानी जानता है उसे अंग्रेजों के बारे में पता है, वैसे ही उसे आजाद भारत के वीर सैनिकों के बारे में भी पता होना चाहिए , उसे सैनिकों के त्याग और बलिदान के बारे में मालूम होना चाहिए इसलिए सैनिकों पर फिल्म जरूर बननी चाहिए।'आपको बता दें कि भारत माता से प्रेम करने वाले वीर भैरों सिंह राठौड़ ने साल 1963 में बीएसएफ ज्वाइन की थी और साल 1987 में वे रिटायर्ड हुए थे।
13 दिन तक चला था युद्ध
बता दें कि साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच 13 दिन युद्ध हुआ था, इस युद्ध के दौरान भैरो सिंह थार में लोंगेवाला चौकी पर तैनात थे और उनके साथ मात्र पंजाब रेजिमेंट के केवल 23 जवान थे , जिनके साथ मिलकर भैरो सिंह ने पाकिस्तानी सेना को धूल चटा दी थी। उनके अदम्य साहस के लिए साल 1972 में उन्हें 'सेना पदक' से सम्मानित किया गया था। अब इसे आप नियति का लिखा कहिए या कुछ और कि देश के इस वीर ने दुनिया से विदाई भी 'विजय दिवस' को मनाकर ली है, भारत अपने इस वीर की वीरता को कभी भी भूल नहीं पाएगा।